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सीसीएल सहायक सुरक्षा निरीक्षक के हत्यारे को आजीवन कारावास, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने सुनाई सजा

सीसीएल के सहायक सुरक्षा निरीक्षक के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा (Life imprisonment to accused Sohail Sheikh) सुनाई गई है. लगभग 38 माह में फैसला आया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने सजा सुनाई है.

CCL Assistant Security Inspector
सीसीएल सहायक सुरक्षा निरीक्षक के हत्यारे को आजीवन कारावास
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Published : Sep 29, 2022, 9:34 PM IST

गिरिडीहः सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के सहायक सुरक्षा निरीक्षक जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह की हत्या में सोहेल शेख नामक नाबालिग को दोषी पाया है, जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह स्पेशल जज गोपाल पांडेय की अदालत ने यह सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी सोहेल शेख को आजीवन कारावास (Life imprisonment to accused Sohail Sheikh) और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

यह भी पढ़ेंः इंस्पेक्टर की हत्या की दर्दनाक दास्तां, खंजर से सीने में किए कई वार, धधकती आग में फेंका

अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 201/34 में सात साल सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि भुगतान नहीं किये जाने पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरक्ति सश्रम कारावास भुगतना होगा. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. अदालत ने दोषी नाबालिग को 21 वर्ष की आयु तक बाल सुधार गृह में रखने और उसके बाद उसे कारागार में शिफ्ट करने का आदेश दिया है. अदालत ने आरोपी नाबालिक को सुधारात्मक सेवाएं जिसमें शिक्षा सेवाएं, कौशल विकास, वैकल्पिक चिकित्सा जैसे काउन्सलिंग, आचरण परिवर्तन एवं चिकित्सा और मनो चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. अदालत ने इसके अलावा दोषी बालक का समय समय पर उसके प्रगति का मूल्यांकन करने और इसकी रिपोर्ट प्रतिवर्ष अदालत को देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि एक जुलाई 2019 की रात भोला सिंह बाइक समेत गायब हो गए थे. बाद में उनकी चप्पल और खून के धब्बे बनियाडीह डंप यार्ड के पास मिला था. इसके बाद से यह आशंका जताई जा रही थी कि भोला की हत्या कर बंद अंडरग्राउंड माइंस में डाल दिया गया है. इसी माइंस से भोला की बाइक भी बरामद की गई थी. लेकिन शव नहीं मिला था. घटना के 14 दिन बाद पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन किया था. पुलिस ने घटना में शामिल दो युवक पप्पू मरीक और सोहेल खान को गिरफ्तार की और उसके बाद दोनों ने ना सिर्फ घटना में अपनी संलप्तिता स्वीकार की थी बल्कि पुलिस को यह बताया था कि हत्या करने के बाद शव को आग लगे खंता में डाला. इसके बाद पुलिस और सीसीएल ने उक्त अवैध माइंस में छानबीन की और अवैध माइंस से भोला सिंह की हड्डियां बरामद की थी.

यह भी पढ़ेंः भोला सिंह की हत्या का मिला प्रमाण, चाकू-कपड़े में मिला खून का डीएनए भोला सिंह के बेटे से हुआ मैच



सीसीएल के इंस्पेक्टर जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह की हत्या निर्ममता की सारी हदें पार कर की गई थी. हत्या पप्पू और सोहेल ने शराब और गांजे के नशे में धुत्त होकर किया था. वारदात के वक्त पप्पु और सोहेल रात साढ़े नौ बजे नशे में अकदोनी कला से गिरिडीह की तरफ आ रहे थे. उसी समय सहायक सुरक्षा निरीक्षक भोला सिंह सात नंबर गेट के पास रूके थे. पप्पु द्वारा अपने बाइक का लाईट भोला के आंख में मारा गया. इससे विवाद शुरू हुआ और मारपीट शुरू हो गई. इसके बाद दोनों ने ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर भोला सिंह की हत्या कर दी और बाइक पर शव लादकर खंता में डाल दिया था.

