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दुमका में विकास के दावे कितने सच कितने झूठ, पढ़िए पूरी खबर - शिबू सोरेन परिवार

शिबू सोरेन की कर्मस्थली दुमका में कितना विकास हुआ है, इसको लेकर राजनीतिक दलों के बीच बहस छिड़ गई है. विपक्षी जहां जिले में सिर्फ सोरेन परिवार के विकास का आरोप लगा रहे हैं, वहीं जेएमएम ने विपक्ष के बयान को गलत बताते हुए विकास का दावा किया है.

Debate on claims of development in Dumka
दुमका में विकास के दावे कितना सच
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Published : Oct 27, 2021, 2:01 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 2:13 PM IST

दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ और शिबू सोरेन की कर्मभूमि माने जाने वाले उपराजधानी में कितना विकास हुआ है और कितना पिछड़ा है, इसको लेकर बहस छिड़ गई है. सत्ता पक्ष के लोग जहां इस क्षेत्र में विकास की गति तेज बता रहे हैं, वहीं विपक्ष की नजर में यह जिला विकास के मामले में अब भी वहीं है जहां आज से 21 साल पहले झारखंड गठन के समय था.

ये भी पढ़ें- दुमका में 40 हजार बच्चों को मिलेगी साइकिल, इस बार अभिभावक नहीं उठा पाएंगे बच्चों के पैसों का लाभ

शिबू सोरेन के लिए काफी अहम है दुमका

झारखंड की राजनीति में दिशोम गुरू के नाम से पुकारे जाने वाले शिबू सोरेन के लिए ये जिला कितना अहम है. उसका अंदाजा उनके राजनीतिक करियर से लगाया जा सकता है. शिबू सोरेन यहां से 8 बार लोकसभा चुनाव में जीत कर सांसद बने. दुमका की जनता पर उनको इतना विश्वास था कि उन्होंने यहीं से अपने पुत्र हेमंत सोरेन के राजनीतिक करियर की नींव रखी. 2005 में हेमंत सोरेन पहली बार दुमका विधानसभा क्षेत्र से ही जेएमएम के प्रत्याशी बने. हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. 2009 में दुमका से हेमंत सोरेन पहली बार विधायक बनकर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. 2019 में जब हेमंत ने दुमका सीट को छोड़ दी तो शिबू सोरेन ने अपने छोटे बेटे बसंत सोरेन को दुमका से चुनाव लड़ाया. बंसत भी 2020 का दुमका उपचुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं.

देखें वीडियो

दुमका पर विरोधियों की नजर

दुमका सीट पर लगातार सोरेन परिवार के दबदबे को देखते हुए विरोधियों की इस पर खास नजर है. विपक्षी पार्टी जिले में विकास के नहीं होने का दावा करते हुए शिबू सोरेन को इसके लिए जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. विपक्षी दल के नेताओं की माने तो यहां पर लगातार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद सोरेन परिवार की उपलब्धि शून्य है.

दुमका बीजेपी के जिला अध्यक्ष परितोष सोरेन कहते हैं कि जनप्रतिनिधि के तौर पर सोरेन परिवार ने जिले के लिए कुछ किया नहीं है. झारखंड राज्य के अलग गठन में भी शिबू सोरेन की नहीं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका महत्वपूर्ण थी. बिहार सरकार में पूर्व मंत्री कमलाकांत सिन्हा ने भी जिले का विकास नहीं होने के लिए शिबू सोरेन को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि दुमका की जनता जहां थी वहीं अब भी है. जिले में अगर विकास हुआ है तो सिर्फ शिबू सोरेन परिवार का हुआ है.

जेएमएम ने किया विकास का दावा

विरोधियों के दावे पर जेएमएम की तरफ से भी जवाब दिया गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने विकास का दावा करते हुए कहा कि हमने राज्य के साथ दुमका के लोगों को मानसिक तौर पर काफी मजबूत किया है. उनके मुताबिक लोगों को यह महसूस होता है कि वे अपने राज्य में हैं. उन्होंने कहा सीएम हेमंत सोरेन अच्छा काम कर रहे हैं. विजय सिंह के मुताबिक सीएम का फोकस सभी क्षेत्र पर है. वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार वृद्धि की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं.

दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ और शिबू सोरेन की कर्मभूमि माने जाने वाले उपराजधानी में कितना विकास हुआ है और कितना पिछड़ा है, इसको लेकर बहस छिड़ गई है. सत्ता पक्ष के लोग जहां इस क्षेत्र में विकास की गति तेज बता रहे हैं, वहीं विपक्ष की नजर में यह जिला विकास के मामले में अब भी वहीं है जहां आज से 21 साल पहले झारखंड गठन के समय था.

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शिबू सोरेन के लिए काफी अहम है दुमका

झारखंड की राजनीति में दिशोम गुरू के नाम से पुकारे जाने वाले शिबू सोरेन के लिए ये जिला कितना अहम है. उसका अंदाजा उनके राजनीतिक करियर से लगाया जा सकता है. शिबू सोरेन यहां से 8 बार लोकसभा चुनाव में जीत कर सांसद बने. दुमका की जनता पर उनको इतना विश्वास था कि उन्होंने यहीं से अपने पुत्र हेमंत सोरेन के राजनीतिक करियर की नींव रखी. 2005 में हेमंत सोरेन पहली बार दुमका विधानसभा क्षेत्र से ही जेएमएम के प्रत्याशी बने. हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. 2009 में दुमका से हेमंत सोरेन पहली बार विधायक बनकर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. 2019 में जब हेमंत ने दुमका सीट को छोड़ दी तो शिबू सोरेन ने अपने छोटे बेटे बसंत सोरेन को दुमका से चुनाव लड़ाया. बंसत भी 2020 का दुमका उपचुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं.

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दुमका पर विरोधियों की नजर

दुमका सीट पर लगातार सोरेन परिवार के दबदबे को देखते हुए विरोधियों की इस पर खास नजर है. विपक्षी पार्टी जिले में विकास के नहीं होने का दावा करते हुए शिबू सोरेन को इसके लिए जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. विपक्षी दल के नेताओं की माने तो यहां पर लगातार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद सोरेन परिवार की उपलब्धि शून्य है.

दुमका बीजेपी के जिला अध्यक्ष परितोष सोरेन कहते हैं कि जनप्रतिनिधि के तौर पर सोरेन परिवार ने जिले के लिए कुछ किया नहीं है. झारखंड राज्य के अलग गठन में भी शिबू सोरेन की नहीं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका महत्वपूर्ण थी. बिहार सरकार में पूर्व मंत्री कमलाकांत सिन्हा ने भी जिले का विकास नहीं होने के लिए शिबू सोरेन को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि दुमका की जनता जहां थी वहीं अब भी है. जिले में अगर विकास हुआ है तो सिर्फ शिबू सोरेन परिवार का हुआ है.

जेएमएम ने किया विकास का दावा

विरोधियों के दावे पर जेएमएम की तरफ से भी जवाब दिया गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने विकास का दावा करते हुए कहा कि हमने राज्य के साथ दुमका के लोगों को मानसिक तौर पर काफी मजबूत किया है. उनके मुताबिक लोगों को यह महसूस होता है कि वे अपने राज्य में हैं. उन्होंने कहा सीएम हेमंत सोरेन अच्छा काम कर रहे हैं. विजय सिंह के मुताबिक सीएम का फोकस सभी क्षेत्र पर है. वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार वृद्धि की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Oct 27, 2021, 2:13 PM IST
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