दुमकाः कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है लॉकडाउन में घर से नहीं निकलना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना. इसके लिए दुमका के जरमुंडी प्रखंड के बदरामपुर गांव में एक आदिवासी संथाल परिवार ने अपने घर के बाहर दरवाजे के चारों ओर बांस की बैरिकेडिंग कर दी है. उनका कहना है न वह कहीं जाएंगे न कोई उनके यहां आएगा.
ये भी पढ़ें-जमशेदपुरः कोटा से लौट रहे छात्रों को पुलिस ने रोका, जांच के बाद भेजा होम क्वॉरेंटाइन
क्या है पूरा मामला
बता दें कि जरमुंडी प्रखंड के बदरामपुर गांव कोरोना बीमारी को लेकर सतर्क है. ग्रामीणों ने गांव के मुहाने पर बांस लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया है जिससे कि बाहरी लोग गांव में प्रवेश न कर सकें. वहीं, गांव के दिलीप टुडू ने अपने घर के दरवाजे पर भी बैरिकेडिंग कर दी है. उसका परिवार अपने घर में ही रहता है. उनका कहना है कि न किसी के घर जाना है न दूसरे को आने देना है. दिलीप का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महामारी से बचाने के लिए घर में रहने को कहा है. वह दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दे रह हैं.
ग्रामीण हो रहे प्रभावित
दिलीप टुडू के इस पहल से बदरामपुर के अन्य ग्रामीण काफी प्रभावित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह उनके लिए एक पाठ है. जिला मुख्यालय से सुदूर गांव में रहने वाला दिलीप टुडू कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिस तरह जागरूकता दिखा रहा है यह वैसे लोगों के लिए सबक है जो इसकी गंभीरता को नहीं समझते और सुरक्षा नियमों को तोड़ने का काम कर रहे हैं.