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गिरिडीह में बारिश से बहा डायवर्सन, मंत्री जगरनाथ महतो ने लिया जायजा

गिरीडीह के निमियाघाट थाना क्षेत्र के टिंगरा मोड़ के पास डुमरी-बेरमो पथ पर टिंगरा नदी पर बनाया गया डायवर्सन जोरदार बारिश के पानी में बह गया. डायवर्सन के बह जाने से इस पथ पर वाहनों का आवागमन लगभग बाधित हो गया है.मामले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक सह मंत्री जगरनाथ महतो ने स्थिति का जायजा लिया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

Diversion shed by rain
बारिश से बहा डायवर्सन
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Published : Apr 27, 2020, 9:05 PM IST

डुमरी, गिरीडीह: जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र के टिंगरा मोड़ के पास डुमरी-बेरमो पथ पर टिंगरा नदी पर बनाया गया डायवर्सन जोरदार बारिश के पानी में बह गया. डायवर्सन के बह जाने से इस पथ पर वाहनों का आवागमन लगभग बाधित हो गया है. कुछ वाहन के चालक अपने जान जोखिम में डालकर अपने वाहनों को नदी से पार कर रहे हैं. इस घटना की जानकारी मिलते ही सूबे के शिक्षा व मद्य निषेध मंत्री सह स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो सोमवार को मौके पर पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने विभागीय सकुटिव को जल्द से जल्द डायवर्सन बना कर आवागमन शुरू कराने का निर्देश दिया.

देखें पूरी खबर


बता दें कि उस स्थान पर बना उच्च पुल वर्षो से जर्जर था. इस वर्ष 5 जनवरी की सुबह एक भारी ट्रक के गुजरने के दौरान उक्त पुल का एक बड़ा हिस्सा धंसकर ट्रक के साथ नीचे आ गिरा था. इसके बाद इस पथ पर वाहनों का आवागमन पुरी तरह से बंद हो गया था. तीन दिनों तक इस पथ पर पुरी तरह आवागमन बंद रहा. वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर विभाग के संवेदक के द्वारा उस पुल के नीचे कच्चा डायवर्सन बनाने के बाद 9 जनवरी को इस पथ पर आवागमन शुरू हुआ था. बताया जाता है कि उक्त पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल बोकारो के अधीन है. विभाग उस दौरान जैसे तैसे डायवर्सन बनाकर अपनी जिम्मेवारी को अंत मान बैठा. डायवर्सन बनाने के समय विभाग ने बारिश के दौरान नदी के जल बहाव की क्षमता को ध्यान में नहीं रखा. मात्र एक ह्युम पाईप डालकर डायवर्सन का निर्माण कर दिया गया. परिणाम हुआ कि रविवार की शाम जब प्रखंड के आसपास जोरदार की वर्षा हुई जिससे नदी में वर्षा का पानी पुरी रफ्तार से बहने लगा. डायवर्सन कच्चा होने और पर्याप्त मात्रा में पाईप नहीं होने के कारण कच्चा डायवर्सन पानी का दबाब नहीं झेल पाया और बह गया.

ये भी पढ़ें- धनबाद: SSP ने किया बाजार का किया निरीक्षण, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों को दी हिदायत


ये पथ दुमका, देवघर, गिरिडीह जिलों को राजधानी से जोड़ती है. इतना महत्वपूर्ण पथ होने के बाबजूद विभाग पुलों और सड़क की दशा सुधारने के प्रति गंभीर कभी नहीं दिखी. इसी पथ पर पोरदाग के गुरूटांड़ के समीप स्थित पुल भी काफी जर्जर हो चुका है. बताया जाता है कि जिस पुल के घंसने के बाद विभाग द्वारा कच्चा डायवर्सन बनाया गया था वह पुल भी कई महीनों से जर्जर हो चुका था. परंतु विभाग ने न कभी इसकी मरम्मत करवाने की आवश्यकता महसूस की और न ही इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन को रोकने के लिए कोई कदम ही उठाया. डायवर्सन के बहने की सूचना पर सोमवार को डुमरी विधायक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मौके पर पहुंचे. उन्होने विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रेमकुमार को मौके पर बुलाकर जल्द से जल्द टूटे हुए डायवर्सन की मरम्मती कर आवागमन चालू करने का निर्देश दिया. मंत्री ने बताया कि उस पुल सहित गुरूटांड़ पुल के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया में है. कोरोना महामारी के कारण टेंडर नहीं हो पाया है, जल्द ही दोनों पुल का निर्माण शुरू होगा.

