गिरिडीह: चुनाव के दौरान अक्सर लाल आतंक का कोहराम देखने को मिलता है. इस बार भी झारखंड में चुनाव से पहले नक्सली कुछ ऐसा करने की फिराक में दिख रहे हैं. जेवीएम सुप्रीमो और कोडरमा से प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को धमकी भरा पत्र मिला है. ये पत्र डाक से आया है जिसमें उनपर 23 अप्रैल से 19 मई तक झारखंड में रहने पर प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है.
बाबूलाल मरांडी को धमकी भरा ये पत्र नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अविनाश कुमार सिन्हा नाम के अधिवक्ता के लेटरपेड पर भेजा है. पत्र में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से समझौते की बात कही गयी है.अविनाश कुमार सिन्हा नामक अधिवक्ता के लेटर पेड पर लिखे इस पत्र में निवेदक की जगह भाकपा माओवादी संगठन भाकपा माओवादी लिखा हुआ है. वहीं लेटर में नीचे की तरफ अधिवक्ता का स्टाम्प भी लगा हुआ है. इस लेटर को जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को मीडिया को दिखाया.
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क्या कहा गया है लेटर में ?
लेटर में कहा गया है कि संगठन की तरफ से यह सूचित किया जाता है कि लोकसभा की कुल 14 सीटों के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर भैया के साथ समझौता हुआ है. समझौता में भाजपा प्रत्याशी को ऐतिहासिक जीत दर्ज करवाने का जिम्मा भाकपा माओवादी संगठन (झा) को मिला है. इसे अत्यन्तवशक समझे. लेटर में बाबूलाल मरांडी को लिखा गया है कि संगठन की ओर से 23 अप्रैल से 19 मई तक झारखण्ड में रहने के लिए प्रतिबंध है इसके अलावा 48 घण्टे के अंदर अपने जेवीएम के प्रत्याशी को बैठा देने को कहा गया है. यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर कोडरमा कांग्रेस अध्यक्ष शंकर यादव की तरह सरेआम वाहन समेत उड़ा दिया जायेगा.
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'सरकार ने उनकी जेड प्लस सुरक्षा वापस ली'
इस मामले की जानकारी बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी. कहा कि वे और उनका परिवार शुरुवात से नक्सलियों के निशाने पर रहा है. उनके पुत्र की हत्या नक्सलियों ने की थी तो छोटे भाई नुनूलाल मरांडी पर कई दफा जानलेवा हमला किया गया. इसके बावजूद उनकी सुरक्षा में कटौती की गयी, उनकी जेड प्लस सुरक्षा भी वापस ली गयी.
डरने वाला नहीं- बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस धमकी से वे डरनेवाले नहीं हैं और अपना काम करते रहेंगे. वैसे इस मामले को पुलिस व सरकार गम्भीरता से ले तथा दोषी पर कार्रवाई करें.