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बासुकीनाथ मंदिर को खुलवाने की पंडा कर रहे मांग, DC ने कहा- राज्य सरकार की समिति के आदेश का है इंतजार

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Published : Aug 12, 2020, 8:03 PM IST

कोरोना को लेकर दुमका बासुकिनाथ मंदिर बंद है. इसे खुलवाने को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने एक बैठक की है. इस बैठक में मंदिर को खोलने को लेकर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया गया. इसके साथ ही पंडा समाज के लोगों ने मंदिर खुलवाने की मांग की.

Panda demands opening of Basukinath Temple in Dumka
बासुकीनाथ मंदिर

दुमका: जिले का प्रसिद्ध बासुकिनाथ मंदिर पिछले 22 मार्च से बंद है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे खोलने को लेकर जिला प्रशासन ने एक बैठक की. जिसमें मंदिर न्यास समिति के सदस्यों के साथ स्थानीय पुरोहित समाज भी उपस्थित रहे. इस बैठक में मंदिर को खोलने को लेकर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया गया. जिसे राज्य स्तर पर गठित कमिटी को भेजा गया. अब वहां से जो निर्देश आएगा उस अनुसार काम होगा. हालांकि यह सब तो प्रशासन की अपनी कागजी प्रक्रिया है पर बासुकीनाथ मंदिर के जो पुरोहित समाज है उनकी मांग है जो भी व्यवस्था देनी हो दीजिए पर मंदिर खोलिए.

देखें पूरी खबर

पंडा समाज कर रहा है मंदिर खोलने की मांग

बासुकीनाथ मंदिर के जो पंडा समाज के लोग हैं वे जल्द से जल्द मंदिर को खोलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो भी नियम का फॉलो करना है उसे कीजिये पर मंदिर खोलिए. वे कहते हैं यहां मंदिर ही पूर्ण रूप से आजीविका का साधन है तो कोविड के लिए सुरक्षा मापदंड है, उसे अपनाये पर मंदिर में पूजा अर्चना का कार्य शुरू कराएं. यहां के कई लोग भुखमरी के कगार पर है कुछ तो कीजिये. श्रावणी मेला भी खाली गया अब भादो आ गया है । इस वक्त भी काफ़ी श्रद्धालु आते थे लेकिन सब कुछ समाप्त हो गया है.

ये भी देखें- 132 साल पुराना है लोहरदगा नगरपालिका का इतिहास, संरक्षित करने की है जरूरत

उपायुक्त ने दी जानकारी
बासुकीनाथ मंदिर खुलने के संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया है. इसे लेकर बासुकीनाथ में जो बैठक की उसके प्रस्ताव को उस समिति को सौंप दिया है. अब समिति का जो निर्णय होगा आगे की कार्रवाई उसी अनुसार की जाएगी.

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बासुकीनाथ न्यास समिति के सदस्यों और पुरोहित समाज के साथ बैठक कर जो प्रस्ताव तैयार कर राज्य स्तर पर बने समिति को भेजा है. उस प्रस्ताव की खास बात यह है कि श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक दर्शन कराने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है. हर सोमवार को सुबह 6:00 से दोपहर 2 बजे तक 300 की संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. दर्शन करने से पहले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन निबंध कराना होगा. जिसमें उनका नाम, उम्र, पहचान पत्र की आवश्यकता होगी. ऑनलाइन निबंधन में 5 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोग अपना निबंधन नहीं करा पाएंगे. इसके साथ ही जिन्हें बीपी, शुगर, डायबिटीज की बीमारी है उन्हें भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

दुमका: जिले का प्रसिद्ध बासुकिनाथ मंदिर पिछले 22 मार्च से बंद है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे खोलने को लेकर जिला प्रशासन ने एक बैठक की. जिसमें मंदिर न्यास समिति के सदस्यों के साथ स्थानीय पुरोहित समाज भी उपस्थित रहे. इस बैठक में मंदिर को खोलने को लेकर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया गया. जिसे राज्य स्तर पर गठित कमिटी को भेजा गया. अब वहां से जो निर्देश आएगा उस अनुसार काम होगा. हालांकि यह सब तो प्रशासन की अपनी कागजी प्रक्रिया है पर बासुकीनाथ मंदिर के जो पुरोहित समाज है उनकी मांग है जो भी व्यवस्था देनी हो दीजिए पर मंदिर खोलिए.

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पंडा समाज कर रहा है मंदिर खोलने की मांग

बासुकीनाथ मंदिर के जो पंडा समाज के लोग हैं वे जल्द से जल्द मंदिर को खोलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो भी नियम का फॉलो करना है उसे कीजिये पर मंदिर खोलिए. वे कहते हैं यहां मंदिर ही पूर्ण रूप से आजीविका का साधन है तो कोविड के लिए सुरक्षा मापदंड है, उसे अपनाये पर मंदिर में पूजा अर्चना का कार्य शुरू कराएं. यहां के कई लोग भुखमरी के कगार पर है कुछ तो कीजिये. श्रावणी मेला भी खाली गया अब भादो आ गया है । इस वक्त भी काफ़ी श्रद्धालु आते थे लेकिन सब कुछ समाप्त हो गया है.

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उपायुक्त ने दी जानकारी
बासुकीनाथ मंदिर खुलने के संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया है. इसे लेकर बासुकीनाथ में जो बैठक की उसके प्रस्ताव को उस समिति को सौंप दिया है. अब समिति का जो निर्णय होगा आगे की कार्रवाई उसी अनुसार की जाएगी.

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बासुकीनाथ न्यास समिति के सदस्यों और पुरोहित समाज के साथ बैठक कर जो प्रस्ताव तैयार कर राज्य स्तर पर बने समिति को भेजा है. उस प्रस्ताव की खास बात यह है कि श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक दर्शन कराने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है. हर सोमवार को सुबह 6:00 से दोपहर 2 बजे तक 300 की संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. दर्शन करने से पहले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन निबंध कराना होगा. जिसमें उनका नाम, उम्र, पहचान पत्र की आवश्यकता होगी. ऑनलाइन निबंधन में 5 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोग अपना निबंधन नहीं करा पाएंगे. इसके साथ ही जिन्हें बीपी, शुगर, डायबिटीज की बीमारी है उन्हें भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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