दुमका: केंद्र और राज्य सरकार वाटर बॉडी को संरक्षित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. वहीं दूसरी ओर झारखंड की उपराजधानी दुमका में जलाशयों को प्रदूषित किया जा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है.
इसे भी पढे़ं: कैसे मनाएंगे पिकनिक? मैथन डैम के आसपास लगा कचरे का अंबार, मूलभूत सुविधाओं का अभाव
दुमका हवाई अड्डा रोड स्थित मसानजोर डैम के जल अधिग्रहण क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा. मेडिकल कचरे को भी लोग यहां पानी में डाल रहे हैं. जिससे जलाशय का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है. कुछ वर्ष पहले यहां का पानी निर्मल और स्वच्छ हुआ करता था. लेकिन लगातार कचरा डालने की वजह से पानी प्रदूषित हो गया है. अब इस जलाशय का पानी मवेशियों के पीने लायक भी नहीं रह गया है.
खूंटा बांध तालाब सरकारी अनदेखी का शिकार
शहर का खूंटा बांध तालाब भी सरकारी अनदेखी का शिकार हो गया है. लोग यहां भी कूड़ा डंप करते हैं. इस वजह से तालाब का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है.
इसे भी पढे़ं: हटिया डैम के पानी का बदला रंग! राइस मिल से निकलती गंदगी से लोग चिंतित
क्या कहते हैं लोग
जलाशयों के प्रति इस तरह की लापरवाही से स्थानीय लोग काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि कुछ वर्ष पहले तक यह जलाशय कल-कल धारा के रूप में स्वच्छ नजर आता था. लेकिन आज यह पूरी तरह से प्रदूषित है. स्थानीय सरकार से इस पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अधिकारी कमलाकांत पाठक से बात करने की कोशिश की. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.