गांडेय, गिरिडीह: जिला के गांडेय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही और ऑक्सीजन के अभाव में एक मरीज की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि मरीज घंटों तड़पता रहा और समुचित इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया. इस दौरान चिकित्सा कर्मियों का अमानवीय चेहरा भी सामने आया. अस्पताल पहुंचे मरीज को स्वास्थ्य कर्मियों ने बेड तक नहीं दिया और वेटिंग हॉल में ही मरीज को जमीन पर तड़पता छोड़ दिया. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. इस बाबत पूछे जाने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रदीप बैठा पत्रकारों पर ही बिफर उठे.
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पीरटांड़ थाना क्षेत्र के राजूडीह चिरकी निवासी 42 वर्षीय सुखदेव पंडित गांडेय में रहकर सिलाई का काम करते थे. दो तीन पूर्व उनकी तबीयत खराब हुई. सर्दी, खांसी के साथ मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. स्थानीय स्तर पर इलाज कराया जा रहा था, तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें गांडेय सीएचसी लाया गया. सीएचसी में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी या डॉक्टर ने मरीज को हाथ नहीं लगाया. मरीज अस्पताल के प्रतीक्षालय में ही फर्श पर पड़ा तड़पता रहा. इसके बावजूद डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लापरवाह बने रहे.
फर्श पर घंटों तड़पता रहा मरीज
मरीज के परिजन बार-बार स्वास्थ्यकर्मियों से विनती करते रहे कि मरीज को ऑक्सीजन दी जाए और उसका इलाज शुरू किया जाए. मगर मरीज की हालत पर किसी को भी तरस नहीं आया और घंटों तड़पने के बाद मरीज की मौत हो गई. घंटे भर बाद चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रदीप बैठा ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए मगर तब तक मरीज ने दम तोड़ दिया.
स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही और ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरीज की मौत से परिजन उग्र हो गए. घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में खूब हंगामा किया. मामले की सूचना पर गांडेय बीडीओ हरि उरांव, सीओ मो. शफी, थाना प्रभारी रविंद्र कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत किया. अधिकारियों ने परिजन को ढांढस बंधाया और मृतक के शव को घर भेजने का प्रबंध किया गया.
इस मामले को लेकर जब पत्रकारों ने चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रदीप बैठा से पूछा तो वह पत्रकारों से ही उलझ गए. हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें मरीज की गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिली. जैसे ही पता चला वह ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर गए, लेकिन तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि कोविड- 19 से बचाव को लेकर अस्पताल में पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा नहीं है. वरीय पदाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है. ऑक्सीजन और अन्य व्यवस्था करने की मांग की गई है.