गिरिडीह: लोकसभा क्षेत्र गिरिडीह के लिए जहां आजसू और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी दो क्षेत्रीय पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है. वहीं, मायावती की पार्टी बसपा भी अब मैदान में आ गई है. झारखंड में कांग्रेस समर्थित महागठबंधन प्रत्याशी जगन्नाथ महतो के खिलाफ बसपा का प्रत्याशी मैदान में है.
गिरिडीह लोकसभा से कुल 26 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है, जिसमें एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी का प्रत्याशी बसपा का रसूल बख्श हैं. रसूल बख्श कांग्रेस के पूर्व विधायक दिवंगत इजराइल अंसारी के भाई हैं. इससे पहले तक ये जेएमएम की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद वो बागी हो गए. अब रसूल बख्श लोकसभा चुनाव 2019 में हाथी की सवारी कर दिल्ली जाने की फिराक में हैं.
इजराइल अंसारी बोकारो के कथारा कोलियरी के झिरकी गांव के रहने वाले थे. झिरकी जहां के कोयला खदान में लगी आग पूरे देश में चर्चा में हैं. उसी झिरकी के इजरायल अंसारी की छवि एक सर्कुलर नेता के रूप में रही. इजराइल अंसारी के बारे में कहा जाता है की उन्होंने अपने प्रयास से कई मंदिरों का भी निर्माण कराया. कई लोगों की नौकरी लगवाई, तो कई हिन्दू-मुस्लिम परिवारों को मासिक आर्थिक मदद भी देते रहे.
इजराइल अंसारी की मौत के बाद उनके बेटे इसराफिल उर्फ बबनी अब कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं. वो बोकारो विधानसभा से टिकट के लिए दावेदारों में से एक हैं. उन्हीं इजराइल अंसारी का भाई रसूल बख्श अब बसपा के हाथी पर चढ़कर दिल्ली दर्शन के लिए तैयार हैं. उन्हें विश्वास है कि उनके भाई इजराइल अंसारी ने जो क्षेत्र में काम किया है उसका फायदा उन्हें मिलेगा.