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अपराधियों का पनाहगार है ग्रैंड ट्रंक रोड, 24 घंटे सक्रिय रहते हैं तस्कर

गिरिडीह से होकर गुजरी जीटी रोड (GT) अपराधियों का पनाहगार रहा है. इस मार्ग में 24 घंटे तस्कर सक्रिय रहते हैं. कई बार तस्करों को पकड़ने में पुलिस सफल भी रही है लेकिन इसके बावजूद गलत कार्यों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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अपराधियों का पनाहगार है ग्रैंड ट्रंक रो
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Published : Sep 26, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Sep 26, 2021, 10:30 AM IST

गिरिडीहः राष्ट्रीय राजमार्ग 19 जिसे पहले जीटी रोड (ग्रैंड ट्रंक रोड) कहा जाता था. यह सड़क अपराधियों की पनाहगार रही है. इस मार्ग में आगरा ( यूपी) से लेकर पश्चिम बंगाल तक कई तरह के अपराध होते रहे हैं. कइयों का अपहरण हुआ तो मादक पदार्थों की तस्करी भी होती रही. मवेशियों की तस्कर भी इसी सड़क से होकर यूपी, बिहार व झारखण्ड के मवेशियों को पश्चिम बंगाल तक पहुंचाते हैं. इस बार पहली दफा इसी सड़क के किनारे अवैध हथियार का जखीरा मिला तो सनसनी फैल गई. बगोदर में बंगाल पुलिस की छापेमारी, हथियार की बरामदगी और कथित तौर पर मिनी गन फैक्ट्री के संचालन की खबर से यहां के लोग अवाक हैं.

ये भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल पुलिस ने बगोदर में किया गन फैक्ट्री का उद्भेदन, झारखंड पुलिस ने किया इनकार

लोगों के सवाल
बगोदर से हथियार की बरामदगी के बाद सोशल मीडिया के साथ साथ स्थानीय स्तर पर यह मामला छाया हुआ है. लोग तरह तरह के सवाल कर रहे हैं. सवाल यह पूछा जा रहा है कि NHAI के टोल प्लाजा से सटे इस मकान में यदि अवैध रूप से हथियार बनाया बनाया जा रहा था या रखा गया था तो इसकी भनक लोकल पुलिस को पहले क्यूं नहीं लगी. जिस टोल पर हर समय दर्जनों लोग खड़े रहते हैं उन्हें भी कुछ पता कैसे नहीं चला.

ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
उग्रवाद प्रभावित है इलाकाजीटी रोड गिरिडीह के जिस बगोदर-डुमरी से गुजरी है वह इलाका पारसनाथ से सटा हुआ. क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित है और कई बार नक्सलियों ने इस सड़क पर ही घटना को अंजाम दिया है. एक दशक पूर्व एक साथ चार वाहनों को फूंका गया था. वहीं तीन वर्ष पूर्व ढोलघट्टा के समीप एक बंकर मिला था जहां से बम बनाने का सामान भी बरामद किया गया था. उस वक्त कहा जा रहा था कि पारसनाथ के इलाके में संचालित इसी बंकर से बम बनाकर गिरिडीह और उसके समीप के इलाके में खपाया जाता था.मवेशी तस्करों की सक्रियतादूसरी तरफ हाल के दिनों में 12 पिकअप वैन को पकड़ा गया, जिसपर 18 मवेशी को लादा गया था. वहीं इससे पहले दर्जनों दफा मवेशी लदे वाहनों को तस्करों के साथ पकड़ा जा चुका है. ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र से मवेशी तस्कर भी पूरी तरह सक्रिय हैं. वहीं हाल के दिनों में डुमरी से भारी मात्रा में अफीम भी मिल चुका है.बिहार-यूपी कनेक्शन बंगाल पुलिस की छापेमारी में हथियार बरामदगी और बंगाल पुलिस द्वारा यह कहा जाना कि बगोदर में गन फैक्ट्री चल रही थी, इसके बाद से गिरिडीह पुलिस भी जांच में जुटी है. मकान मालिक से लेकर कौन रहा रहा था इसकी जांच की जा रही है. एसडीपीओ नौशाद आलम, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह और थानेदार सनोज सिंह के द्वारा हर बिंदु पर जांच की जा रही है. हथियार के यूपी-बिहार कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है.

