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400 साल पुराने मलूटी के मंदिर खस्ताहाल, अरसे से जीर्णोद्धार कार्य ठप

दुमका के मलूटी में मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम महीनों से रूका हुआ है. इसकी वजह से लोगों को डर है कि कहीं ये ऐतिहासिक धरोहर नष्ट न हो जाए. इसे लेकर डीसी ने आश्वासन दिया है कि मलूटी के मंदिरों का जीर्णोद्धार का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा.

restoration work not completed of maluti temples in dumka
मलूटी मंदिर
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Published : Jun 20, 2021, 12:26 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 12:46 PM IST

दुमका: जिले में मलूटी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 5 साल पहले शुरू हुआ था लेकिन 2019 से रूक गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई है. ऐसे में काफी जरूरी है कि इसे जो सजाने संवारने का काम चल रहा था, वह जल्द से जल्द पूरा हो.

ये भी पढ़ें- दुमका के मलूटी में मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम नहीं हुआ पूरा, कहीं नष्ट न हो जाए ऐतिहासिक धरोहर



मलूटी मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम अधूरा
शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी गांव में 400 वर्ष पुराने 72 मंदिर हैं. इसी वजह से इस मलूटी गांव को मंदिरों का गांव कहा जाता है. देखरेख के अभाव में इन मंदिरों की स्थिति धीरे-धीरे जर्जर हो रही है. लगभग दो दशक पहले राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत का काम शुरू किया था लेकिन फिर भूल गई. बाद में केंद्र सरकार ने इसकी सुधि ली और विस्तृत कार्य योजना बनाई गई. केंद्र सरकार ने 2015 में लगभग चार करोड़ की लागत से इसके जीर्णोद्धार के कार्य का शिलान्यास किया था. 2016 में यह काम शुरू हुआ. जिसके बाद जीर्णोद्धार कार्य की गति काफी धीमी नजर आई. पहले फेज में 22 मंदिरों का काम शुरू हुआ. हालांकि वह काम भी पूर्ण नहीं हुआ.

देखें पूरी खबर
स्थानीय लोगों की मांग सरकार ने मलूटी मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए चार करोड़ की राशि भी आवंटित की थी. इसके बावजूद काम महीनों से रूका हुआ है. इसे लेकर स्थानीय लोग काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि मंदिरों की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई है. ऐसे में इसको सजाने संवारने का काम जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए.
restoration-work-not-completed-of-maluti-temples-in-dumka
मलूटी मंदिर
क्या कहती हैं जिले के उपायुक्तइस संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी का कहना है कि काम शुरू होने के बाद कुछ लोकल इश्यू हुए थे. स्थानीय लोगों ने कुछ अपनी मांगें रखीं थीं. लोगों का यह भी कहना था कि मरम्मत के नाम पर मंदिर की मौलिकता को नष्ट किया जा रहा है. मिल बैठकर सारे मामले शॉर्ट आउट कर दिया गया है लेकिन उसके बाद कोरोना काल आने से काम रूक गया है. उपायुक्त ने कहा कि जैसे ही सारी स्थिति सामान्य हो जाएगी, जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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मलूटी मंदिर
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मलूटी मंदिर
सरकार को ध्यान देने की जरूरतपिछले कुछ सालों से झारखंड सरकार ने मलूटी मंदिर को अपने पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान दिया है. लोगों का रूझान भी बढ़ रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इसकी मौलिकता को बरकरार रखते हुए मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम जल्द से जल्द संपन्न कराया जाए.

दुमका: जिले में मलूटी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 5 साल पहले शुरू हुआ था लेकिन 2019 से रूक गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई है. ऐसे में काफी जरूरी है कि इसे जो सजाने संवारने का काम चल रहा था, वह जल्द से जल्द पूरा हो.

ये भी पढ़ें- दुमका के मलूटी में मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम नहीं हुआ पूरा, कहीं नष्ट न हो जाए ऐतिहासिक धरोहर



मलूटी मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम अधूरा
शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी गांव में 400 वर्ष पुराने 72 मंदिर हैं. इसी वजह से इस मलूटी गांव को मंदिरों का गांव कहा जाता है. देखरेख के अभाव में इन मंदिरों की स्थिति धीरे-धीरे जर्जर हो रही है. लगभग दो दशक पहले राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत का काम शुरू किया था लेकिन फिर भूल गई. बाद में केंद्र सरकार ने इसकी सुधि ली और विस्तृत कार्य योजना बनाई गई. केंद्र सरकार ने 2015 में लगभग चार करोड़ की लागत से इसके जीर्णोद्धार के कार्य का शिलान्यास किया था. 2016 में यह काम शुरू हुआ. जिसके बाद जीर्णोद्धार कार्य की गति काफी धीमी नजर आई. पहले फेज में 22 मंदिरों का काम शुरू हुआ. हालांकि वह काम भी पूर्ण नहीं हुआ.

देखें पूरी खबर
स्थानीय लोगों की मांग सरकार ने मलूटी मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए चार करोड़ की राशि भी आवंटित की थी. इसके बावजूद काम महीनों से रूका हुआ है. इसे लेकर स्थानीय लोग काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि मंदिरों की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई है. ऐसे में इसको सजाने संवारने का काम जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए.
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मलूटी मंदिर
क्या कहती हैं जिले के उपायुक्तइस संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी का कहना है कि काम शुरू होने के बाद कुछ लोकल इश्यू हुए थे. स्थानीय लोगों ने कुछ अपनी मांगें रखीं थीं. लोगों का यह भी कहना था कि मरम्मत के नाम पर मंदिर की मौलिकता को नष्ट किया जा रहा है. मिल बैठकर सारे मामले शॉर्ट आउट कर दिया गया है लेकिन उसके बाद कोरोना काल आने से काम रूक गया है. उपायुक्त ने कहा कि जैसे ही सारी स्थिति सामान्य हो जाएगी, जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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मलूटी मंदिर
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मलूटी मंदिर
सरकार को ध्यान देने की जरूरतपिछले कुछ सालों से झारखंड सरकार ने मलूटी मंदिर को अपने पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान दिया है. लोगों का रूझान भी बढ़ रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इसकी मौलिकता को बरकरार रखते हुए मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम जल्द से जल्द संपन्न कराया जाए.
Last Updated : Jun 20, 2021, 12:46 PM IST
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