पाकुड़: कुपोषण को दूर भगाने और ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार बनाने वाली महत्वपूर्ण दीदी बाड़ी योजना का शुभारंभ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के दुर्गम पहाड़ पर स्थित आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल कैराबनी से किया गया. कैराबनी गांव में दीदी बाड़ी योजना का उद्घाटन जिले के डीसी कुलदीप चौधरी और उपविकास आयुक्त अनमोल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया. उद्घाटन के दौरान डीसी ने फलों में पपीता, नींबू के पौधों और सब्जियों में मूली, टमाटर, साग, भिंडी की सब्जियों का बीजारोपण भी किया.
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उद्घाटन के दौरान सखी दीदीयां जिन्हें इस योजना का लाभुक बनाया गया है, डीसी ने उनसे सीधा संवाद किया और की जाने वाली खेती के बारे में विस्तार से बताया. उपायुक्त ने कैराबनी में पौष्टिक आहार से संबंधित फलों और सब्जियों की लगायी गई नर्सरी का भी मुआयना किया और पेयजल सहित सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए डीप बोरिंग के साथ सोलर संचालित पेयजलापूर्ति व्यवस्था बहाल करने की घोषणा भी की.
डीसी ने बताया कि दीदी बाड़ी योजना से गांव की वैसी महिलाओं को जोड़ा गया है जिनके घरों के पास परती जमीन है. इस योजना के तहत लाभुक बनाई गई महिलाओं को मनरेगा से बतौर मजदूरी तीन हजार रुपए दिए जाएंगे जबकि बीज और पौधे झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी मुहैया कराएगा. इस योजना का मुख्य मकसद ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार देने के साथ साथ गांव से कुपोषण को भगाना है. दीदी बाड़ी येाजना के तहत परती भूमि पर बनाई गई बाड़ी में उपजे साग, सब्जी और फलदार पौधे में कृत्रिम खाद का उपयोेग किया जाएगा ताकि रासायनिक मुक्त पौष्टिक आहार का सेवन गांव में रहने वाले लोग करें और कुपोषण का शिकार ना होने पाए.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सासोइटी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दीदी बाड़ी योजना के 22 हजार लाभुक इस वित्तीय वर्ष में बनाए जाने हैं. इनमें ज्यादातर पहाड़िया और आदिवासी समाज की महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है.