गिरिडीह: जिले के बिरनी थाना पुलिस पर मुखिया समेत चार घरों में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगा है. बाद में बात बढ़ी तो बिरनी के पुलिस पदाधिकारियों को माफी मांगनी पड़ी. यह मामला बिरनी प्रखंड के सिमराढाब पंचायत का है. जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति लॉकडाउन तोड़कर बाइक से भाग रहा था. पुलिस उसका पीछा करते हुए सिमराढाब गांव आ पहुंची. इस बीच लॉकडाउन तोड़ने वाला व्यक्ति स्थानीय मुखिया मुनावती बैठा के घर आ पहुंचा. पुलिस भी वहीं आ पहुंची, जिस वक्त पुलिस पहुंची उस समय एक डीलर द्वारा अनाज का वितरण किया जा रहा था. यहीं पर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कहासुनी हो गयी. जिसके बाद बिरनी थाना प्रभारी गुस्से से चले गए. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ देर बाद बिरनी पुलिस के साथ आईआरबी के जवान भी पहुंचे और कई लोगों को पीट डाला.
बेरहमी से की गई पिटाई: पूर्व मुखिया
सिमराढाब पंचायत के मुखिया मुनावती बैठा के पति पूर्व मुखिया रामू बैठा ने बिरनी थाना प्रभारी सुरेश कुमार मंङल पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारी संख्या में पुलिस बल बुलाकर लोगों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करते हुए पुलिस ने मारपीट किया. उन्होंने इस दौरान महिलाओं को भी पीटने का आरोप लगाया.
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सूचना पर हरकत में आये पदाधिकारी, हुई बैठक
इधर, इस मामले की सूचना के बाद अनुमंडल पदाधिकारी रामकुमार मंडल, एसडीपीओ बिनोद कुमार महतो, सीओ संदीप कुमार मधेशिया हरकत में आ गए. सीओ ने सिमराढाब गांव पहुंच कर मामले की पड़ताल की. इसके बाद बीडीओ के चैंबर में बैठक हुई, इस बैठक में थाना प्रभारी ने गलती स्वीकारी और माफी मांगी. हालंकि इस दौरान थाना प्रभारी बार-बार यही कहते रहे कि मारपीट का आरोप गलत है. साजिश के तहत उन्हें बदनाम किया गया, इस दौरान एसडीओ, एसडीपीओ ने इस घटना की निंदा भी की.