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हादसों का शहर बना दुमका, 2 महीने और 50 मौत

दुमका जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से लोग डर सहमे हैं. पिछले दो महीने में सड़क दुर्घटनाओं में 50 लोगों की जान जा चुकी है. इसकी वजह है यहां बेलगाम दौड़ने वाले ट्रक.

हादसों का शहर
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Published : Jul 26, 2019, 8:03 PM IST

दुमका: जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से लोग डरे सहमे हुए हैं. पिछले दो माह में लगभग 50 लोगों की जान सड़क हादसे की वजह से गई है. जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह शिकारीपाड़ा के पत्थर खदान एरिया से स्टोन चिप्स ढोने वाले भारी वाहन हैं.

हादसों का शहर

बेलगाम ट्रक चालक
बता दें कि सैकड़ों ट्रक स्टोन चिप्स दुमका से झारखंड और बिहार के कई जिलों में जाता है. अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं ट्रकों की वजह से होती है. दरअसल इन ट्रकों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है और इस वजह से ये तेज ड्राइव करते हैं. दूसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना. साथ ही सभी तरह के वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना है.

क्या कहते हैं स्थानीय
इस सड़क हादसों की वजह से उपराजधानीवासी काफी सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि हर दिन इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती हैं. प्रशासन कुछ ऐसे कदम उठाएं जिससे इन हादसों की संख्या पर अंकुश लगे.

ये भी पढ़ें- BSP झारखंड विस के सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव, कहा- BJP के रहते विकास संभव नहीं

क्या कहते हैं जिले के एसपी
इस संबंध में जब हमने दुमका जिला के एसपी वाई एस रमेश से बात की तो उन्होंने भी माना कि सड़क हादसों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. वह कहते हैं कि इस पर हम गंभीर हैं और रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

दुमका: जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से लोग डरे सहमे हुए हैं. पिछले दो माह में लगभग 50 लोगों की जान सड़क हादसे की वजह से गई है. जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह शिकारीपाड़ा के पत्थर खदान एरिया से स्टोन चिप्स ढोने वाले भारी वाहन हैं.

हादसों का शहर

बेलगाम ट्रक चालक
बता दें कि सैकड़ों ट्रक स्टोन चिप्स दुमका से झारखंड और बिहार के कई जिलों में जाता है. अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं ट्रकों की वजह से होती है. दरअसल इन ट्रकों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है और इस वजह से ये तेज ड्राइव करते हैं. दूसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना. साथ ही सभी तरह के वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना है.

क्या कहते हैं स्थानीय
इस सड़क हादसों की वजह से उपराजधानीवासी काफी सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि हर दिन इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती हैं. प्रशासन कुछ ऐसे कदम उठाएं जिससे इन हादसों की संख्या पर अंकुश लगे.

ये भी पढ़ें- BSP झारखंड विस के सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव, कहा- BJP के रहते विकास संभव नहीं

क्या कहते हैं जिले के एसपी
इस संबंध में जब हमने दुमका जिला के एसपी वाई एस रमेश से बात की तो उन्होंने भी माना कि सड़क हादसों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. वह कहते हैं कि इस पर हम गंभीर हैं और रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

Intro:दुमका -
दुमका जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से लोग डरे सहमे हुए हैं । पिछले 2 माह में लगभग 50 लोगों की जान सड़क हादसे की वजह से गई है । जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं । सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह शिकारीपाड़ा के पत्थर खदान एरिया से स्टोन चिप्स ढोने वाले भारी वाहन है । सैकड़ों ट्रक स्टोन चिप्स दुमका से झारखंड और बिहार के कई जिलों में जाता है और अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं ट्रकों की वजह से होता है । दरअसल इन ट्रकों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है और इस वजह से ये तेज ड्राईव करते हैं । दुसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना । साथ ही सभी तरह के वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन करना है ।


Body:क्या कहते हैं स्थानीय लोग ।
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इस सड़क हादसों की वजह से उपराजधानीवासी काफी सहमे हुए हैं । उनका कहना है कि प्रतिदिन इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती है उनका कहना है कि प्रशासन कुछ ऐसे कदम उठाएं जिससे इन हादसों की संख्या में अंकुश लगे ।
बाईट -
हरविंदर सिंह , स्थानीय नागरिक

बाईट - अमरेंद्र कुमार , सदस्य , रोड सेफ्टी टास्क फोर्स, दुमका


Conclusion:क्या कहते हैं जिले के एसपी ।
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इस संबंध में जब हमने दुमका जिला के एसपी वाई एस रमेश से बात की तो उन्होंने भी माना कि सड़क हादसों की संख्या मैं काफी वृद्धि हुई है । वह कहते हैं कि इस पर हम गंभीर हैं और रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं । इसमें सड़क के किनारे लाइन होटल में शराब बेचने पर प्रतिबंध जो चालक नशे की हालत में अपनी वाहन ड्राइव कर रहा है उस पर कार्रवाई साथ ही साथ सड़कों के ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करना है ।
बाईट - वाई एस रमेश , एसपी , दुमका

फाईनल वीओ - मानव जीवन से बढ़कर कुछ नहीं । अब जब लोग बेमौत मर रहे हैं तो इसे रोकने के लिए जो भी कदम हो उसे शीघ्र उठाने चाहिए ।
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