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पूरी ईमानदारी से तैयार की गयी है विकास की तस्वीर, जनता की कसौटी पर खरे उतर रहे हैं सीएम हेमंतः सुदिव्य - MLA Sudivya Kumar

हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए हैं. वहीं, गिरिडीह से पहली दफा विधायक बने सुदिव्य कुमार ने इस 100 दिनों के कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है.

MLA Sudivya kumar interview on the completion of 100 days of hemant Sarkar
विधायक सुदिव्य कुमार
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Published : Apr 8, 2020, 3:20 PM IST

गिरिडीहः हेमंत सरकार ने 100 दिनों का सफर तय कर लिया है. इन सौ दिनों के दौरान सरकार का कार्य कैसा रहा यह जानने का प्रयास गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार से किया गया. सुदिव्य पहली दफा विधायक बने हैं ऐसे में उनकी योजना की भी जानकारी ली गयी. ईटीवी भारत से बात करते हुए सुदिव्य ने बेबाकी भरे अंदाज में अपनी और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लिखा 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र, कहा- लागू कराएं वन धन योजना

संगठन में किये कामों से मिला फायदा

विधायक सुदिव्य ने बताया कि 31 वर्षों से संगठन में काम करके जनता की समस्या को देखा औक समझा है. विधायी कर्तव्यों के साथ जनता के समस्याओं के समाधान में जो दृष्टि बतौर कार्यकर्ता विकसित हुई थी उसका बड़ा लाभ मिलता है और सहूलियत होती है.

कई काम है करने

विधायक सुदिव्य ने बताया कि क्षेत्र के समुचित विकास के लिए उन्होंने बड़े सपने देखे हैं. मेडिकल कॉलेज का निर्माण, गिरिडीह को उप राजधानी का दर्जा दिलाना, जैसे कार्यों को गति मिली है. उन्होंने कहा कई ऐसी चीजें जो अब तक नहीं हो पाई थी जैसे ट्रॉमा सेंटर बनाने का मसला हो या वैसी चीजें जो उनको बतौर कार्यकर्ता या बतौर नागरिक महसूस होता रहा है सुदिव्य उन कामों को करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह काम पूरी ईमानदारी से किया जा रहा है और उम्मीद है कि सभी का सहयोग मिलेगा.

झारखंड हित का ख्याल रखते हैं सीएम

विधायक ने कहा कि राज्य को लंबे अरसे के बाद झारखंडी सोचवाला मुख्यमंत्री मिला है. बहुत सारे सपनें, बहुत सारी आकांक्षाएं सभी को इस सरकार से है. वहीं, ग्रामीणों के मन में बहुत सारी चीजें थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि कोरोना जैसी आपदा ने सरकार को खुलकर काम करने का मौका नहीं दिया. इसके बावजूद इस विपदा की घड़ी में यह सुकून भी है कि भारतवर्ष के साथ सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री में हेमंत सोरेन का नाम आया है.

इतने सीमित संसाधनों के बाद कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ जिस तरह से एकजुट होकर पूरे राज्य को साथ लेकर लड़ने का प्रण लिया है. जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं. इस आपदा से विजयी होने के बाद राज्य में झारखंडी सोच की योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जिस तरह झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन को समर्थन दिया है मुख्यमंत्री भी जनता की कसौटी पर खरे उतरेंगे.

गिरिडीहः हेमंत सरकार ने 100 दिनों का सफर तय कर लिया है. इन सौ दिनों के दौरान सरकार का कार्य कैसा रहा यह जानने का प्रयास गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार से किया गया. सुदिव्य पहली दफा विधायक बने हैं ऐसे में उनकी योजना की भी जानकारी ली गयी. ईटीवी भारत से बात करते हुए सुदिव्य ने बेबाकी भरे अंदाज में अपनी और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी.

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संगठन में किये कामों से मिला फायदा

विधायक सुदिव्य ने बताया कि 31 वर्षों से संगठन में काम करके जनता की समस्या को देखा औक समझा है. विधायी कर्तव्यों के साथ जनता के समस्याओं के समाधान में जो दृष्टि बतौर कार्यकर्ता विकसित हुई थी उसका बड़ा लाभ मिलता है और सहूलियत होती है.

कई काम है करने

विधायक सुदिव्य ने बताया कि क्षेत्र के समुचित विकास के लिए उन्होंने बड़े सपने देखे हैं. मेडिकल कॉलेज का निर्माण, गिरिडीह को उप राजधानी का दर्जा दिलाना, जैसे कार्यों को गति मिली है. उन्होंने कहा कई ऐसी चीजें जो अब तक नहीं हो पाई थी जैसे ट्रॉमा सेंटर बनाने का मसला हो या वैसी चीजें जो उनको बतौर कार्यकर्ता या बतौर नागरिक महसूस होता रहा है सुदिव्य उन कामों को करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह काम पूरी ईमानदारी से किया जा रहा है और उम्मीद है कि सभी का सहयोग मिलेगा.

झारखंड हित का ख्याल रखते हैं सीएम

विधायक ने कहा कि राज्य को लंबे अरसे के बाद झारखंडी सोचवाला मुख्यमंत्री मिला है. बहुत सारे सपनें, बहुत सारी आकांक्षाएं सभी को इस सरकार से है. वहीं, ग्रामीणों के मन में बहुत सारी चीजें थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि कोरोना जैसी आपदा ने सरकार को खुलकर काम करने का मौका नहीं दिया. इसके बावजूद इस विपदा की घड़ी में यह सुकून भी है कि भारतवर्ष के साथ सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री में हेमंत सोरेन का नाम आया है.

इतने सीमित संसाधनों के बाद कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ जिस तरह से एकजुट होकर पूरे राज्य को साथ लेकर लड़ने का प्रण लिया है. जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं. इस आपदा से विजयी होने के बाद राज्य में झारखंडी सोच की योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जिस तरह झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन को समर्थन दिया है मुख्यमंत्री भी जनता की कसौटी पर खरे उतरेंगे.

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