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झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं दिया गया उचित स्थान, जयपाल सिंह मुंडा को भारत रत्न नहीं मिलना दुखद: कृषि मंत्री

झारखंड के कृषि मंत्री ( Agriculture Minister of Jharkhand) ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभानेवाले झारखंड के वीर सपूतों को भारत रत्न देने की मांग की है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि इतिहासकारों ने झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों को उचित स्थान नहीं दिया है.

historians did not give right place to the freedom fighters of Jharkhand
कृषि मंत्री के साथ संवाददाता अमरनाथ सिन्हा
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Published : Aug 15, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 5:37 PM IST

गिरिडीह: स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के स्वतंत्रा सेनानियों ने खूब योगदान दिया. यहां के जयपाल सिंह मुंडा समेत कई लोगों ने क्रांति की लड़ाइयां लड़ीं. हालांकि इतिहासकारों ने उन्हें स्थान नहीं दिया. यह कहना है झारखंड के कृषि मंत्री दल पत्रलेख का. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने गिरिडीह में जगह-जगह झंडोतोलन करने के बाद कहा कि जयपाल सिंह मुंडा (Jaipal Singh Munda) ब्रिटिश कार्यकाल में आईसीएस ऑफिसर थे. उस वक्त विनिंग हॉकी टीम के कैप्टन के साथ कुशल राजनीतिज्ञ थे. 1940 में रामगढ़ अधिवेशन हुआ था. उस वक्त सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी समेत अन्य स्वतंत्रता सैनानियों के लिए जयपाल सिंह मुंडा ने प्रवेश द्वार बनाया था.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया झंडोतोलन, स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
आज अलग झारखंड बना है वह सोच जयपाल सिंह मुंडा की ही थी. संविधान सभा के सदस्य रहते जयपाल सिंह ने यहां के लोगों की बातों रखा था. आज जयपाल सिंह मुंडा जैसे हीरो को भारत रत्न नहीं मिलना दुखद है. झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यहां के हीरो की कृत्यों को इतिहास में भी सही स्थान नहीं दिया गया है.

कृषि मंत्री से बात करते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा



बनेगा गौ मुक्ति धाम
मंत्री बादल ने कहा कि लोग जिसकी राजनीति करते हैं उसे भी भूल जाते हैं लेकिन हेमंत सरकार ने जो कहा वह किया. गौ माता को सिर्फ माता कहकर नहीं बुलाया बल्कि गौ माता के लिए मुक्ति धाम बनाने का निर्णय लिया गया है. यह गौ मुक्ति धाम प्रमंडल स्तरीय बनाया जाएगा. इसके अलावा किसानों को बिरसा किसान बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अब पढ़े लिखे युवक खेती में आ रहे हैं. कृषि बहुत बड़ा व्यवसाय है ऐसे में किसानों के लिए चैंबर ऑफ फार्मर बनाया गया है. यह चैंबर ऑफ फार्मर किसानों को अधिक मुनाफा दिलावने का काम करेगा.

हेमंत सरकार ने किया बेहतर काम

इससे पहले बादल पत्रलेख ने समाहरणालय परिसर में झंडोत्तोलन किया. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस और रवींद्रनाथ टैगोर का इस जिले से संबंध रहा है. जिन्होंने आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि गिरिडीह विश्व पटल पर अपनी पहचान रखता है. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया. इस विपत्ति की परिस्थिति में कुशल नेतृत्व की पहचान हुई. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य से घर वापस आने के लिए मजदूर परेशान थे तो हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने सबसे पहले पहल की और मजदूरों को विभिन्न राज्यों से लाया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार प्रदान करना, गरीबों को सशक्त बनाने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिला प्रशासन हो या फिर स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी सभी ने अहम भूमिका निभाई है.

गिरिडीह: स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के स्वतंत्रा सेनानियों ने खूब योगदान दिया. यहां के जयपाल सिंह मुंडा समेत कई लोगों ने क्रांति की लड़ाइयां लड़ीं. हालांकि इतिहासकारों ने उन्हें स्थान नहीं दिया. यह कहना है झारखंड के कृषि मंत्री दल पत्रलेख का. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने गिरिडीह में जगह-जगह झंडोतोलन करने के बाद कहा कि जयपाल सिंह मुंडा (Jaipal Singh Munda) ब्रिटिश कार्यकाल में आईसीएस ऑफिसर थे. उस वक्त विनिंग हॉकी टीम के कैप्टन के साथ कुशल राजनीतिज्ञ थे. 1940 में रामगढ़ अधिवेशन हुआ था. उस वक्त सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी समेत अन्य स्वतंत्रता सैनानियों के लिए जयपाल सिंह मुंडा ने प्रवेश द्वार बनाया था.

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आज अलग झारखंड बना है वह सोच जयपाल सिंह मुंडा की ही थी. संविधान सभा के सदस्य रहते जयपाल सिंह ने यहां के लोगों की बातों रखा था. आज जयपाल सिंह मुंडा जैसे हीरो को भारत रत्न नहीं मिलना दुखद है. झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यहां के हीरो की कृत्यों को इतिहास में भी सही स्थान नहीं दिया गया है.

कृषि मंत्री से बात करते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा



बनेगा गौ मुक्ति धाम
मंत्री बादल ने कहा कि लोग जिसकी राजनीति करते हैं उसे भी भूल जाते हैं लेकिन हेमंत सरकार ने जो कहा वह किया. गौ माता को सिर्फ माता कहकर नहीं बुलाया बल्कि गौ माता के लिए मुक्ति धाम बनाने का निर्णय लिया गया है. यह गौ मुक्ति धाम प्रमंडल स्तरीय बनाया जाएगा. इसके अलावा किसानों को बिरसा किसान बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अब पढ़े लिखे युवक खेती में आ रहे हैं. कृषि बहुत बड़ा व्यवसाय है ऐसे में किसानों के लिए चैंबर ऑफ फार्मर बनाया गया है. यह चैंबर ऑफ फार्मर किसानों को अधिक मुनाफा दिलावने का काम करेगा.

हेमंत सरकार ने किया बेहतर काम

इससे पहले बादल पत्रलेख ने समाहरणालय परिसर में झंडोत्तोलन किया. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस और रवींद्रनाथ टैगोर का इस जिले से संबंध रहा है. जिन्होंने आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि गिरिडीह विश्व पटल पर अपनी पहचान रखता है. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया. इस विपत्ति की परिस्थिति में कुशल नेतृत्व की पहचान हुई. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य से घर वापस आने के लिए मजदूर परेशान थे तो हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने सबसे पहले पहल की और मजदूरों को विभिन्न राज्यों से लाया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार प्रदान करना, गरीबों को सशक्त बनाने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिला प्रशासन हो या फिर स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी सभी ने अहम भूमिका निभाई है.

Last Updated : Aug 15, 2021, 5:37 PM IST
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