दुमकाः गर्भवती महिला को कोविड वैक्सीन देने के बाद दूसरे दिन उसकी मौत हो गयी. पति ने आरोप लगाकर स्वास्थ्यकर्मी पर कार्रवाई की मांग की है. लेकिन इसको लेकर सिविल सर्जन का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए कोरोना का वैक्सीन सुरक्षित है, मौत की वजह कुछ और ही है.
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जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कोलाईबाड़ी गांव के जुतिन मुर्मू ने शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी (Shikaripada BDO Santosh Kumar Choudhary) को लिखित आवेदन दिया है. जुतिन ने अपने आवेदन में बताया कि मेरी पत्नी जो गर्भवती थी और 4 दिन पूर्व 17 नवंबर को कोलाईबाड़ी गांव के ग्राहक सेवा केंद्र में पैसा निकालने गई थी. वहीं स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से पत्नी को भी कोविड वैक्सीन दिया जा रहा था. उन्होंने मेरी पत्नी को बुलाकर कोरोना का वैक्सीन (Corona Vaccine) दे दिया.
जुतिन ने बताया कि उनकी पत्नी को अगले माह ही प्रसव होना था. वैक्सीन लेने के बाद रात में पत्नी की तबीयत खराब होने लगी. उसके बाद उसे शिकारीपाड़ा सीएचसी में भर्ती कराया गया. सुबह में स्थिति ज्यादा बिगड़ गई तो शिकारीपाड़ा सीएचसी से उसे दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Phulo Jhano Medical College Hospital) रेफर कर दिया गया. जहां 18 तारीख के शाम 7:30 बजे पत्नी और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की मौत हो गयी.
स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग
जुतिन ने अपने आवेदन में बीडीओ से वैक्सीन देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही मुआवजे की भी डिमांड की है. इस पूरे मामले पर शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और जांच के बाद हुई इस पर कुछ कहा जा सकता है.
मौत की वजह कुछ और- सिविल सर्जन
इस पूरे मामले पर दुमका सिविल सर्जन बीपी सिंह (Dumka Civil Surgeon BP Singh) ने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि गर्भवती महिला को कोरोना का वैक्सीन देना सुरक्षित है. इसमे जो भी रिएक्शन होता है वह सिमटम लेने के आधा से एक घंटा के बाद होता है. यही वजह रहती है कि वैक्सीन लेने के बाद मेडिकल स्टाफ उस व्यक्ति को कुछ देर बैठाया जाता है. यहां वैक्सीन लेने के दूसरे दिन मौत हुई है, हो सकता है कि मौत की वजह कुछ और रही हो.