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नरकंकाल पर बिहार-झारखंड उलझे, तिसरी से लापता हुए थे सगे भाई - गिरिडीह पुलिस

बिहार के जमुई में मिले नर कंकाल को लेकर भाकपा माले ने दोनों राज्यों की पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है. माले के पूर्व विधायक का कहना है कि कंकाल लापता अंशु और उसके भाई के हैं. दोनों की हत्या की गई और दोनों राज्यों की पुलिस सिर्फ एक दूसरे पर दोषारोपण करती रही.

dispute in bihar jharkhand police on skeleton of brothers
नरकंकाल पर बिहार-झारखंड उलझे
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Published : Jul 22, 2021, 8:38 AM IST

गिरिडीहः बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना इलाका के अंतर्गत मनवा पहाड़ी के जंगल में बुधवार को मिले मानव कंकाल तिसरी के पदनाटांड़ निवासी दो भाई अंशु कुमार और चंदन कुमार का बताया जा रहा है. दोनों भाइयों के परिजन भी कह रहे हैं कि मानव कंकाल के बगल में खड़ी बाइक अंशु और चंदन की है. कंकाल के साथ जो कपड़ा व मास्क है, वह भी दोनों भाइयों के हैं. ऐसे में दोनों की बेरहमी से हत्या की गई है. परिजनों ने बिहार के खैरा के साथ-साथ तिसरी थाना पुलिस की कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाया है. बुधवार को कंकाल मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक और भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने भी पुलिस पर नाराजगी जाहिर की है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में मिला दो नर कंकाल, गिरिडीह से लापता भाइयों को लेकर बना संशय

गंभीर रहती पुलिस तो शायद सकुशल मिलते सगे भाई

मनवा जंगल पहुंचे पूर्व विधायक ने वहां पर मौजूद खैरा थाना पुलिस को जमकर खरीखोटी सुनायी. उन्होंने कहा कि जब दोनों भाई लापता हो गए और खैरा थाना इलाके में गरही डैम के समीप लापता युवकों का पर्स मिला था तो परिजन खैरा थाना पहुंचे थे और खैरा पुलिस को पूरी घटना से वाकिफ भी करवाया था, लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ले लिया. कहा कि जैसी जानकारी मिल रही है उसके अनुसार जहां कंकाल मिला है उसके बगल में एक झोपड़ी है जहां पर दो दिनों तक भोजन बना था. ऐसे में यदि पुलिस गंभीर रहती तो शायद दोनों भाई आज सकुशल रहते. उन्हों कहा कि इस मामले पर भाकपा माले चुप नहीं बैठेगी. झारखण्ड विधानसभा से लेकर बिहार विधानसभा तक यह मामला उठाया जाएगा.

देखें पूरी खबर
कई घंटे विलंब से पहुंची पुलिस

पूर्व विधायक ने बताया कि पुलिस तो दोनों भाइयों को खोजने में विफल हो गयी, लेकिन परिजनों ने हार नहीं माना. बुधवार को मिले सूचना के आधार पर मृतक की बाइक, कपड़ा, मास्क और कंकाल को परिजनों ने ही ढूंढ निकाला. जान जोखिम में डालकर परिजनों ने तो अपना काम कर लिया, लेकिन यहां भी पुलिस अपना फर्ज निभाने में लापरवाह दिखी. दोपहर दो बजे ही कंकाल को ढूंढ निकाला गया और तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस को दी गयी लेकिन पुलिस कई घंटे विलंब से मौके पर पहुंची.

बाबा को छोड़ा क्यों गया

यहां पूर्व विधायक ने कहा कि इस मामले में जिस बाबा का नाम आ रहा था, उससे कड़ाई से पुलिस ने पूछताछ नहीं की. यह पूरा प्रकरण बताता है कि पुलिस की घोर लापरवाही के कारण ही आज दोनों भाइयों की जान गई है.

बिहार पुलिस ने गिरिडीह पुलिस पर उठाया सवाल

इस सबों के बीच बिहार की पुलिस ने गिरिडीह की तिसरी पुलिस को सवालों के घेरे में फंसा दिया है. मौके पर पहुंचे जमुई के डीएसपी राकेश कुमार ने कहा कि दोनों युवकों के लापता होने के बाद उनका सामान खैरा थाना इलाके में मिलने की बात सामने आयी थी. परिजन खैरा थाना भी आये थे लेकिन दोनों युवक तिसरी से लापता हुए थे ऐसे में तिसरी थाना में ही एफआईआर दर्ज किया जाना था, लेकिन तिसरी थाना में सिर्फ सनहा दर्ज किया गया. कहा कि यदि तिसरी की पुलिस कम्युनिकेट करती तो खैरा थाना में एफआईआर दर्ज किया जाता.

