गिरिडीह: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद साक्षी जी महाराज को बीच सड़क पर रोकने व उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेजने के बाद से राजद नेता तेजप्रताप यादव के प्रकरण की तुलना शुरू हो गयी है. भाजपा ने सीधे तौर पर सरकार पर हमला बोल दिया है. हेमंत सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है. अब इन आरोपों पर गिरिडीह के जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
'सांसद के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया था'
विधायक सुदिव्य ने कहा कि किसी भी प्रकरण का तुलनात्मक समीक्षा करना जायज नहीं है. राजद नेता तेजप्रताप यादव पर विधिसम्मत कार्यवाई हुई है. सरकार ने एफआईआर दर्ज करवायी है. गिरिडीह के मामले में सांसद साक्षी जी महाराज ने झारखंड आने से पूर्व राज्य सरकार से क्वॉरेंटाइ के एंग्जमशन का अनुरोध राज्य सरकार से किया था. राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक मुख्य सचिव ने सांसद के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया था. उन्होंने कहा कि आवेदन रिजेक्ट होने के बाद सांसद को झारखंड नहीं आना चाहिए था. आने में केंद्र सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक कहीं पर रोक नहीं है लेकिन केंद्र सरकार ने यह भी साफ कहा है कि यदि किसी दूसरे प्रदेश में आये हैं तो वहां के नियमों के अनुसार 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. जिला प्रशासन ने इसी नियमों का पालन करवाया है. कानून पर लोगों को भरोसा है तो प्रशासन की इस कार्यवाई पर सवाल उठाने की जरूरत नहीं है.
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'सुशासन बाबू कहां सोए थे'
भाजपा द्वारा तेजप्रताप के काफिले को लेकर उठाये जा रहे सवाल पर जेएमएम विधायक सुदिव्य ने कहा कि तेजप्रताप के साथ 50-60 गाड़ी आ रहा था तो बिहार की सुशासन वाली सरकार क्या कर रही थी. पटना से रजौली तक तो बिहार पड़ता है उन्हें तो वहीं पर रोक देना चाहिए था. नीतीश के राज्य से झारखंड में तेजप्रताप आये और वापस भी गए. भाजपा को भी इस सवाल का जवाब देना चाहिए.