गिरिडीहः राष्ट्रीय राजमार्ग 19 जिसे पहले जीटी रोड (ग्रैंड ट्रंक रोड) कहा जाता था. यह सड़क अपराधियों की पनाहगार रही है. इस मार्ग में आगरा ( यूपी) से लेकर पश्चिम बंगाल तक कई तरह के अपराध होते रहे हैं. कइयों का अपहरण हुआ तो मादक पदार्थों की तस्करी भी होती रही. मवेशियों की तस्कर भी इसी सड़क से होकर यूपी, बिहार व झारखण्ड के मवेशियों को पश्चिम बंगाल तक पहुंचाते हैं. इस बार पहली दफा इसी सड़क के किनारे अवैध हथियार का जखीरा मिला तो सनसनी फैल गई. बगोदर में बंगाल पुलिस की छापेमारी, हथियार की बरामदगी और कथित तौर पर मिनी गन फैक्ट्री के संचालन की खबर से यहां के लोग अवाक हैं.

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लोगों के सवाल
बगोदर से हथियार की बरामदगी के बाद सोशल मीडिया के साथ साथ स्थानीय स्तर पर यह मामला छाया हुआ है. लोग तरह तरह के सवाल कर रहे हैं. सवाल यह पूछा जा रहा है कि NHAI के टोल प्लाजा से सटे इस मकान में यदि अवैध रूप से हथियार बनाया बनाया जा रहा था या रखा गया था तो इसकी भनक लोकल पुलिस को पहले क्यूं नहीं लगी. जिस टोल पर हर समय दर्जनों लोग खड़े रहते हैं उन्हें भी कुछ पता कैसे नहीं चला.

ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
उग्रवाद प्रभावित है इलाकाजीटी रोड गिरिडीह के जिस बगोदर-डुमरी से गुजरी है वह इलाका पारसनाथ से सटा हुआ. क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित है और कई बार नक्सलियों ने इस सड़क पर ही घटना को अंजाम दिया है. एक दशक पूर्व एक साथ चार वाहनों को फूंका गया था. वहीं तीन वर्ष पूर्व ढोलघट्टा के समीप एक बंकर मिला था जहां से बम बनाने का सामान भी बरामद किया गया था. उस वक्त कहा जा रहा था कि पारसनाथ के इलाके में संचालित इसी बंकर से बम बनाकर गिरिडीह और उसके समीप के इलाके में खपाया जाता था.मवेशी तस्करों की सक्रियतादूसरी तरफ हाल के दिनों में 12 पिकअप वैन को पकड़ा गया, जिसपर 18 मवेशी को लादा गया था. वहीं इससे पहले दर्जनों दफा मवेशी लदे वाहनों को तस्करों के साथ पकड़ा जा चुका है. ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र से मवेशी तस्कर भी पूरी तरह सक्रिय हैं. वहीं हाल के दिनों में डुमरी से भारी मात्रा में अफीम भी मिल चुका है.बिहार-यूपी कनेक्शन बंगाल पुलिस की छापेमारी में हथियार बरामदगी और बंगाल पुलिस द्वारा यह कहा जाना कि बगोदर में गन फैक्ट्री चल रही थी, इसके बाद से गिरिडीह पुलिस भी जांच में जुटी है. मकान मालिक से लेकर कौन रहा रहा था इसकी जांच की जा रही है. एसडीपीओ नौशाद आलम, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह और थानेदार सनोज सिंह के द्वारा हर बिंदु पर जांच की जा रही है. हथियार के यूपी-बिहार कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है.
Last Updated : Sep 26, 2021, 10:30 AM IST
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