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गिरिडीह में नारी मुक्ति संघ की प्रमुख नेता दुला बास्के गई जेल, पूछताछ में पुलिस के हाथ खाली

नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की प्रमुख इकाई नारी मुक्ति संघ की प्रमुख नक्सली दुला बास्के गिरफ्तार हो चुकी है. दुला से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है. हालांकि दुला से संगठन का कोई राज उगलवाने में पुलिस नाकाम ही रही है.

Nari Mukti Sangh
गिरिडीह में नारी मुक्ति संघ की प्रमुख नेता दुला बास्के गई जेल,
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Published : Apr 9, 2022, 10:21 PM IST

गिरिडीहः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. इस बार नक्सली संगठन के घटक नारी मुक्ति संघ की हेड दुला बास्के उर्फ दुला दी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दुला बास्के को शनिवार को खुखरा थाने की पुलिस की ओर से अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. दुला को खुखरा थाना कांड संख्या 13/17 में जेल भेजा गया है.

यह भी पढ़ेंःगिरिडीह में दो नक्सली गिरफ्तार, कुख्यात कृष्णा हांसदा के दस्ते का था सदस्य

पुलिस ने बताया कि दुला की गिरफ्तारी डुमरी और बगोदर थाने के सीमा से की गई है. दुला एक बस से हजारीबाग जा रही थी. उन्होंने कहा कि हजारीबाग कोर्ट में अपने केस के सिलसिले में जा रही थी. इसकी सूचना मिली तो अनन फानन में बस की तलाशी की गई और गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि खुखरा थाना में दुला के खिलाफ साल 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि नक्सली बैठक कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने छापामारी की और नक्सली साहित्य, पर्चा, डेटोनेटर और हथियार बरामद किया था.


बताया जाता है कि नक्सली संगठन की शीर्ष प्रभा की गिरफ्तारी के बाद दुला को नारी मुक्ति संघ की सबसे शीर्ष पद पर बैठाया गया था. दुला के पति चमन उर्फ लम्बू उर्फ करमचंद हांसदा भाकपा माओवादी के सेक मेंबर है और 25 लाख का इनामी नक्सली भी है. दुला के चाचा ससुर हितेश उर्फ नंदलाल पर भी 25 लाख रुपये का इनाम है. इससे पहले दुला को हजारीबाग जिले के मुफस्सिल थाने की पुलिस साल 2009 में गिरफ्तार की थी. गिरफ्तारी के बाद 2015 तक दुला बास्के जेल में रही. जेल से निकलने के बाद दुला पुन: नारी मुक्ति संघ में सक्रिय हो गयी. दुला ने पुलिस को पुछताछ में बताया है कि उसे भाकपा माओवादी रिजनल कमिटी मेंबर 15 लाख का इनामी कृष्णा हासंदा की ओर से प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिया जाता है. इस पैसे से अपना इलाज कराती है और कोर्ट में अपने केस के लिए खर्च करती है. इसके अलावा जंगल में जाकर 10 लाख का इनामी जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो से मिलती है और सलाह लेती है.


दुला से लंबी पूछताछ के बाद भी पुलिस प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का कोई राज नहीं उगलवा सकी. दुला की गिरफ्तारी के बाद नक्सल अभियान से जुड़े बड़े अधिकारी ने घंटों पूछताछ की. लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. दुला से पूछताछ के बाद नहीं किसी नक्सली की गिरफ्तारी हो सकी और नहीं उसके निशानदेही पर हथियार व विस्फोटक बरामद हुआ है. पुलिस ने बताया कि दुला बास्के पर नक्सल वारदात को लेकर आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. दुला के खिलाफ गिरिडीह जिले के पीरटांड़ में दो, डुमरी में एक, बिरनी में एक, खुखरा में एक, निमियाघाट में एक और हजारीबाग जिले के मुफस्सिल थाना में एक मामला दर्ज है.

गिरिडीहः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. इस बार नक्सली संगठन के घटक नारी मुक्ति संघ की हेड दुला बास्के उर्फ दुला दी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दुला बास्के को शनिवार को खुखरा थाने की पुलिस की ओर से अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. दुला को खुखरा थाना कांड संख्या 13/17 में जेल भेजा गया है.

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पुलिस ने बताया कि दुला की गिरफ्तारी डुमरी और बगोदर थाने के सीमा से की गई है. दुला एक बस से हजारीबाग जा रही थी. उन्होंने कहा कि हजारीबाग कोर्ट में अपने केस के सिलसिले में जा रही थी. इसकी सूचना मिली तो अनन फानन में बस की तलाशी की गई और गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि खुखरा थाना में दुला के खिलाफ साल 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि नक्सली बैठक कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने छापामारी की और नक्सली साहित्य, पर्चा, डेटोनेटर और हथियार बरामद किया था.


बताया जाता है कि नक्सली संगठन की शीर्ष प्रभा की गिरफ्तारी के बाद दुला को नारी मुक्ति संघ की सबसे शीर्ष पद पर बैठाया गया था. दुला के पति चमन उर्फ लम्बू उर्फ करमचंद हांसदा भाकपा माओवादी के सेक मेंबर है और 25 लाख का इनामी नक्सली भी है. दुला के चाचा ससुर हितेश उर्फ नंदलाल पर भी 25 लाख रुपये का इनाम है. इससे पहले दुला को हजारीबाग जिले के मुफस्सिल थाने की पुलिस साल 2009 में गिरफ्तार की थी. गिरफ्तारी के बाद 2015 तक दुला बास्के जेल में रही. जेल से निकलने के बाद दुला पुन: नारी मुक्ति संघ में सक्रिय हो गयी. दुला ने पुलिस को पुछताछ में बताया है कि उसे भाकपा माओवादी रिजनल कमिटी मेंबर 15 लाख का इनामी कृष्णा हासंदा की ओर से प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिया जाता है. इस पैसे से अपना इलाज कराती है और कोर्ट में अपने केस के लिए खर्च करती है. इसके अलावा जंगल में जाकर 10 लाख का इनामी जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो से मिलती है और सलाह लेती है.


दुला से लंबी पूछताछ के बाद भी पुलिस प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का कोई राज नहीं उगलवा सकी. दुला की गिरफ्तारी के बाद नक्सल अभियान से जुड़े बड़े अधिकारी ने घंटों पूछताछ की. लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. दुला से पूछताछ के बाद नहीं किसी नक्सली की गिरफ्तारी हो सकी और नहीं उसके निशानदेही पर हथियार व विस्फोटक बरामद हुआ है. पुलिस ने बताया कि दुला बास्के पर नक्सल वारदात को लेकर आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. दुला के खिलाफ गिरिडीह जिले के पीरटांड़ में दो, डुमरी में एक, बिरनी में एक, खुखरा में एक, निमियाघाट में एक और हजारीबाग जिले के मुफस्सिल थाना में एक मामला दर्ज है.

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