डुमरी, गिरीडीह: जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र के टिंगरा मोड़ के पास डुमरी-बेरमो पथ पर टिंगरा नदी पर बनाया गया डायवर्सन जोरदार बारिश के पानी में बह गया. डायवर्सन के बह जाने से इस पथ पर वाहनों का आवागमन लगभग बाधित हो गया है. कुछ वाहन के चालक अपने जान जोखिम में डालकर अपने वाहनों को नदी से पार कर रहे हैं. इस घटना की जानकारी मिलते ही सूबे के शिक्षा व मद्य निषेध मंत्री सह स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो सोमवार को मौके पर पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने विभागीय सकुटिव को जल्द से जल्द डायवर्सन बना कर आवागमन शुरू कराने का निर्देश दिया.

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बता दें कि उस स्थान पर बना उच्च पुल वर्षो से जर्जर था. इस वर्ष 5 जनवरी की सुबह एक भारी ट्रक के गुजरने के दौरान उक्त पुल का एक बड़ा हिस्सा धंसकर ट्रक के साथ नीचे आ गिरा था. इसके बाद इस पथ पर वाहनों का आवागमन पुरी तरह से बंद हो गया था. तीन दिनों तक इस पथ पर पुरी तरह आवागमन बंद रहा. वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर विभाग के संवेदक के द्वारा उस पुल के नीचे कच्चा डायवर्सन बनाने के बाद 9 जनवरी को इस पथ पर आवागमन शुरू हुआ था. बताया जाता है कि उक्त पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल बोकारो के अधीन है. विभाग उस दौरान जैसे तैसे डायवर्सन बनाकर अपनी जिम्मेवारी को अंत मान बैठा. डायवर्सन बनाने के समय विभाग ने बारिश के दौरान नदी के जल बहाव की क्षमता को ध्यान में नहीं रखा. मात्र एक ह्युम पाईप डालकर डायवर्सन का निर्माण कर दिया गया. परिणाम हुआ कि रविवार की शाम जब प्रखंड के आसपास जोरदार की वर्षा हुई जिससे नदी में वर्षा का पानी पुरी रफ्तार से बहने लगा. डायवर्सन कच्चा होने और पर्याप्त मात्रा में पाईप नहीं होने के कारण कच्चा डायवर्सन पानी का दबाब नहीं झेल पाया और बह गया.

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ये पथ दुमका, देवघर, गिरिडीह जिलों को राजधानी से जोड़ती है. इतना महत्वपूर्ण पथ होने के बाबजूद विभाग पुलों और सड़क की दशा सुधारने के प्रति गंभीर कभी नहीं दिखी. इसी पथ पर पोरदाग के गुरूटांड़ के समीप स्थित पुल भी काफी जर्जर हो चुका है. बताया जाता है कि जिस पुल के घंसने के बाद विभाग द्वारा कच्चा डायवर्सन बनाया गया था वह पुल भी कई महीनों से जर्जर हो चुका था. परंतु विभाग ने न कभी इसकी मरम्मत करवाने की आवश्यकता महसूस की और न ही इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन को रोकने के लिए कोई कदम ही उठाया. डायवर्सन के बहने की सूचना पर सोमवार को डुमरी विधायक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मौके पर पहुंचे. उन्होने विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रेमकुमार को मौके पर बुलाकर जल्द से जल्द टूटे हुए डायवर्सन की मरम्मती कर आवागमन चालू करने का निर्देश दिया. मंत्री ने बताया कि उस पुल सहित गुरूटांड़ पुल के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया में है. कोरोना महामारी के कारण टेंडर नहीं हो पाया है, जल्द ही दोनों पुल का निर्माण शुरू होगा.

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