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विदेश में फंसे झारखंड के इन लोगों की सुषमा स्वराज ने कराई थी वतन वापसी, कहा- नहीं भुला सकते उनकी मदद - heart attack

झारखंड में भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के निधन पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी है. सुषमा स्वराज ने अपने विदेश मंत्री के कार्यकाल के दरम्यान विदेश में फंसे कई लोगों की भारत वापसी कराई थी. इसमें झारखंड के भी कई लोग शामिल हैं.

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन
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Published : Aug 7, 2019, 3:07 PM IST

गिरिडीह: पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर लीडर के साथ ही प्रखर वक्ता रहीं सुषमा स्वराज का मंगलवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुषमा स्वराज के निधन से गिरिडीह और उसके आस-पास जिले के लोग भी मायूस हैं. सुषमा स्वराज ने विदेश में फंसे जिन लोगों की भारत वापसी कराई वो बेहद ही स्तब्ध हैं.

वीडियो में देखें पबरी खबर

देश की पहली महिला विदेश मंत्री के निधन पर सूबे में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई. गिरिडीह के बगोदर से सटे बोकारो के चतरोचट्टी थाना इलाके के रहने वाले सब्बीर गिरिडीह और बोकारो के मजदूरों के साथ काम करने मलेशिया गए. इसके बाद वो वहीं पर फंस गए. उनके साथ 30 अन्य मजदूर भी फंसे रहे.

इसकी जानकारी जब प्रवासियों के लिए काम करने वाले बगोदर के सिकंदर अली को मिली, तो उन्होंने प्रयास शुरू किया. उस वक्त विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज से संपर्क साधा गया. सुषमा ने इस समस्या का न सिर्फ हल निकाला बल्कि सभी की वतन वापसी भी कराई. सिकंदर कहते हैं कि उनके द्वारा की गई मदद को झारखंड के मजदूर कभी भी नहीं भूल सकते.

गिरिडीह: पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर लीडर के साथ ही प्रखर वक्ता रहीं सुषमा स्वराज का मंगलवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुषमा स्वराज के निधन से गिरिडीह और उसके आस-पास जिले के लोग भी मायूस हैं. सुषमा स्वराज ने विदेश में फंसे जिन लोगों की भारत वापसी कराई वो बेहद ही स्तब्ध हैं.

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देश की पहली महिला विदेश मंत्री के निधन पर सूबे में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई. गिरिडीह के बगोदर से सटे बोकारो के चतरोचट्टी थाना इलाके के रहने वाले सब्बीर गिरिडीह और बोकारो के मजदूरों के साथ काम करने मलेशिया गए. इसके बाद वो वहीं पर फंस गए. उनके साथ 30 अन्य मजदूर भी फंसे रहे.

इसकी जानकारी जब प्रवासियों के लिए काम करने वाले बगोदर के सिकंदर अली को मिली, तो उन्होंने प्रयास शुरू किया. उस वक्त विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज से संपर्क साधा गया. सुषमा ने इस समस्या का न सिर्फ हल निकाला बल्कि सभी की वतन वापसी भी कराई. सिकंदर कहते हैं कि उनके द्वारा की गई मदद को झारखंड के मजदूर कभी भी नहीं भूल सकते.

Intro:गिरिडीह। पूर्व विदेश मंत्री व भाजपा की लीडर के साथ-साथ प्रखर वक्ता रही सुषमा स्वराज आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी याद हमेशा ताजा रहेगी. सुषमा स्वराज के निधन से गिरिडीह व उसके समीप के जिला के लोग भी मायूस हैं. खासकर वैसे लोगों में मायूसी देखी जा रही है जो कभी काम के दौरान विदेशों जैसे मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों में फंसे रहे और जिनकी वतन वापसी सुषमा स्वराज के विदेश मंत्री रहते हो सकी.Body:ऐसे ही लोगों में गिरिडीह के बगोदर से सटे बोकारो के चतरोचट्टी थाना इलाके के रहनेवाले सब्बीर हैं. सब्बीर गिरिडीह, बोकारो के मजदूरों के साथ काम करने मलेशिया गए थे और वहीं पर वे फंस गए थे. उनके साथ 30 अन्य मजदूर भी फंसे रहे. इसकी जानकारी जब प्रवासियों के लिए काम करनेवाले बगोदर के सिकंदर अली को मिली तो उन्होंने प्रयास शुरू किया. उस वक्त विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज से सम्पर्क साधा गया. सुषमा ने इस समस्या का न सिर्फ हल निकाला बल्कि सभी की वतन वापसी भी करवायी.Conclusion:सिकंदर कहते हैं कि उनके द्वारा किये गए मदद को झारखण्ड के मजदूर कभी भी नहीं भूल सकते.

बाइट 1: सब्बीर, मलेशिया से घर लौटा मजदूर
बाइट 2: सिकंदर अली, प्रवासियों के लिए काम करनेवाला सामाजिक कार्यकर्ता
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