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7 महीने बाद गुरुवार को खुल रहा मंदिर, 350 साल पुराना है द्वारसैनी बाबा मंदिर का इतिहास

गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के बेको गांव स्थित 350 साल पुराने मंदिर में कोरोना काल से बंद मंदिर को सरकार की गाइड लाइन के बाद खोला जाएगा. मंदिर के खोले जाने को लेकर लोगों में उत्साह दिख रहा है.

Temple opens on Thursday after 7 months in giridih, Sona Pahari Temple Giridih Bagodar, Closed temples are being opened during Corona period, गिरिडीह में 7 महीने बाद खुल रहा मंदिर, सोना पहाड़ी मंदिर गिरिडीह बगोदर, कोरोना काल में बंद मंदिर खोले जा रहे
सोना पहाड़ी मंदिर गिरिडीह
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Published : Oct 7, 2020, 6:21 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के बेको गांव स्थित 350 साल पुराने मंदिर में कोरोना काल के कारण पहली बार सात महीने तक श्रद्धालुओं के पूजन और दर्शन पर पाबंदी रही. अब जब धार्मिक स्थलों को खोले जाने का सरकार ने आदेश जारी कर दिया है, तब यहां के लोगों में उत्साह का माहौल है.

देखें पूरी खबर

सरकार की गाइडलाइन का पालन

मंदिर कमेटी से जुड़े लोगों सहित आसपास के दुकानदारों ने खुशी जताते हुए कहा कि मंदिर बंद रहने से विरानी छाई हुई थी और हजारों लोगों के जीवन पर असर पड़ रहा था. मंदिर खोले जाने के सरकारी आदेश के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे दिन मंदिर कमेटी तैयारी में जुटी रही. मंदिर कमेटी ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाएगा. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए श्रद्धालुओं का स्क्रीनिंग किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बेटे की हत्या में मां भी थी शामिल, 6 गिरफ्तार

1963 में हुआ था मंदिर का निर्माण
सोनापहाड़ी मंदिर में द्वारसैनी बाबा का और द्वारसैनी मां का मंदिर है. इसके अलावा हनुमान और काली मंदिर भी है. जमीन से लगभग एक सौ मीटर ऊपर पहाड़ी पर मंदिर है. तत्कालीन जमींदार दयाल चौधरी के नेतृत्व में 1963 में मंदिर का निर्माण किया गया था.

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के बेको गांव स्थित 350 साल पुराने मंदिर में कोरोना काल के कारण पहली बार सात महीने तक श्रद्धालुओं के पूजन और दर्शन पर पाबंदी रही. अब जब धार्मिक स्थलों को खोले जाने का सरकार ने आदेश जारी कर दिया है, तब यहां के लोगों में उत्साह का माहौल है.

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मंदिर कमेटी से जुड़े लोगों सहित आसपास के दुकानदारों ने खुशी जताते हुए कहा कि मंदिर बंद रहने से विरानी छाई हुई थी और हजारों लोगों के जीवन पर असर पड़ रहा था. मंदिर खोले जाने के सरकारी आदेश के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे दिन मंदिर कमेटी तैयारी में जुटी रही. मंदिर कमेटी ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाएगा. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए श्रद्धालुओं का स्क्रीनिंग किया जाएगा.

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1963 में हुआ था मंदिर का निर्माण
सोनापहाड़ी मंदिर में द्वारसैनी बाबा का और द्वारसैनी मां का मंदिर है. इसके अलावा हनुमान और काली मंदिर भी है. जमीन से लगभग एक सौ मीटर ऊपर पहाड़ी पर मंदिर है. तत्कालीन जमींदार दयाल चौधरी के नेतृत्व में 1963 में मंदिर का निर्माण किया गया था.

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