28 दिनों से था लापता

यहां बता दें कि बीते 22 जून को ही दोनों सगे भाई अंशु और चंदन बर्णवाल बाइक पर सवार होकर घर से निकले थे. दोनों डोरंडा जाने की बात कहकर निकले थे और घर में कहा था कि शाम तक वे वापस आ जाएंगे. इसके बाद दोनों घर वापस नहीं लौटे.

गिरिडीहः बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना इलाका के अंतर्गत मनवा पहाड़ी के जंगल में बुधवार को मिले मानव कंकाल तिसरी के पदनाटांड़ निवासी दो भाई अंशु कुमार और चंदन कुमार का बताया जा रहा है. दोनों भाइयों के परिजन भी कह रहे हैं कि मानव कंकाल के बगल में खड़ी बाइक अंशु और चंदन की है. कंकाल के साथ जो कपड़ा व मास्क है, वह भी दोनों भाइयों के हैं. ऐसे में दोनों की बेरहमी से हत्या की गई है. परिजनों ने बिहार के खैरा के साथ-साथ तिसरी थाना पुलिस की कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाया है. बुधवार को कंकाल मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक और भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने भी पुलिस पर नाराजगी जाहिर की है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में मिला दो नर कंकाल, गिरिडीह से लापता भाइयों को लेकर बना संशय

गंभीर रहती पुलिस तो शायद सकुशल मिलते सगे भाई

मनवा जंगल पहुंचे पूर्व विधायक ने वहां पर मौजूद खैरा थाना पुलिस को जमकर खरीखोटी सुनायी. उन्होंने कहा कि जब दोनों भाई लापता हो गए और खैरा थाना इलाके में गरही डैम के समीप लापता युवकों का पर्स मिला था तो परिजन खैरा थाना पहुंचे थे और खैरा पुलिस को पूरी घटना से वाकिफ भी करवाया था, लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ले लिया. कहा कि जैसी जानकारी मिल रही है उसके अनुसार जहां कंकाल मिला है उसके बगल में एक झोपड़ी है जहां पर दो दिनों तक भोजन बना था. ऐसे में यदि पुलिस गंभीर रहती तो शायद दोनों भाई आज सकुशल रहते. उन्हों कहा कि इस मामले पर भाकपा माले चुप नहीं बैठेगी. झारखण्ड विधानसभा से लेकर बिहार विधानसभा तक यह मामला उठाया जाएगा.

देखें पूरी खबर
कई घंटे विलंब से पहुंची पुलिस

पूर्व विधायक ने बताया कि पुलिस तो दोनों भाइयों को खोजने में विफल हो गयी, लेकिन परिजनों ने हार नहीं माना. बुधवार को मिले सूचना के आधार पर मृतक की बाइक, कपड़ा, मास्क और कंकाल को परिजनों ने ही ढूंढ निकाला. जान जोखिम में डालकर परिजनों ने तो अपना काम कर लिया, लेकिन यहां भी पुलिस अपना फर्ज निभाने में लापरवाह दिखी. दोपहर दो बजे ही कंकाल को ढूंढ निकाला गया और तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस को दी गयी लेकिन पुलिस कई घंटे विलंब से मौके पर पहुंची.

बाबा को छोड़ा क्यों गया

यहां पूर्व विधायक ने कहा कि इस मामले में जिस बाबा का नाम आ रहा था, उससे कड़ाई से पुलिस ने पूछताछ नहीं की. यह पूरा प्रकरण बताता है कि पुलिस की घोर लापरवाही के कारण ही आज दोनों भाइयों की जान गई है.

बिहार पुलिस ने गिरिडीह पुलिस पर उठाया सवाल

इस सबों के बीच बिहार की पुलिस ने गिरिडीह की तिसरी पुलिस को सवालों के घेरे में फंसा दिया है. मौके पर पहुंचे जमुई के डीएसपी राकेश कुमार ने कहा कि दोनों युवकों के लापता होने के बाद उनका सामान खैरा थाना इलाके में मिलने की बात सामने आयी थी. परिजन खैरा थाना भी आये थे लेकिन दोनों युवक तिसरी से लापता हुए थे ऐसे में तिसरी थाना में ही एफआईआर दर्ज किया जाना था, लेकिन तिसरी थाना में सिर्फ सनहा दर्ज किया गया. कहा कि यदि तिसरी की पुलिस कम्युनिकेट करती तो खैरा थाना में एफआईआर दर्ज किया जाता.

28 दिनों से था लापता

यहां बता दें कि बीते 22 जून को ही दोनों सगे भाई अंशु और चंदन बर्णवाल बाइक पर सवार होकर घर से निकले थे. दोनों डोरंडा जाने की बात कहकर निकले थे और घर में कहा था कि शाम तक वे वापस आ जाएंगे. इसके बाद दोनों घर वापस नहीं लौटे.

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