दुमका: जिले में मलूटी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 5 साल पहले शुरू हुआ था लेकिन 2019 से रूक गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई है. ऐसे में काफी जरूरी है कि इसे जो सजाने संवारने का काम चल रहा था, वह जल्द से जल्द पूरा हो.
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मलूटी मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम अधूरा
शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी गांव में 400 वर्ष पुराने 72 मंदिर हैं. इसी वजह से इस मलूटी गांव को मंदिरों का गांव कहा जाता है. देखरेख के अभाव में इन मंदिरों की स्थिति धीरे-धीरे जर्जर हो रही है. लगभग दो दशक पहले राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत का काम शुरू किया था लेकिन फिर भूल गई. बाद में केंद्र सरकार ने इसकी सुधि ली और विस्तृत कार्य योजना बनाई गई. केंद्र सरकार ने 2015 में लगभग चार करोड़ की लागत से इसके जीर्णोद्धार के कार्य का शिलान्यास किया था. 2016 में यह काम शुरू हुआ. जिसके बाद जीर्णोद्धार कार्य की गति काफी धीमी नजर आई. पहले फेज में 22 मंदिरों का काम शुरू हुआ. हालांकि वह काम भी पूर्ण नहीं हुआ.