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FJMCH से 11 सीनियर रेजिडेंट के जाने के बाद बढ़ी मुश्किलें, सिर्फ 09 डॉक्टरों के भरोसे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल

फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 11 सीनियर रेजिडेंट के जाने के बाद अब सिर्फ 09 डॉक्टरों के भरोसे पीजेएमसीएच चल रहा है. स्थिति इतनी खराब हो गई है कि नेत्र और मनोचिकित्सक से भी इमरजेंसी में ड्यूटी लेनी पड़ रही है.

Lack of doctors in Phoolo Jhano Medical College Hospita
Lack of doctors in Phoolo Jhano Medical College Hospita
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Published : Aug 21, 2022, 5:23 PM IST

Updated : Aug 21, 2022, 5:48 PM IST

दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत 11 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का अनुबंध इसी माह के 12 अगस्त को समाप्त हो गया जिसके बाद वे चले गए. इसकी सूचना मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सरकार को पहले ही दे दी थी. लेकिन इसके बाद भी चिकित्सकों की भरपाई के दिशा में कोई पहल नहीं हुई. अब नतीजा यह है अचानक से FJMCH में डॉक्टरों की कमी हो गई है (Lack of doctors in Phoolo Jhano Medical College Hospital).

ये भी पढ़ें: अगले कुछ दिन PJMCH के लिए बेहद खास, 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों से 11 का अनुबंध हो रहा है समाप्त

क्या है पूरा मामला: दुमका में स्वास्थ्य सुविधाएं फिर से चरमराने लगी है. एक के बाद एक चिकित्सकों की कमी से फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल जूझ रहा है. यहां की चिकित्सा सुविधा महज 09 डॉक्टरों पर आकर सिमट गयी है. प्रसुति से संबंधित सेवा के लिए महज दो ही डाक्टर इस अस्पताल में रह गई है. यह स्थिति और भी भयावह तब से हुई है जब ग्यारह सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अपना टर्म पूरा होने के बाद चले गये (contract of eleven senior resident doctors ends). एक और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर 23 अगस्त को चली जाएंगी. 23 अगस्त को जानेवाली डॉ अंकिता गाइनाक्लॉजिस्ट हैं.

डॉ अनुकरण पूर्ति, अधीक्षक, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल



कई विभाग हो गये हैं रिक्त: एक साथ 11 डॉक्टरों के चले जाने से कई विभाग अचानक से रिक्त हो गए हैं. FJMCH के सुपरिटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति ने बताया कि हमारे यहां पहले से चर्म रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट के पद रिक्त थे, अब 11 चिकित्सक के चले जाने से मेडिसिन जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी खाली हो गया है. जबकि अन्य विभाग में इक्के दुक्के डॉक्टर रह गए हैं. इधर पहले से चर्म रोग विशेषज्ञ के न रहने से त्वचा से संबंधित बीमारियों की जांच नहीं हो पा रही है. इसके अलावा रेडियोलॉजिस्ट के नहीं रहने से कई तरह की जांच अस्पताल प्रबंधन नहीं करा पाता. अस्पताल में लाखों रुपये के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. इस बारे में FJMCH अधीक्षक कहते हैं कि चिकित्सकों की क्राइसिस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेत्र रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक से भी इमरजेंसी में ड्यूटी लेनी पड़ रही है.

प्रसुति राग विशेषज्ञ की कमी से इस अस्पताल में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. वर्तमान में मौजूद दो ही प्रसुति रोग विशेषज्ञ कैसे 24 X7 स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराए, उन्हें केवल प्रसव से संबंधित वार्ड ही नहीं देखना होता, इनडोर के अलावा ओपीडी और ओटी भी आना-जाना पड़ता है. प्रसव से संबंधित लगभग 100 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचती हैं. इस पूरे मामले पर दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनुकरण पूर्ति कहते हैं कि पहले से हमारे यहां चिकित्सकों की कमी है. इस माह 11 चिकित्सकों का अनुबंध खत्म होने के बाद वह चले गए इससे स्थिति और विकराल हो गई है. उन्होंने बताया कि किसी तरह हम काम चल रहा है, क्योंकि अस्पताल में सर्विस देनी सबसे जरूरी है. जबकि मरीजों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है. इससे मौजूद डॉक्टरों की ड्यूटी भी बढ़ी है, जाहिर है कि क्वालिटी ट्रीटमेंट देने में परेशानी आ रही है.



चिकित्सकों की कमी की जानकारी दी गई है: अधीक्षक डॉ अनुकरण पूर्ति ने बताया कि पहले से चिकिस्तकों की कमी की जानकारी प्रबंधन के स्तर से स्वास्थ्य विभाग रांची को दी गई है. अब जब 11 चिकित्सक का अनुबंध समाप्त हो गया और इसके एवज में अन्य दूसरे डॉक्टरों की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक उसकी पूर्ति नहीं हुई है. अधीक्षक ने बताया कि किसी तरह काम चल रहा है लेकिन जल्द से जल्द हमें डॉक्टर चाहिए.

दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत 11 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का अनुबंध इसी माह के 12 अगस्त को समाप्त हो गया जिसके बाद वे चले गए. इसकी सूचना मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सरकार को पहले ही दे दी थी. लेकिन इसके बाद भी चिकित्सकों की भरपाई के दिशा में कोई पहल नहीं हुई. अब नतीजा यह है अचानक से FJMCH में डॉक्टरों की कमी हो गई है (Lack of doctors in Phoolo Jhano Medical College Hospital).

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क्या है पूरा मामला: दुमका में स्वास्थ्य सुविधाएं फिर से चरमराने लगी है. एक के बाद एक चिकित्सकों की कमी से फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल जूझ रहा है. यहां की चिकित्सा सुविधा महज 09 डॉक्टरों पर आकर सिमट गयी है. प्रसुति से संबंधित सेवा के लिए महज दो ही डाक्टर इस अस्पताल में रह गई है. यह स्थिति और भी भयावह तब से हुई है जब ग्यारह सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अपना टर्म पूरा होने के बाद चले गये (contract of eleven senior resident doctors ends). एक और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर 23 अगस्त को चली जाएंगी. 23 अगस्त को जानेवाली डॉ अंकिता गाइनाक्लॉजिस्ट हैं.

डॉ अनुकरण पूर्ति, अधीक्षक, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल



कई विभाग हो गये हैं रिक्त: एक साथ 11 डॉक्टरों के चले जाने से कई विभाग अचानक से रिक्त हो गए हैं. FJMCH के सुपरिटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति ने बताया कि हमारे यहां पहले से चर्म रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट के पद रिक्त थे, अब 11 चिकित्सक के चले जाने से मेडिसिन जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी खाली हो गया है. जबकि अन्य विभाग में इक्के दुक्के डॉक्टर रह गए हैं. इधर पहले से चर्म रोग विशेषज्ञ के न रहने से त्वचा से संबंधित बीमारियों की जांच नहीं हो पा रही है. इसके अलावा रेडियोलॉजिस्ट के नहीं रहने से कई तरह की जांच अस्पताल प्रबंधन नहीं करा पाता. अस्पताल में लाखों रुपये के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. इस बारे में FJMCH अधीक्षक कहते हैं कि चिकित्सकों की क्राइसिस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेत्र रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक से भी इमरजेंसी में ड्यूटी लेनी पड़ रही है.

प्रसुति राग विशेषज्ञ की कमी से इस अस्पताल में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. वर्तमान में मौजूद दो ही प्रसुति रोग विशेषज्ञ कैसे 24 X7 स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराए, उन्हें केवल प्रसव से संबंधित वार्ड ही नहीं देखना होता, इनडोर के अलावा ओपीडी और ओटी भी आना-जाना पड़ता है. प्रसव से संबंधित लगभग 100 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचती हैं. इस पूरे मामले पर दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनुकरण पूर्ति कहते हैं कि पहले से हमारे यहां चिकित्सकों की कमी है. इस माह 11 चिकित्सकों का अनुबंध खत्म होने के बाद वह चले गए इससे स्थिति और विकराल हो गई है. उन्होंने बताया कि किसी तरह हम काम चल रहा है, क्योंकि अस्पताल में सर्विस देनी सबसे जरूरी है. जबकि मरीजों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है. इससे मौजूद डॉक्टरों की ड्यूटी भी बढ़ी है, जाहिर है कि क्वालिटी ट्रीटमेंट देने में परेशानी आ रही है.



चिकित्सकों की कमी की जानकारी दी गई है: अधीक्षक डॉ अनुकरण पूर्ति ने बताया कि पहले से चिकिस्तकों की कमी की जानकारी प्रबंधन के स्तर से स्वास्थ्य विभाग रांची को दी गई है. अब जब 11 चिकित्सक का अनुबंध समाप्त हो गया और इसके एवज में अन्य दूसरे डॉक्टरों की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक उसकी पूर्ति नहीं हुई है. अधीक्षक ने बताया कि किसी तरह काम चल रहा है लेकिन जल्द से जल्द हमें डॉक्टर चाहिए.

Last Updated : Aug 21, 2022, 5:48 PM IST
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