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दुमका में पानी के लिए हाहाकार, जिले में लगभग 6,000 चापाकल है खराब

सरकारी आंकड़ों के अनुसार दुमका जिले में 24,000 हजार चापाकल हैं. वहीं सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 5,000 चापाकल खराब पड़े हैं. अगर खराब चापाकलों के वास्तविक आंकड़े की बात करें तो यह 6,000 होना चाहिए. दुमका में प्रत्येक 4 चापाकल में एक खराब है. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट...

chapakal is defective in Dumka
दुमका में पानी के लिए हाहाकार
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Published : Jun 3, 2020, 9:01 PM IST

दुमका: जिले की लगभग सभी नदी में छह-सात माह से ज्यादा पानी नहीं रहता. वाटर लेबल नीचे होने की वजह से कुंआ भी अब पानी की पूर्ती करने विफल हो रहा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का सबसे बड़ा साधन चापाकल है. चापाकल की इसी विशेषता को देखते हुए सरकार ने जिले में लगभग 24 हजार चापाकल लगवाये हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सरकारी आंकड़ों के इन 24 हजार चापाकल में लगभग पांच हजार चापाकल खराब हैं.

chapakal is defective in Dumka
खराब पड़ा सरकारी चापाकल

खराब चापाकल का वास्तविक आंकड़ा 6 हजार से अधिक होना चाहिए. मतलब प्रत्येक चार चापाकल में एक चापाकल खराब है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. चापाकल खराब हो गया तो वह कब बनेगा कहना मुश्किल होता है. दुमका जिले में 10 प्रखंड हैं. इन प्रखंडों में चापाकल की स्थिति कुछ इस प्रकार है.

दुमका में चापाकल के आंकड़े
प्रखंड का नामकुल चापाकलखराब चापाकल
दुमका2614442
मसलिया2490358
जामा3349655
रामगढ़2585437
जरमुंडी3307955
सरैयाहाट2642634
शिकारीपाड़ा2219368
काठीकुंड1507393
गोपीकांदर975178
रानीश्वर2155518

क्या कहते हैं ग्रामीण

खराब पड़े चापाकल के सबंध में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्रोत चापाकल ही है. लेकिन यह काफी संख्या में खराब है. उनका कहना है कि सबसे बड़ी बात यह होती है कि चापाकल जब खराब हो जाता है तो महीनों तक वह खराब ही रहता है. कोई देखने वाला नहीं है. लोगों का कहना है कि चापाकल के महत्व को देखते हुए इसे यह सुनिश्चित किया जाए कि जैसे ही यह खराब होता है दो-चार दिन में ही बन जाए.

ये भी पढ़ें- स्पीकर की अध्यक्षता में हुई समितियों की बैठक, अध्यक्ष ने दिया समिति की मजबूती पर जोर

क्या कहती हैं उपायुक्त

इस संबंध में जब हमने दुमका की उपायुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि चापाकल हमारे जिले में पानी का एक बड़ा स्रोत है. पेयजल विभाग को यह जिम्मा है कि जब चापाकल खराब होता है तो तत्काल उसे दुरुस्त करें. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि चापाकल जल्द से जल्द ठीक हो. साथ ही साथ उन्होंने लोगों से अपील किया कि अगर आपके गांव का चापाकल खराब है तो आप हमें कंट्रोल रूम के नंबर पर सूचित करें उसे ठीक कराया जाएगा.

बिन पानी सब सून

एक कहावत है बिन पानी सब सून. पहाड़ी नदियों में 6 से 7 महीने तक पानी रहता है. बाकी समय वह सूखा रहता है. ऐसे में चापाकल का महत्व काफी बढ़ जाता है. जिला प्रशासन और पेयजल विभाग को चाहिए कि जब चापाकल खराब हो तो जल्द से जल्द ठीक कराया जाए ताकि लोगों को पानी के लिए तरसना नहीं पडें.

दुमका: जिले की लगभग सभी नदी में छह-सात माह से ज्यादा पानी नहीं रहता. वाटर लेबल नीचे होने की वजह से कुंआ भी अब पानी की पूर्ती करने विफल हो रहा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का सबसे बड़ा साधन चापाकल है. चापाकल की इसी विशेषता को देखते हुए सरकार ने जिले में लगभग 24 हजार चापाकल लगवाये हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सरकारी आंकड़ों के इन 24 हजार चापाकल में लगभग पांच हजार चापाकल खराब हैं.

chapakal is defective in Dumka
खराब पड़ा सरकारी चापाकल

खराब चापाकल का वास्तविक आंकड़ा 6 हजार से अधिक होना चाहिए. मतलब प्रत्येक चार चापाकल में एक चापाकल खराब है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. चापाकल खराब हो गया तो वह कब बनेगा कहना मुश्किल होता है. दुमका जिले में 10 प्रखंड हैं. इन प्रखंडों में चापाकल की स्थिति कुछ इस प्रकार है.

दुमका में चापाकल के आंकड़े
प्रखंड का नामकुल चापाकलखराब चापाकल
दुमका2614442
मसलिया2490358
जामा3349655
रामगढ़2585437
जरमुंडी3307955
सरैयाहाट2642634
शिकारीपाड़ा2219368
काठीकुंड1507393
गोपीकांदर975178
रानीश्वर2155518

क्या कहते हैं ग्रामीण

खराब पड़े चापाकल के सबंध में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्रोत चापाकल ही है. लेकिन यह काफी संख्या में खराब है. उनका कहना है कि सबसे बड़ी बात यह होती है कि चापाकल जब खराब हो जाता है तो महीनों तक वह खराब ही रहता है. कोई देखने वाला नहीं है. लोगों का कहना है कि चापाकल के महत्व को देखते हुए इसे यह सुनिश्चित किया जाए कि जैसे ही यह खराब होता है दो-चार दिन में ही बन जाए.

ये भी पढ़ें- स्पीकर की अध्यक्षता में हुई समितियों की बैठक, अध्यक्ष ने दिया समिति की मजबूती पर जोर

क्या कहती हैं उपायुक्त

इस संबंध में जब हमने दुमका की उपायुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि चापाकल हमारे जिले में पानी का एक बड़ा स्रोत है. पेयजल विभाग को यह जिम्मा है कि जब चापाकल खराब होता है तो तत्काल उसे दुरुस्त करें. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि चापाकल जल्द से जल्द ठीक हो. साथ ही साथ उन्होंने लोगों से अपील किया कि अगर आपके गांव का चापाकल खराब है तो आप हमें कंट्रोल रूम के नंबर पर सूचित करें उसे ठीक कराया जाएगा.

बिन पानी सब सून

एक कहावत है बिन पानी सब सून. पहाड़ी नदियों में 6 से 7 महीने तक पानी रहता है. बाकी समय वह सूखा रहता है. ऐसे में चापाकल का महत्व काफी बढ़ जाता है. जिला प्रशासन और पेयजल विभाग को चाहिए कि जब चापाकल खराब हो तो जल्द से जल्द ठीक कराया जाए ताकि लोगों को पानी के लिए तरसना नहीं पडें.

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