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बासुकीनाथ मंदिर में शुरू हुई स्पर्श पूजा, भक्तों के साथ-साथ पुरोहितों में उत्साह - Puja begins at Basukinath Temple

एक अरसे से दुमका के बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद रही. रविवार को एक बार फिर से मंदिर में स्पर्श पूजा शुरु हुई. जिसको लेकर भक्तों में उत्साह है.

Sparsh Puja begins at Basukinath Temple in Dumka
Sparsh Puja begins at Basukinath Temple in Dumka
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Published : Sep 19, 2021, 8:34 PM IST

दुमकाः विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ में करीब साढ़े पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद रविवार से श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति मिल गयी. जिसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद मंदिर से अर्घा हटा दिया गया.

इसे भी पढ़ें- कोरोना को लेकर बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक, अरघा सिस्टम से होगा जलापर्ण

बासुकीनाथ में रविवार को बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी अंचलाधिकारी राजकिशोर प्रसाद, बासुकीनाथधाम पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा, महामंत्री संजय झा, कुंदन झा, कुणाल झा की उपस्थिति में रविवार को दोपहर 12 बजे के करीब अर्घा हटाकर स्पर्श पूजा की शुरुआत कर दी.

बासुकीनाथ मंदिर के पंडा-पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन के इस पहल का स्वागत किया. इसके साथ ही रविवार से बासुकीनाथ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा और गर्भगृह में पहुंचकर जलाभिषेक और अन्य धार्मिक अनुष्ठान कराने की अनुमति प्रदान की गई. बासुकीनाथ के पंडा-पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन के इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की.

Sparsh Puja begins at Basukinath Temple in Dumka
बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा

अप्रैल के महीने में झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तमाम धार्मिक स्थल बंद करा दिए गए थे. दुमका में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. श्रद्धालुओं को अरघा के माध्यम से जलापर्ण करने की ही अनुमति थी.

इसे भी पढ़ें- कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बासुकीनाथ मंदिर के बाहर से की पूजा, पंडा ने की मंदिर खुलवाने की मांग

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) हाल के दिनों में बासुकीनाथ मंदिर पहुंचे और मंदिर (Basukinath Temple) के बाहर से ही पूजा अर्चना की. इस दौरान स्थानीय दुकानदारों और पंडा ने कृषि मंत्री से मुलाकात कर जल्द से जल्द मंदिर खोलने की अनुमति देने की मांग की. इसपर कृषि मंत्री ने उन्हें एक सप्ताह के अंदर मंदिर खोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया था.

दुमकाः विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ में करीब साढ़े पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद रविवार से श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति मिल गयी. जिसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद मंदिर से अर्घा हटा दिया गया.

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बासुकीनाथ में रविवार को बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी अंचलाधिकारी राजकिशोर प्रसाद, बासुकीनाथधाम पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा, महामंत्री संजय झा, कुंदन झा, कुणाल झा की उपस्थिति में रविवार को दोपहर 12 बजे के करीब अर्घा हटाकर स्पर्श पूजा की शुरुआत कर दी.

बासुकीनाथ मंदिर के पंडा-पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन के इस पहल का स्वागत किया. इसके साथ ही रविवार से बासुकीनाथ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा और गर्भगृह में पहुंचकर जलाभिषेक और अन्य धार्मिक अनुष्ठान कराने की अनुमति प्रदान की गई. बासुकीनाथ के पंडा-पुरोहितों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन के इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की.

Sparsh Puja begins at Basukinath Temple in Dumka
बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा

अप्रैल के महीने में झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तमाम धार्मिक स्थल बंद करा दिए गए थे. दुमका में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. श्रद्धालुओं को अरघा के माध्यम से जलापर्ण करने की ही अनुमति थी.

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झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) हाल के दिनों में बासुकीनाथ मंदिर पहुंचे और मंदिर (Basukinath Temple) के बाहर से ही पूजा अर्चना की. इस दौरान स्थानीय दुकानदारों और पंडा ने कृषि मंत्री से मुलाकात कर जल्द से जल्द मंदिर खोलने की अनुमति देने की मांग की. इसपर कृषि मंत्री ने उन्हें एक सप्ताह के अंदर मंदिर खोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया था.

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