गिरिडीहः 13 वर्ष पूर्व जीटी रोड में हुए नक्सली कांड के दो नामजद अभियुक्त को न्यायालय ने बरी कर दिया है. जिन्हें बरी किया गया है उनमें कुख्यात नक्सली नवीन मांझी और नागेश्वर महतो शामिल हैं. यह फैसला जिला जज नवम नीरजा आश्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाया. इस मामले में अभियोजन पक्ष के द्वारा सिर्फ कांड के सूचक को ही गवाह के तौर पर प्रस्तुत किया जा सका. इसके अलावा कोई दूसरा गवाह मामले में गवाही देने नहीं आया. ऐसे में साक्ष्य के अभाव में दोनों को इस मामले से बरी कर दिया गया.
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क्या है मामला
यह मामला 2008 का है. कांड के सूचक उस वक्त बगोदर थाना प्रभारी एके गिरी हैं. इनके द्वारा प्रथमिकी दर्ज कराई गई थी. कहा गया था कि नक्सलियों द्वारा अटका के पास जीटी रोड को अवरुद्ध कर आतंक फैलाने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची तो नक्सली भागने लगे. भागने के क्रम में नक्सलियों ने पुलिस को टारगेट कर फायरिंग भी की. सभी नक्सली जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे. बाद में मौके से नक्सली पर्चा और बैनर भी बरामद किया गया था. सूचक ने एफआईआर में कहा था कि इस घटना में नक्सलियों का नेतृत्व नक्सली कमांडर नवीन मांझी कर रहा था.
कभी नवीन की थी दहशत
यहां बता दें कि नवीन मांझी नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का अहम सदस्य रहा है. डुमरी थाना क्षेत्र के रहने वाले नवीन की तूती पारसनाथ से लेकर झुमरा तक बोलती थी. इस नक्सली के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. नवीन जेल में हैं. वर्ष 2020 और 2021 में जिन नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की स्वीकृति गिरिडीह के डीसी ने दी थी उनमें नवीन भी शामिल है. नवीन के खिलाफ डुमरी थाना कांड संख्या 36/11 में देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति मिल चुकी है. इसके अलावा अन्य कई मामले नवीन पर है. इसी तरह नागेश्वर के खिलाफ वर्ष 2008 में मधुबन के झारखंड भवन उड़ाने के मामले में भी डीसी ने नागेश्वर महतो के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुशंसा की थी.