गिरिडीहः प्रशांत बोस और शीला दी की रिहाई की मांग को लेकर नक्सली संगठन आक्रमक है. पिछले एक सप्ताह के अंदर गिरिडीह में चार घटनाओं को अंजाम दिया गया है. दूसरी तरफ गिरिडीह पुलिस की टीम को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ महत्वपूर्ण कामयाबी भी मिली है. पुलिस ने 22 जनवरी की रात को डुमरी के नुरंगों में बराकर नदी पर बने पुल को उड़ाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिन लोगों को पकड़ा गया है. उनमें पीरटांड थाना इलाके के बिकटपुर निवासी रुपलाल मुर्मू उर्फ रुपलाल मांझी शामिल है. इनके अलावा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डांडीडीह निवासी शमशेर आलम व बिहार के जमुई जिला अंतर्गत चकाई थाना क्षेत्र के मीर बिगहा निवासी मुस्तफा शामिल है. इस सफलता की जानकारी गुरुवार की शाम को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में डुमरी के एसडीपीओ मनोज कुमार, साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी और डीएसपी वन संजय राणा ने संयुक्त रूप से दी.
ये भी पढ़ेंः नक्सलियों ने उड़ाया पुलः दो किलोमीटर तक सुनाई दी धमाके की आवाज, सामने आ रहा कृष्णा दस्ता का नाम
ऐसे हुई गिरफ्तारीः पुलिस अधिकारियों ने बताया की नुरंगों में पुल उड़ाने और खुखरा-मधुबन में मोबाइल टावर उड़ाने की घटना को गंभीरता से लेते हुआ एसपी अमित रेणू के निर्देश पर लगातार सर्च अभियान चल रहा था. इस बीच रुपलाल को पीरटांड से पकड़ा गया. रुपलाल ने नुरंगों पुल उड़ाने की घटना की साजिश में शामिल होने की बात को स्वीकार किया. बताया कि रूपलाल के पिता सीधे तौर पर नक्सली संगठन में शामिल रहे हैं.
शुभम क्लिनिक के पास मिला था विस्फोटकः रुपलाल ने यह बताया कि इस कांड को अंजाम देने के लिए विस्फोटक शमशेर आलम ने सप्लाई की थी. 4 जनवरी को ही गिरिडीह शहर के शिवम क्लिनिक के पास शमशेर ने विस्फोटक दिया था. इस बयान के बाद शमशेर को पकड़ा गया. शमशेर ने बताया के बिहार के मुस्तफा ने विस्फोटक की आपूर्ति की थी. जिसके बाद मुस्तफा को भी गिरफ्तार किया गया. बताया कि शमशेर और मुस्तफा ने और भी कई जगहों पर विस्फोटक कि सप्लाई की है जिसका सत्यापन किया जा रहा है. बताया कि इन तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारा भेजा गया.