गिरिडीह: पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर लीडर के साथ ही प्रखर वक्ता रहीं सुषमा स्वराज का मंगलवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुषमा स्वराज के निधन से गिरिडीह और उसके आस-पास जिले के लोग भी मायूस हैं. सुषमा स्वराज ने विदेश में फंसे जिन लोगों की भारत वापसी कराई वो बेहद ही स्तब्ध हैं.
देश की पहली महिला विदेश मंत्री के निधन पर सूबे में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई. गिरिडीह के बगोदर से सटे बोकारो के चतरोचट्टी थाना इलाके के रहने वाले सब्बीर गिरिडीह और बोकारो के मजदूरों के साथ काम करने मलेशिया गए. इसके बाद वो वहीं पर फंस गए. उनके साथ 30 अन्य मजदूर भी फंसे रहे.
इसकी जानकारी जब प्रवासियों के लिए काम करने वाले बगोदर के सिकंदर अली को मिली, तो उन्होंने प्रयास शुरू किया. उस वक्त विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज से संपर्क साधा गया. सुषमा ने इस समस्या का न सिर्फ हल निकाला बल्कि सभी की वतन वापसी भी कराई. सिकंदर कहते हैं कि उनके द्वारा की गई मदद को झारखंड के मजदूर कभी भी नहीं भूल सकते.