भोला सिंह की हत्या का पर्याप्त सबूत एफएसएल रिपोर्ट के बाद पुलिस को मिला था. पुलिस ने भोला के बरामद हड्डी, हत्या में प्रयुक्त खून लगा हथियार, रुमाल, कपड़े, कागज और मिट्टी में मिले खून का सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला रांची से टेस्ट कराया था.
भोला सिंह की हत्या मामले में नाबालिग सोहेल को सजा हो गयी है. वहीं आरोपी पप्पू मरीक का अलग से ट्रायल चल रहा है. सोहेल के बालक होने के कारण उसके मामले को अलग कर अदालत में ट्रायल किया गया.

गिरिडीहः सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के सहायक सुरक्षा निरीक्षक जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह की हत्या में सोहेल शेख नामक नाबालिग को दोषी पाया है, जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह स्पेशल जज गोपाल पांडेय की अदालत ने यह सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी सोहेल शेख को आजीवन कारावास (Life imprisonment to accused Sohail Sheikh) और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

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अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 201/34 में सात साल सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि भुगतान नहीं किये जाने पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरक्ति सश्रम कारावास भुगतना होगा. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. अदालत ने दोषी नाबालिग को 21 वर्ष की आयु तक बाल सुधार गृह में रखने और उसके बाद उसे कारागार में शिफ्ट करने का आदेश दिया है. अदालत ने आरोपी नाबालिक को सुधारात्मक सेवाएं जिसमें शिक्षा सेवाएं, कौशल विकास, वैकल्पिक चिकित्सा जैसे काउन्सलिंग, आचरण परिवर्तन एवं चिकित्सा और मनो चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. अदालत ने इसके अलावा दोषी बालक का समय समय पर उसके प्रगति का मूल्यांकन करने और इसकी रिपोर्ट प्रतिवर्ष अदालत को देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि एक जुलाई 2019 की रात भोला सिंह बाइक समेत गायब हो गए थे. बाद में उनकी चप्पल और खून के धब्बे बनियाडीह डंप यार्ड के पास मिला था. इसके बाद से यह आशंका जताई जा रही थी कि भोला की हत्या कर बंद अंडरग्राउंड माइंस में डाल दिया गया है. इसी माइंस से भोला की बाइक भी बरामद की गई थी. लेकिन शव नहीं मिला था. घटना के 14 दिन बाद पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन किया था. पुलिस ने घटना में शामिल दो युवक पप्पू मरीक और सोहेल खान को गिरफ्तार की और उसके बाद दोनों ने ना सिर्फ घटना में अपनी संलप्तिता स्वीकार की थी बल्कि पुलिस को यह बताया था कि हत्या करने के बाद शव को आग लगे खंता में डाला. इसके बाद पुलिस और सीसीएल ने उक्त अवैध माइंस में छानबीन की और अवैध माइंस से भोला सिंह की हड्डियां बरामद की थी.

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सीसीएल के इंस्पेक्टर जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह की हत्या निर्ममता की सारी हदें पार कर की गई थी. हत्या पप्पू और सोहेल ने शराब और गांजे के नशे में धुत्त होकर किया था. वारदात के वक्त पप्पु और सोहेल रात साढ़े नौ बजे नशे में अकदोनी कला से गिरिडीह की तरफ आ रहे थे. उसी समय सहायक सुरक्षा निरीक्षक भोला सिंह सात नंबर गेट के पास रूके थे. पप्पु द्वारा अपने बाइक का लाईट भोला के आंख में मारा गया. इससे विवाद शुरू हुआ और मारपीट शुरू हो गई. इसके बाद दोनों ने ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर भोला सिंह की हत्या कर दी और बाइक पर शव लादकर खंता में डाल दिया था.

भोला सिंह की हत्या का पर्याप्त सबूत एफएसएल रिपोर्ट के बाद पुलिस को मिला था. पुलिस ने भोला के बरामद हड्डी, हत्या में प्रयुक्त खून लगा हथियार, रुमाल, कपड़े, कागज और मिट्टी में मिले खून का सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला रांची से टेस्ट कराया था.
भोला सिंह की हत्या मामले में नाबालिग सोहेल को सजा हो गयी है. वहीं आरोपी पप्पू मरीक का अलग से ट्रायल चल रहा है. सोहेल के बालक होने के कारण उसके मामले को अलग कर अदालत में ट्रायल किया गया.

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