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दुमका में कभी भी गिर सकता है जर्जर सरकारी भवन, कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

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Published : Jun 20, 2020, 7:12 PM IST

दुमका शहरी क्षेत्र से सटे मोरटंगा इलाके के लोग जान जाने के भय से डरे सहमे रहते हैं. इसकी वजह यह है कि यहां घनी आबादी वाले इलाके में एक अत्यन्त जर्जर सरकारी विद्यालय भवन है. यह किसी पल धाराशाही हो सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारे में कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई थी, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Shabby government building
जर्जर सरकारी भवन

दुमकाः दुमका शहरी क्षेत्र से सटे मोरटंगा इलाके के लोग जान जाने के भय से डरे सहमे रहते हैं. इसकी वजह यह है कि यहां घनी आबादी वाले इलाके में एक अत्यन्त जर्जर सरकारी विद्यालय भवन है. यह किसी पल धाराशाही हो सकता है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि कई साल पहले ही जब इस भवन की स्थिति बदहाल होने लगी तो उसके ठीक बगल में दो साल पहले प्राथमिक विद्यालय केंवटपाड़ा का नया भवन बनकर तैयार हो गया. स्कूल वहां शिफ्ट भी कर दिया गया, लेकिन पुराना भवन जो खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है उसे आज तक हटाया नहीं गया. इसी वजह से लोग यहां डरे सहमे रहते हैं. एक तरफ नया स्कूल भवन है तो दूसरी ओर कई लोगों के मकान हैं. अगर यह भवन गिर गया तो कई लोगों की जान जा सकती है.

ये भी पढ़ें- गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत, हजारीबाग में 4 महीने में 500 करोड़ होगी खर्च

इस जर्जर विद्यालय को लेकर लोग काफी चिंतित है. उनका कहना है कि यह भवन कभी भी गिर सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे यहां रहते हैं, स्कूल में बच्चे रहते हैं तो एक डर सा बना हुआ रहता है. वहीं इस विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष संगीता देवी बताती है कि उन्होंने काफी प्रयास किया कि जर्जर भवन हटाया जाए, लेकिन आज तक नहीं हटाया जा सका. इस संबंध में स्थानीय वार्ड सदस्य अनुज पंडित ने बताया कि यह काफी खतरनाक है और उन्होंने सरकार से मांग की किया कि इसे जल्द हटाया जाए. वहीं स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल अनिता मंडल कहती है कि इसे जर्जर भवन को हटाने के लिए विभाग को लिख कर दिया है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

क्या किसी हादसे का हो रहा है इंतजार
जिस तरह इस सरकारी भवन के प्रति शिक्षा विभाग अनदेखी कर रहा है क्यों न यह माना जाए कि उसे किसी हादसे का इंतजार है. सरकार को अविलंब इस दिशा में गंभीरता दिखानी चाहिए.

दुमकाः दुमका शहरी क्षेत्र से सटे मोरटंगा इलाके के लोग जान जाने के भय से डरे सहमे रहते हैं. इसकी वजह यह है कि यहां घनी आबादी वाले इलाके में एक अत्यन्त जर्जर सरकारी विद्यालय भवन है. यह किसी पल धाराशाही हो सकता है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि कई साल पहले ही जब इस भवन की स्थिति बदहाल होने लगी तो उसके ठीक बगल में दो साल पहले प्राथमिक विद्यालय केंवटपाड़ा का नया भवन बनकर तैयार हो गया. स्कूल वहां शिफ्ट भी कर दिया गया, लेकिन पुराना भवन जो खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है उसे आज तक हटाया नहीं गया. इसी वजह से लोग यहां डरे सहमे रहते हैं. एक तरफ नया स्कूल भवन है तो दूसरी ओर कई लोगों के मकान हैं. अगर यह भवन गिर गया तो कई लोगों की जान जा सकती है.

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इस जर्जर विद्यालय को लेकर लोग काफी चिंतित है. उनका कहना है कि यह भवन कभी भी गिर सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे यहां रहते हैं, स्कूल में बच्चे रहते हैं तो एक डर सा बना हुआ रहता है. वहीं इस विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष संगीता देवी बताती है कि उन्होंने काफी प्रयास किया कि जर्जर भवन हटाया जाए, लेकिन आज तक नहीं हटाया जा सका. इस संबंध में स्थानीय वार्ड सदस्य अनुज पंडित ने बताया कि यह काफी खतरनाक है और उन्होंने सरकार से मांग की किया कि इसे जल्द हटाया जाए. वहीं स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल अनिता मंडल कहती है कि इसे जर्जर भवन को हटाने के लिए विभाग को लिख कर दिया है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

क्या किसी हादसे का हो रहा है इंतजार
जिस तरह इस सरकारी भवन के प्रति शिक्षा विभाग अनदेखी कर रहा है क्यों न यह माना जाए कि उसे किसी हादसे का इंतजार है. सरकार को अविलंब इस दिशा में गंभीरता दिखानी चाहिए.

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