गिरिडीह: एक तरफ कोयला की कमी के कारण देशभर में बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ. दूसरी तरफ गिरिडीह कोलियरी (Giridih coal mines) पर बंदी की तलवार लटक रही है. यहां पर उत्पादन न के बराबर हो रहा है. उत्पादन की कमी के पीछे कोयला का पैच नहीं मिलने को कारण बताया जा रहा है. बंदी की आशंका को गुरुवार की एक घटना से बल मिल गया.
गुरुवार की सुबह ओपेनकास्ट माइंस से टाटा हिताची (Tata Hitachi) मशीन को ढोरी ले जाने की सूचना इलाके में फैली. यह भी खबर आई की मशीन को ले जाने के लिए ढोरी से भारी मालवाहक आ रहा है. हिताची मशीन में भरा डीजल भी निकाल लिया गया, लेकिन इसकी जानकारी गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार को मिल गई. जानकारी मिलते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के नेता, कार्यकर्ता, ट्रक लोडिंग मजदूर, सरदार पहुंच गए और उन्होंने मशीन ले जाने का विरोध किया.
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दी सीधी चेतावनी
यहां प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन नेता हरगौरी साहू, अर्जुन रवानी, तेजलाल मंडल, सीताराम हांसदा ने साफ कहा कि इस कोलियरी को बंद करने की साजिश रची जा रही है. यहां कोयला प्रचूर मात्रा में है जिसे निकालने की बजाय सीसीएल प्रबंधन मशीन को हटाना चाहता है. उन्होंने कहा कि इस कोलियरी पर 50 हजार से अधिक की आबादी निर्भर है. ऐसे में बंदी के किसी भी साजिश को विफल कर दिया जाएगा.
विधायक ने की जीएम से बात
दूसरी तरफ पूरी वस्तुस्थिति से सदर विधायक सुदिव्य कुमार अवगत हुए. उन्होंने तत्काल ही ढोरी एरिया के महाप्रबंधक मनोज कुमार से फोन पर बात की. बात के बाद जीएम ने भी विधायक को सकारात्मक भरोसा दिया. यह कहा कि कोलियरी की बेहतरी की कामना सभी की है.
प्रदर्शनकारियों से मैनेजर की वार्ता
वहीं, ओपेनकास्ट में प्रदर्शन कर रहे जेएमएम, झाकमयू के नेताओं से माइंस मैनेजर जीएन बेले ने बात की. उन्होंने कहा कि मशीन अभी नहीं जाएगी. पूरा प्रयास है कि माइंस से उत्पादन हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग भी कोलियरी का सहयोग करें, कोयला चोरी पर भी रोक लगाने में ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित है.