गिरिडीह: बगोदर में बगैर मुआवजा भुगतान किए विधवा महिला का प्रशासन के द्वारा बल पूर्वक मकान तोड़ने की कोशिश किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. प्रशासन के द्वारा घर तोड़े जाने का विरोध करने पर महिला के साथ महिला पुलिस कर्मियों ने अमानवीय व्यवहार किया. मामला बगोदर प्रखंड के औंरा से जुड़ा हुआ है. बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि जमीन अधिग्रहण के बदले प्रशासन के द्वारा पहले शंकुतला देवी को मुआवजा का भुगतान किया जाए, उसके बाद मकान तोड़ी जाए.
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भाकपा माले का प्रतिनिधिमंडल ने किया मुलाकात
दूसरी ओर भाकपा माले का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को औंरा पहुंचकर भुक्तभोगी महिला शंकुतला देवी से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली. भाकपा माले ने पूरे मामले में एनएचएआई और इसमें शामिल अधिकारियों को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर शंकुतला देवी के समर्थन में आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है. प्रतिनिधि मंडल में शामिल जिला परिषद सदस्य सह भाकपा माले नेता गजेंद्र महतो ने कहा है कि प्रशासन पहले शंकुतला देवी को मुआवजा दें, उसके बाद उसके मकान को तोड़े.
बगैर मुआवजा के मकान तोड़ने की प्रशासन अगर कोशिश करता है तब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. प्रतिनिधिमंडल में नेता संदीप जायसवाल, जिप सदस्य सह भाकपा माले नेत्री सरिता देवी, उप प्रमुख सरिता साव, धीरन सिंह, कुंजलाल महतो आदि शामिल थे. बता दें कि प्रशासन के द्वारा बगैर मुआवजा भुगतान किए औंरा के शंकुतला देवी का मकान बलपूर्वक तोड़ने की कोशिश की गई थी. इसका विरोध करने पर महिला पुलिस कर्मियों ने शंकुतला देवी को खींचकर घर से बाहर निकाल दिया था.
झामुमो का भी तेवर गरम
शंकुतला देवी के साथ प्रशासन के द्वारा किए अमानवीय व्यवहार की निंदा झामुमो ने भी की है. झामुमो नेता नीतीश पटेल ने इसे सिक्स लेन सड़क की निर्माण कार्य कर रही डीबीएल और प्रशासन की गुंडागर्दी करार दिया है. कहा है कि प्रशासन की मौजूदगी में डीबीएल कंपनी के अधिकारी द्वारा रैयतों के साथ मारपीट तक की गई है. इसकी शिकायत सीएम से करेंगे.