गिरिडीह: चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के बड़े नेता क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं. इसी कड़ी में जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने जमडीहा में आयोजित महायज्ञ में शिरकत की. यज्ञशाला की परिक्रमा के बाद बाबूलाल ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी किया. धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कुछ लोग इसे आचार संहिता का उल्लंघन भी बता रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने यज्ञ समिति द्वारा बनाये गए मंच से कहा कि सत्ता में बैठे लोग गांव नहीं जाते हैं. इन्हें यह भी पता नहीं कि ग्रामीण कैसे जीते हैं और किन समस्याओं का सामना करते हैं. ऐसे में हम जब किसी सरकार को बनाये तो इस बात का ध्यान जरूर रखे कि आम लोगों की समस्या का समाधान कौन कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि त्रेता युग में प्रभु श्रीराम 14 वर्षों तक वनवास पर रहे और लोगों के दुखों को देखा. इसी तरह द्वापर युग में भगवान कृष्ण भी लोगों के बीच रहे तो पांडव वन में जाकर लोगों की समस्या को देखा. दोनों युग में लोगों की समस्या को नजदीक से देखनेवाले राम-कृष्ण ने राजपाट चलाया इसलिए दोनों युग में लोगों की समस्याएं नहीं रही.
इधर, जानकारों का कहना है कि देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में धार्मिक कार्यक्रम में राजनीतिक दल के लोग बिना तामझाम के शामिल तो हो सकते हैं लेकिन मंच से लोगों को संबोधित नहीं कर सकते. ऐसे में बाबूलाल मरांडी के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने व मंच से लोगों को संबोधित करने के बाद स्थानीय प्रशासन नियमों को खंगालने में जुट गयी है.