ETV Bharat / city

कोरोना इफेक्ट: जैन तीर्थस्थल मधुबन में सन्नाटा, परेशान हैं दुकानदार, डोली मजदूर भी बेहाल - गिरिडीह न्यूज

कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ते ही इसका असर जैन तीर्थस्थल मधुबन पर भी पड़ा है. कोविड के प्रभाव से यात्रियों का आना न के बराबर हो रहा है और यहां के दुकानों में भी ताला लटका है. इस वजह से डोली मजदूरों की भी हालत खस्ता है.

Effect of Corona in holy pilgrimage Madhuban of Parasnath in giridih
जैन तीर्थस्थल मधुबन
author img

By

Published : Apr 18, 2021, 8:18 AM IST

गिरिडीह: जैन धर्म का विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन पारसनाथ की तराई में अवस्थित इस धार्मिक स्थल में सालों भर देश-विदेश से यात्री आते हैं. होली के पहले और होली के बाद अप्रैल, मई माह तक यहां यात्रियों का आगमन काफी संख्या में होता रहता है, लेकिन इस बार यात्रियों की संख्या काफी कम है. उसके ऊपर कोरोना संक्रमित मिलने और संक्रमण से एक की मौत से भी यहां दहशत देखा जा रहा है. दहशत का आलम यह है कि दुकानें बंद हो गयी हैं. कई संस्था के मुख्य द्वार भी बंद हैं. सड़कें सुनसान हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- आर्थिक लॉकडाउन की जगह सोशल लॉकडाउन के माध्यम से भीड़ को किया जाए रेगुलेरेट: डॉ रामेश्वर उरांव

दुकानदारी पूरी तरह ठप

बीते वर्ष भी होली के समय से यही स्थिति बनी थी. इस बार होली से पहले लोगों को यह उम्मीद थी कि काफी भीड़ रहेगी और दुकानदारी भी अप्रैल-मई तक चलेगी लेकिन कोरोना ने यहां के दुकानदारों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. दुकानदार कहते हैं कि 12-13 माह से परेशानी झेल रहे हैं.

डोली मजदूर भी बेहाल

यही स्थिति डोली मजदूरों की भी है. यात्रियों को डोली में बैठाकर कांधे पर लादकर पर्वत वंदना करने वाले सैकड़ों मजदूर अभी बैठे हुए हैं. इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. बहरहाल कोरोना का असर सीधे तौर पर मधुबन के बाजार पर पड़ा है. यहां के लोग मायूस हैं और यही कामना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो ताकि उनका घर सही से चल सके.

गिरिडीह: जैन धर्म का विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन पारसनाथ की तराई में अवस्थित इस धार्मिक स्थल में सालों भर देश-विदेश से यात्री आते हैं. होली के पहले और होली के बाद अप्रैल, मई माह तक यहां यात्रियों का आगमन काफी संख्या में होता रहता है, लेकिन इस बार यात्रियों की संख्या काफी कम है. उसके ऊपर कोरोना संक्रमित मिलने और संक्रमण से एक की मौत से भी यहां दहशत देखा जा रहा है. दहशत का आलम यह है कि दुकानें बंद हो गयी हैं. कई संस्था के मुख्य द्वार भी बंद हैं. सड़कें सुनसान हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- आर्थिक लॉकडाउन की जगह सोशल लॉकडाउन के माध्यम से भीड़ को किया जाए रेगुलेरेट: डॉ रामेश्वर उरांव

दुकानदारी पूरी तरह ठप

बीते वर्ष भी होली के समय से यही स्थिति बनी थी. इस बार होली से पहले लोगों को यह उम्मीद थी कि काफी भीड़ रहेगी और दुकानदारी भी अप्रैल-मई तक चलेगी लेकिन कोरोना ने यहां के दुकानदारों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. दुकानदार कहते हैं कि 12-13 माह से परेशानी झेल रहे हैं.

डोली मजदूर भी बेहाल

यही स्थिति डोली मजदूरों की भी है. यात्रियों को डोली में बैठाकर कांधे पर लादकर पर्वत वंदना करने वाले सैकड़ों मजदूर अभी बैठे हुए हैं. इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. बहरहाल कोरोना का असर सीधे तौर पर मधुबन के बाजार पर पड़ा है. यहां के लोग मायूस हैं और यही कामना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो ताकि उनका घर सही से चल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.