ETV Bharat / city

दुमका में हर घर पहुंच रहा स्कूल, दीवारें बनी ब्लैकबोर्ड

अगर चाहत है कुछ करने की, तो कर गुजरिए, परिणाम की मत सोचिए. इसी सोच के साथ आगे बढ़े दुमका के डुमरथर मध्य विद्यालय के शिक्षक सपन कुमार. अपनी बेमिसाल सोच से जब सबकुछ बंद था. उस वक्त भी उन्होंने इलाके में शिक्षा का दीप जलाए रखा.

School teachers teaching children at home during Corona period in dumka
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Sep 28, 2020, 1:00 PM IST

दुमका: कोरोना के कारण जिले में सभी सरकारी स्कूल लंबे समय से बंद है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चों की पढ़ाई पूरी हो इसके लिए दुमका के जरमुंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमरथर के शिक्षक सपन कुमार ने पढ़ाई का एक अनोखा तरीका इजाद किया है.

देखिए पूरी खबर

दीवारों पर सौ से अधिक ब्लैकबोर्ड

शिक्षक सपन ने आपके द्वार समुदाय के सहयोग से घर की दीवारों पर एक सौ से अधिक ब्लैकबोर्ड का निर्माण कराया है. घर की दीवार पर बने ब्लैक बोर्ड पर बच्चे अपनी समस्या लिखते हैं और मास्टर साहब उसका जवाब देते हैं. पढ़ाई के इस अनोखे तरीके में सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा जा रहा. मास्क का भी उपयोग हो रहा. घर पर ही शिक्षा मिलने से बच्चे तो खुश हैं ही अभिभावक भी प्रसन्न हैं.

ये भी पढ़ें: देश कोरोना के खिलाफ सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर

बच्चों में मास्क और सेनेटाइजर का वितरण

वहीं, जिले से आए शिक्षा साधन सेवी लक्ष्मण रावत ने इस विद्यालय के शिक्षण पद्धति को काफी सराहा और कहा कि इस लॉकडाउन में बच्चे पढ़ रहे हैं कम खुशी की बात नहीं है. उन्होंने बच्चों के बीच मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण किया. बता दें कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई थी. इसको लेकर सरकारी की तरफ से पहल भी की गई, लेकिन सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल गांव में साधन की कमी के कारण ये योजना सफल नहीं हो पाई.

समाज को सपन जैसे शिक्षक की जरूरत

शिक्षक सपन ने साबित किया कि सोच सकारात्मक और हौसले बुलंद हो तो सपनों को हकीकत में बदलते देर नहीं लगती. मौजूद साधन को ही संसाधन बनाकर बदतर हालात को भी अपने पक्ष में किया जा सकता है. सपन जैसे शिक्षक ही समाज में ज्ञान की लौ को हमेशा जलाए रखते हैं.

दुमका: कोरोना के कारण जिले में सभी सरकारी स्कूल लंबे समय से बंद है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चों की पढ़ाई पूरी हो इसके लिए दुमका के जरमुंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमरथर के शिक्षक सपन कुमार ने पढ़ाई का एक अनोखा तरीका इजाद किया है.

देखिए पूरी खबर

दीवारों पर सौ से अधिक ब्लैकबोर्ड

शिक्षक सपन ने आपके द्वार समुदाय के सहयोग से घर की दीवारों पर एक सौ से अधिक ब्लैकबोर्ड का निर्माण कराया है. घर की दीवार पर बने ब्लैक बोर्ड पर बच्चे अपनी समस्या लिखते हैं और मास्टर साहब उसका जवाब देते हैं. पढ़ाई के इस अनोखे तरीके में सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा जा रहा. मास्क का भी उपयोग हो रहा. घर पर ही शिक्षा मिलने से बच्चे तो खुश हैं ही अभिभावक भी प्रसन्न हैं.

ये भी पढ़ें: देश कोरोना के खिलाफ सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर

बच्चों में मास्क और सेनेटाइजर का वितरण

वहीं, जिले से आए शिक्षा साधन सेवी लक्ष्मण रावत ने इस विद्यालय के शिक्षण पद्धति को काफी सराहा और कहा कि इस लॉकडाउन में बच्चे पढ़ रहे हैं कम खुशी की बात नहीं है. उन्होंने बच्चों के बीच मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण किया. बता दें कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई थी. इसको लेकर सरकारी की तरफ से पहल भी की गई, लेकिन सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल गांव में साधन की कमी के कारण ये योजना सफल नहीं हो पाई.

समाज को सपन जैसे शिक्षक की जरूरत

शिक्षक सपन ने साबित किया कि सोच सकारात्मक और हौसले बुलंद हो तो सपनों को हकीकत में बदलते देर नहीं लगती. मौजूद साधन को ही संसाधन बनाकर बदतर हालात को भी अपने पक्ष में किया जा सकता है. सपन जैसे शिक्षक ही समाज में ज्ञान की लौ को हमेशा जलाए रखते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.