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गिरिडीह: अवैध निकासी मामले में बर्खास्त रोजगार सेवक ने खुद को बताया निर्दोष, कहा- आरोप बेबुनियाद - गिरिडीह में बर्खास्त रोजगार सेवक निर्दोष की खबर

अवैध निकासी मामले में बर्खास्त रोजगार सेवक राजदेव कुमार दास ने खुद को निर्दोष बताया है. उन्होंने कहा है कि अवैध निकासी का आरोप गलत है. अवैध निकासी नहीं हुई है बल्कि कार्य के एवज में मजदूरों के बीच राशि का भुगतान किया गया है.

dismissed employee innocent in illegal withdrawal case in giridih
बर्खास्त रोजगार सेवक
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Published : Nov 16, 2020, 10:01 AM IST

बगोदर, गिरिडीह: सड़क निर्माण कराए बगैर अवैध रूप से राशि निकासी के मामले में बर्खास्त रोजगार सेवक राजदेव कुमार दास ने खुद को निर्दोष बताया है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अवैध निकासी का आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने मामले की जांच किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के एवज में मजदूरों के बीच राशि का भुगतान किया गया है.

2 लाख 57 हजार की राशि से टेपागढ़ा से मेक इन इंडिया स्कूल तक मनरेगा एक्ट के तहत मिट्टी मोरम के तहत सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई है. योजना भी 2020- 21 की है और निर्माण कार्य प्रगति पर है. टेपागढ़ा से निर्माण कार्य की शुरुआत की गई है. हालांकि मेक इन इंडिया तक अभी निर्माण कार्य नहीं पहुंचा है. निर्माण कार्य में अबतक 26 मजदूरों ने काम किया है और मजदूरों के खाते में 22 अक्टूबर को अंतिम भुगतान किया गया है. उन्होंने मामले की जांच की मांग की है.

ये भी पढ़े- गिरिडीह: बगैर काम कराए धनराशि की निकासी पर कार्रवाई, रोजगार सेवक बर्खास्त

प्रमुख मुस्ताक अंसारी और उप प्रमुख सरिता साव ने बीडीओ को आवेदन सौंपकर मनरेगा एक्ट के तहत निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य में 40 हजार रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाया था. दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी. मामले में मेठ, रोजगार सेवक, मुखिया, बीपीओ आदि को दोषी मानते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी. इसके बाद बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने जांच के बाद रोजगार सेवक को बर्खास्त किया गया है.

बगोदर, गिरिडीह: सड़क निर्माण कराए बगैर अवैध रूप से राशि निकासी के मामले में बर्खास्त रोजगार सेवक राजदेव कुमार दास ने खुद को निर्दोष बताया है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अवैध निकासी का आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने मामले की जांच किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के एवज में मजदूरों के बीच राशि का भुगतान किया गया है.

2 लाख 57 हजार की राशि से टेपागढ़ा से मेक इन इंडिया स्कूल तक मनरेगा एक्ट के तहत मिट्टी मोरम के तहत सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई है. योजना भी 2020- 21 की है और निर्माण कार्य प्रगति पर है. टेपागढ़ा से निर्माण कार्य की शुरुआत की गई है. हालांकि मेक इन इंडिया तक अभी निर्माण कार्य नहीं पहुंचा है. निर्माण कार्य में अबतक 26 मजदूरों ने काम किया है और मजदूरों के खाते में 22 अक्टूबर को अंतिम भुगतान किया गया है. उन्होंने मामले की जांच की मांग की है.

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प्रमुख मुस्ताक अंसारी और उप प्रमुख सरिता साव ने बीडीओ को आवेदन सौंपकर मनरेगा एक्ट के तहत निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य में 40 हजार रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाया था. दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी. मामले में मेठ, रोजगार सेवक, मुखिया, बीपीओ आदि को दोषी मानते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी. इसके बाद बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने जांच के बाद रोजगार सेवक को बर्खास्त किया गया है.

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