गिरिडीह: प्रदेश में जब भी कोयला, अवैध अभ्रक, बैरल पत्थर, सफेद पत्थर के अवैध खनन की बात होती है तो गिरिडीह के नाम की चर्चा हो जाती है. इन मिनरल्स के अवैध खनन से लेकर परिवहन में संगठित गिरोह काम करता रहा है. गिरिडीह कोलियरी के इलाके से अवैध कोयला खनन कर उसे बाइक-बैलगाड़ी के सहारे खपाने का काम होता रहा है. इसी तरह अभ्रक का भी काला कारोबार धड़ल्ले से चलता रहा है.
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कोयला पर अंकुश, अभ्रक सरेआम: कोयले के अवैध कारोबार पर रोकथाम में काफी हद तक पुलिस को सफलता मिली है. एसपी अमित रेणू के निर्देश पर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम और परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह की टीम ने इलीगल माइंस को भरने का न सिर्फ काम किया बल्कि इसमें सफलता भी मिली. कई लोगों को जेल भी भेजा गया. हालांकि मौका मिलने पर चोरी छिपे तस्कर कोयला पर हाथ साफ करते रहे. वहीं बिहार की सीमा से सटे तिसरी-गावां के इलाके में अभ्रक का अवैध खनन और परिवहन लगातार जारी है. यहां से अवैध माइका को ट्रक पर लादकर शहर भेजा जा रहा है और कई कारखानों में खपाया जा रहा है.
बैरल और सफेद पत्थर पर माफिया की नजर: इसी तरह बैरल और सफेद पत्थर पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि पड़ी हुई है. तिसरी गावां इलाके से बैरल पत्थर और जिले के अधिकांश इलाके से सफेद पत्थर का अवैध खनन चल रहा है. इसमें भी संगठित गिरोह सक्रिय है. इसी तरह बालू की भी लूट मची है.
माफियाओं पर नजर: अब जिला पुलिस ने उन माफियाओं पर नजर रखना शुरू कर दिया है जो लोग इस तरह के आर्थिक अपराध में शामिल हैं. ऐसे माफिया के हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. जिनपर भी पहले मुकदमा हुआ है वे अभी क्या कर रहे हैं इसकी भी जानकारी इकठ्ठा की जा रही है. एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कोयला-बालू के अवैध खनन में शामिल लोगों पर लगातार कार्यवाई की जा रही है. 1400 से अधिक इलीगल माइंस को सीसीएल के सहयोग से भरा गया है. यह काम लगातार जारी है. हाल में भी मुकदमा हुआ है तो दूसरे जिले से इलीगल कोयला लेकर जा रहे ट्रकों को भी पकड़ा गया है.