बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के देवराडीह पंचायत में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकारी स्तर से उपलब्ध कराए गए सूखा अनाज समय पर वितरण नहीं किए जाने से खाने लायक नहीं रहा. मुखिया कैलाश महतो के घर में रखे-रखे अनाज सड़ गए. चावल में जहां कीड़े रेंगने लगे हैं वहीं चना और चना दाल भी बेकार हो गए.
सड़ गए अनाज
बुधवार को कुछ प्रवासी मजदूरों ने मुखिया से अनाज मांगा तब जो अनाज मजदूरों को दिया गया वह खाने लायक नहीं था. इसपर प्रवासी मजदूर मुखिया पर भड़क गए. प्रवासी मजदूर लीलधारी महतो ने बताया कि मुखिया जो अनाज दे रहे हैं वह खाने लायक नहीं है. चावल में कीड़े रेंग रहे थे. जबकि चना और चना दाल भी खराब हो गए थे. उन्होंने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
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स्थानीय और मखिया ने क्या कहा
स्थानीय सह भाकपा माले के पूरन कुमार महतो ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान क्वॉरेंटाइन हुए मजदूरों के लिए सूखा राशन वितरण के लिए मुखिया को तीन महीने पूर्व ही अनाज उपलब्ध कराया गया था. मगर मुखिया ने उन मजदूरों के बीच राशन वितरण न कर अपने घर में रखे रहे. इसके कारण अनाज खाने लायक नहीं रहा. उन्होंने मामले में दोषी मुखिया पर कार्रवाई की मांग की है. मुखिया कैलाश महतो बताया कि पंचायत में चार-पांच सौ प्रवासी मजदूर आए थे. मगर मजदूरों के हिसाब से सरकारी स्तर पर अनाज उपलब्ध नहीं कराया गया था. महज 70 पैकेट अनाज उपलब्ध कराया गया था. कम अनाज होने के कारण मजदूरों से संपर्क कर उन्हें अनाज लेने को कहा था. कुछ मजदूरों ने अनाज ले लिया था और जो बच गए थे वहीं खराब हो गए.