गिरिडीहः अवैध खनन को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की सख्ती के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू की है. अब खनन विभाग ने बकाया वसूली को लेकर उन कारोबारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, जिसने सरकार को करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं किया है. गिरिडीह खनन विभाग ने दो कारोबारियों को चिन्हित किया है, जिसपर सर्टिफिकेट केस किया गया है. इसके साथ ही दोनों के खिलाफ वारंट और कुर्की के लिए प्रयास किया जा रहा है.
जिला खनन पदाधिकारी सतीश कुमार नायक कहा कि 26 मई 2020 को बिरनी के बासोडीह के रहने वाले कैलाश प्रसाद मंडल और शास्त्रीनगर के रहने वाले राकेश चंद्र के द्वारपहरी स्थित पत्थर खदान का निरीक्षण डीडीएम के नेतृत्व में किया गया था. निरीक्षण के दौरान दोनों खदानों में काफी अनियमितता मिली. उन्होंने कहा कि 35 लाख 89 हजार 950 सीएफटी पत्थर का अंतर पाया गया, जिसका स्वामित्व निर्धारित किया गया. इस मामले में पत्थर की दोगुनी राशि 2 करोड़ 13 लाख 48 हजार 176 रुपया जमा करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन दोनों कारोबारियों की ओर से जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया गया.
जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि बकाया भुगतान नहीं करने पर सर्टिफिकेट केस फाइल किया गया था. इस मुकदमे में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब सर्टिफिकेट ऑफिस से उन्हें चेतावनी नोटिस दिया गया है. अब वारंट और कुर्की की कार्रवाई के लिए प्रयास किया जा रहा है. इस मामले में आदेश जारी होते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि गिरिडीह में एक तरफ अवैध रूप से पत्थर का खनन होता है. इसके खिलाफ कार्रवाई भी गाहे बगाहे की जाती है. वहीं दूसरी तरफ खदान का पट्टा लेने के बाद कई लोग लीज एरिया के बाहर जाकर भी खनन करते हैं. कई तो क्षमता से अधिक खनन करते हैं. अब विभाग के इस कार्रवाई के बाद कारोबारियों में हलचल दिख रही है.