डुमरी, गिरीडीह: लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य राज्यों से अपने घर वासप लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर प्रशासन गंभीर है. इस उद्देश्य से गिरिडीह के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने डुमरी प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित आतकी पंचायत के चुटरुमबेड़ा, छछंदो पंचायत के धावाटांड, और कल्हावार पंचायत के कल्हाबार पहुंचकर मनरेगा के तहत बनने वाले तालाब और बिरसा बागवानी योजना के तहत लगाये जा रहे बगवानी का औचक निरीक्षण किया.
बता दें कि डीसी सबसे पहले आतकी पंचायत के चुटरुमबेड़ा गांव पहुंचे, इस दौरान बीडीओ सोमनाथ बंकिरा भी मौके पर उपस्थित थे. डीसी ने इस गांव में मनरेगा के तहत लोमदा मुर्मू के जमीन चार लाख 98 हजार रुपये की लागात से बन रहे तालाब व काशीनाथ महतो के जमीन पर 2,59,059 रूपये की लागत से लगाये जा रहे आम बागवानी का निरीक्षण किया. इस गांव में रायपुर से वापस लौटे करीब पांच प्रवासी मजदूर इस तालाब में कार्य कर रहे थे, इसी दौरान डीसी ने मजदूरों से जॉब कार्ड की जानकारी ली और मनरेगा में काम करने के बारे में पूछा. इस पर मजदूरों ने डीसी को बताया कि वे सभी काम करने के लिए तैयार हैं, इस पर डीसी ने मौके पर उपस्थित डुमरी के बीपीओ को जॉब कार्ड नहीं रहनेवाले मजदूरों का जॉब कार्ड खोलने का निर्देश दिया.
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निरीक्षण के दौरान डीसी कल्हाबार गांव पहुंचे, यहां उन्होंने मनरेगा के तहत ढेना महतो के जमीन पर बन रहे तालाब का निरीक्षण किया. यहां से निकल कर डीसी छछंदों पंचायत के धावाटांड गांव पहुंचे. यहां धनेश्वर महतो के जमीन पर मनरेगा के तहत बन रहे तालाब निर्माण कार्य का जायजा लिया. इस गांव में भी करीब पांच प्रवासी मजदूर कार्य में लगे हुए थे. डीसी ने इस दौरान बीडीओ से बिरसा मुंडा बागवानी के तहत ली गई योजना के बारे में जानकारी भी मांगी.