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मुखिया के घर में रखा-रखा सड़ा प्रवासी मजदूरों के हिस्से का अनाज, लोगों में आक्रोश - गिरिडीह में समय पर वितरण नहीं होने के कारण सड़ा अनाज

गिरिडीह बगोदर प्रखंड के देवराडीह पंचायत में प्रवासी मजदूरों के लिए उपलब्ध कराए गए अनाज रखे-रखे सड़ गए. समय पर वितरण नहीं किए जाने से अनाज खाने लायक नहीं रहा.

Rotten grain due to lack of timely delivery in Giridih, Grain rotten of migrant workers in Giridih, गिरिडीह में समय पर वितरण नहीं होने के कारण सड़ा अनाज, गिरिडीह में प्रवासी श्रमिकों का अनाज सड़ा
सड़ा अनाज
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Published : Oct 14, 2020, 4:56 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के देवराडीह पंचायत में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकारी स्तर से उपलब्ध कराए गए सूखा अनाज समय पर वितरण नहीं किए जाने से खाने लायक नहीं रहा. मुखिया कैलाश महतो के घर में रखे-रखे अनाज सड़ गए. चावल में जहां कीड़े रेंगने लगे हैं वहीं चना और चना दाल भी बेकार हो गए.

देखें पूरी खबर

सड़ गए अनाज

बुधवार को कुछ प्रवासी मजदूरों ने मुखिया से अनाज मांगा तब जो अनाज मजदूरों को दिया गया वह खाने लायक नहीं था. इसपर प्रवासी मजदूर मुखिया पर भड़क गए. प्रवासी मजदूर लीलधारी महतो ने बताया कि मुखिया जो अनाज दे रहे हैं वह खाने लायक नहीं है. चावल में कीड़े रेंग रहे थे. जबकि चना और चना दाल भी खराब हो गए थे. उन्होंने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- गढ़वा में दम घुटने से चार लोगों की मौत, एक परिवार के हैं तीन लोग

स्थानीय और मखिया ने क्या कहा

स्थानीय सह भाकपा माले के पूरन कुमार महतो ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान क्वॉरेंटाइन हुए मजदूरों के लिए सूखा राशन वितरण के लिए मुखिया को तीन महीने पूर्व ही अनाज उपलब्ध कराया गया था. मगर मुखिया ने उन मजदूरों के बीच राशन वितरण न कर अपने घर में रखे रहे. इसके कारण अनाज खाने लायक नहीं रहा. उन्होंने मामले में दोषी मुखिया पर कार्रवाई की मांग की है. मुखिया कैलाश महतो बताया कि पंचायत में चार-पांच सौ प्रवासी मजदूर आए थे. मगर मजदूरों के हिसाब से सरकारी स्तर पर अनाज उपलब्ध नहीं कराया गया था. महज 70 पैकेट अनाज उपलब्ध कराया गया था. कम अनाज होने के कारण मजदूरों से संपर्क कर उन्हें अनाज लेने को कहा था. कुछ मजदूरों ने अनाज ले लिया था और जो बच गए थे वहीं खराब हो गए.

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के देवराडीह पंचायत में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकारी स्तर से उपलब्ध कराए गए सूखा अनाज समय पर वितरण नहीं किए जाने से खाने लायक नहीं रहा. मुखिया कैलाश महतो के घर में रखे-रखे अनाज सड़ गए. चावल में जहां कीड़े रेंगने लगे हैं वहीं चना और चना दाल भी बेकार हो गए.

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सड़ गए अनाज

बुधवार को कुछ प्रवासी मजदूरों ने मुखिया से अनाज मांगा तब जो अनाज मजदूरों को दिया गया वह खाने लायक नहीं था. इसपर प्रवासी मजदूर मुखिया पर भड़क गए. प्रवासी मजदूर लीलधारी महतो ने बताया कि मुखिया जो अनाज दे रहे हैं वह खाने लायक नहीं है. चावल में कीड़े रेंग रहे थे. जबकि चना और चना दाल भी खराब हो गए थे. उन्होंने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

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स्थानीय और मखिया ने क्या कहा

स्थानीय सह भाकपा माले के पूरन कुमार महतो ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान क्वॉरेंटाइन हुए मजदूरों के लिए सूखा राशन वितरण के लिए मुखिया को तीन महीने पूर्व ही अनाज उपलब्ध कराया गया था. मगर मुखिया ने उन मजदूरों के बीच राशन वितरण न कर अपने घर में रखे रहे. इसके कारण अनाज खाने लायक नहीं रहा. उन्होंने मामले में दोषी मुखिया पर कार्रवाई की मांग की है. मुखिया कैलाश महतो बताया कि पंचायत में चार-पांच सौ प्रवासी मजदूर आए थे. मगर मजदूरों के हिसाब से सरकारी स्तर पर अनाज उपलब्ध नहीं कराया गया था. महज 70 पैकेट अनाज उपलब्ध कराया गया था. कम अनाज होने के कारण मजदूरों से संपर्क कर उन्हें अनाज लेने को कहा था. कुछ मजदूरों ने अनाज ले लिया था और जो बच गए थे वहीं खराब हो गए.

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