दुमका: कोरोना महामारी ने समाज के सभी सेक्टर को नुकसान पहुंचाया है. विकास की गति तो काफी हद तक अवरुद्ध हुई है. इसी में से एक है दुमका में बन रहे झारखंड के सबसे लंबे पुल का निर्माण कार्य. दरअसल, मयूराक्षी नदी पर 3 किलोमीटर का लंबा पुल बनाया जा रहा है. साल 2018 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था और 2021 तक इसे बनाया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण अब तक इसका काम रुका हुआ है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 2022 तक यह कम्पलीट हो पाएगा.
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काफी महत्वपूर्ण साबित होगा यह पुल
बता दें कि मयूराक्षी नदी पर बनने वाले इस 3 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण से दुमका के सदर प्रखंड, रानीश्वर प्रखंड और मसलिया प्रखंड के दर्जनों गांव के लगभग दो लाख लोगों को फायदा होगा. निर्माण के बाद मसलिया प्रखंड के दर्जनों गांव के लोगों को दुमका जिला मुख्यालय आने में 20 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. वहीं, रानीश्वर प्रखंड के कई गांव और सदर प्रखंड के मसानजोर और रानीबहाल इलाके के लोगों को भी लाभ पहुंचेगा. इधर जिला मुख्यालय से जो लोग पश्चिम बंगाल के वीरभूम और आसनसोल जायेंगे, उन्हें भी कम दूरी तय करनी पड़ेगी.
इस पुल के निर्माण कार्य को देख स्थानीय लोग काफी खुश और उत्साहित हैं. उनका कहना है कि इस पुल के पूर्ण हो जाने के बाद इलाके का तीव्र विकास होगा. खासतौर पर मत्स्य पालन और उसके बिक्री पर काफी सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि मसानजोर डैम और मयूराक्षी नदी के किनारे रहने वाले हजारों लोग मछली पालन से जुड़े हुए हैं. उनको बाजार आने जाने में काफी सुविधा होगी. इसके साथ ही रोजगार की संभावना बढ़ेगी.
ग्रामीण क्षेत्र के लोग सीधे पुल पार कर जिला मुख्यालय पहुंच जाएंगे. वहीं यह पूरा इलाका पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. यहां पर स्थित पहाड़- नदियां लोगों को आकर्षित करती हैं. पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए.