गिरिडीह: लड़की को शारीरिक संबंध बनाने के लिए अलग-अलग तरीके से मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले को नारायण साव को कोर्ट ने दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दस हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. यह सजा जिला जज छह अजय श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को सुनाई. अदालत ने नारायण को पिछले 18 दिसंबर को ही इस मामले में दोषी ठहराया था और न्यायिक हिरासत में लेते हुए केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया गया था.
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क्या है मामला
मृतका के पिता ने बगोदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में कहा गया था कि उनकी बेटी ने 21 अक्टूबर 2017 को जहर खा लिया था. इसके बाद उसे इलाज के लिए मीणा जनरल अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान उसकी बेटी ने अपनी मां को बताया कि नारायण साव उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए बराबर अलग-अलग तरीके से दबाब बनाता रहता है. इसके अलावा मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है. वह अपनी इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या कर रही है. प्राथमिकी में मृतका के पिता ने कहा था कि इससे पहले उसने अपने बेटे के साथ नारायण के पास जाकर ऐसा करने से मना किया था. इसके बाद उसने अपनी बेटी का मोबाइल नंबर भी बदल दिया था. फिर भी नारायण ने उसका नंबर लेकर उसे प्रताड़ित करता रहता था. विवश होकर उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली.