दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव अपने परवान पर है. मेला में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इस मेला का आर्थिक पहलू बहुत ही सबल है. यहां झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के व्यवसायी अपने उत्पाद के साथ पहुंचकर अच्छा व्यवसाय प्राप्त कर रहे हैं. खासतौर पर यहां लोहे और पत्थर के बने सामानों के दर्जनों दुकानें सजी हैं. वहीं रंग बिरंगे खिलौने, श्रृंगार प्रसाधन के सामान के साथ-साथ तरह-तरह के झूले, खाने पीने के सामान मेला को आकर्षक रूप प्रदान कर रहा है.
क्या कहते हैं दुकानदार
मेले में अपने उत्पाद को लेकर आए कई दुकानदारों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान सभी काफी प्रसन्न नजर आए. उनका कहना है कि हम लोग दूसरी जगह से आए हैं और यहां काफी अच्छा व्यवसाय प्राप्त कर रहे हैं. हमारी अच्छी आमदनी भी हो रही है. वह कहते हैं हम पूरे वर्ष इस मेला का इंतजार करते हैं ताकि एक बेहतर रोजगार प्राप्त हो सके.
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आदिवासी संस्कृति से जुड़े सामानों के स्टॉल पर भीड़
जनजातीय महोत्सव में आदिवासी संस्कृति से जुड़ी पोशाके, देशी औषधि उनके रीति-रिवाजों से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध हैं. इसके साथ ही साथ संथाल परगना और झारखंड से सम्बंधित कानून जैसे एसपीटी एक्ट के साथ-साथ संथाल हूल की गाथा से संबंधित यहां पुस्तक लोगों के आकर्षण का केंद्र है. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि इस मेला को वो काफी एंजॉय करते हैं और काफी समान यहां से खरीद कर ले जाते हैं.
इस महोत्सव का स्वरूप दिन प्रतिदिन निखरता जा रहा है. इस मेले का दोहरा लाभ अब साफ देखे को मिल रहा. लोगों को यहां आकर पॉजीटिव एनर्जी मिलती है, वहीं व्यवसायियों को अच्छा-खासा रोजगार प्राप्त होता है.