ETV Bharat / city

दुमका: जंगल से 9 स्वचालित राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा मामला

दुमका में पुलिस ने दस दिन में दूसरी बार बड़ी मात्रा में नक्सलियों के छिपाए असलहे और विस्फोटक सामग्री बरामद किए हैं. इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है, जंगल से बड़े पैमाने पर हथियार मिलने को प्रदेश में होने वाले चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

9 automatic rifles recovered from dumka forest
दुमका में नक्सली हथियार
author img

By

Published : Aug 11, 2020, 7:43 PM IST

दुमका: पिछले 10 दिनों में पुलिस ने दूसरी बार जिले से नक्सलियों के छिपाए हथियार बरामद किए हैं. अब पुलिस ने शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र और मसलिया थाना क्षेत्र के जंगल से 9 स्वचालित राइफल, 500 से अधिक कारतूस, 1675 डेटोनेटर, 12 मैगजीन और अन्य सामान बरामद किए हैं. जिले से भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार बरामद होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है. इन मामलों को प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

देखें पूरी खबर

पिछले साल नक्सलियों के खिलाफ मिली थी बड़ी सफलता

बता दें कि पिछले साल की शुरुआत में हार्डकोर नक्सली ताला दा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. इसके बाद पीसी दी समेत कई हार्डकोर नक्सली नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. इसके बाद भी जिस तरह से 10 दिनों में दूसरी बार पुलिस को हथियारों का जखीरा मिला है. इससे जांच एजेंसियों को नक्सली दस्तों के फिर सक्रिय होने की चिंता सता रही है.

इस संबंध में संथालपरगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़े अभियान चलाए जाएंगे. बरामद हथियार के बारे में उनका कहना है कि यह भी संभव है कि नक्सली अपनी गतिविधियां कहीं और संचालित कर रहे हैं और इस इलाके को हथियार छुपाने का अड्डा बनाए हों.

कई बड़ी वारदात को अंजाम दे चुके हैं नक्सली

बता दें कि लगभग 15 सालों से दुमका में नक्सली गतिविधि चल रही है पर नक्सलियों ने 2013 में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार को निशाना बनाकर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. इस वारदात में काठीकुंड थाना क्षेत्र के जंगल के पास घात लगाए नक्सलियों ने एसपी सहित छह पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाया था. मामला यहीं नहीं रूका, 2014 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग करा कर लौट रही पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी लगातार छिटपुट नक्सली घटना चलती रही. साल 2019 में एसएसबी के एक जवान की रानीश्वर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने जान ले ली थी. इस घटना में दो अन्य भी जवान घायल हुए थे.

ये भी देखें- साहिबगंज: बेंगलुरु के मुथूट बैंक से 70 किलोग्राम सोना चुराने का आरोपी गिरफ्तार, साथियों की तलाश

उपचुनाव को देखते हुए सतर्कता जरूरी

सूत्रों का कहना है कि हाल के महीनों में दुमका विधानसभा के लिए उपचुनाव होना है. नक्सलियों का पुराना रिकॉर्ड रहा है कि वह चुनाव में हिंसात्मक घटना को अंजाम देते हैं. 2009 और 2014 के चुनाव में नक्सली हिंसा हो चुकी है. ऐसे में जिस तरह नक्सली आर्म्स की बरामदगी हो रही है. इस उपचुनाव के मद्देनजर इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए.

दुमका: पिछले 10 दिनों में पुलिस ने दूसरी बार जिले से नक्सलियों के छिपाए हथियार बरामद किए हैं. अब पुलिस ने शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र और मसलिया थाना क्षेत्र के जंगल से 9 स्वचालित राइफल, 500 से अधिक कारतूस, 1675 डेटोनेटर, 12 मैगजीन और अन्य सामान बरामद किए हैं. जिले से भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार बरामद होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है. इन मामलों को प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

देखें पूरी खबर

पिछले साल नक्सलियों के खिलाफ मिली थी बड़ी सफलता

बता दें कि पिछले साल की शुरुआत में हार्डकोर नक्सली ताला दा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. इसके बाद पीसी दी समेत कई हार्डकोर नक्सली नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. इसके बाद भी जिस तरह से 10 दिनों में दूसरी बार पुलिस को हथियारों का जखीरा मिला है. इससे जांच एजेंसियों को नक्सली दस्तों के फिर सक्रिय होने की चिंता सता रही है.

इस संबंध में संथालपरगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़े अभियान चलाए जाएंगे. बरामद हथियार के बारे में उनका कहना है कि यह भी संभव है कि नक्सली अपनी गतिविधियां कहीं और संचालित कर रहे हैं और इस इलाके को हथियार छुपाने का अड्डा बनाए हों.

कई बड़ी वारदात को अंजाम दे चुके हैं नक्सली

बता दें कि लगभग 15 सालों से दुमका में नक्सली गतिविधि चल रही है पर नक्सलियों ने 2013 में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार को निशाना बनाकर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. इस वारदात में काठीकुंड थाना क्षेत्र के जंगल के पास घात लगाए नक्सलियों ने एसपी सहित छह पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाया था. मामला यहीं नहीं रूका, 2014 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग करा कर लौट रही पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी लगातार छिटपुट नक्सली घटना चलती रही. साल 2019 में एसएसबी के एक जवान की रानीश्वर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने जान ले ली थी. इस घटना में दो अन्य भी जवान घायल हुए थे.

ये भी देखें- साहिबगंज: बेंगलुरु के मुथूट बैंक से 70 किलोग्राम सोना चुराने का आरोपी गिरफ्तार, साथियों की तलाश

उपचुनाव को देखते हुए सतर्कता जरूरी

सूत्रों का कहना है कि हाल के महीनों में दुमका विधानसभा के लिए उपचुनाव होना है. नक्सलियों का पुराना रिकॉर्ड रहा है कि वह चुनाव में हिंसात्मक घटना को अंजाम देते हैं. 2009 और 2014 के चुनाव में नक्सली हिंसा हो चुकी है. ऐसे में जिस तरह नक्सली आर्म्स की बरामदगी हो रही है. इस उपचुनाव के मद्देनजर इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.