दुमका: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. महिलाओं के सशक्तिकरण के दिशा में कई कार्य हो रहे हैं, उन्हें कैसे स्वावलंबी बनाया जाए और समाज में वे कैसे बेहतर मुकाम बना पाए इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. कुछ ऐसा ही मुकाम हासिल किया है भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी राजेश्वरी बी ने. वो अभी दुमका की उपायुक्त पद पर अपनी सेवा दे रही हैं. राजेश्वरी बी वर्तमान समय में झारखंड के सभी 24 जिलों में एकमात्र महिला हैं जो उपायुक्त के पद पर काम कर रही हैं.
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राजेश्वरी बी ने की समाज से अपील
उपायुक्त राजेश्वरी बी जो खुद महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में समाज से अपील की कि घर की महिला सदस्यों को अच्छी तालीम दे और पढ़ा लिखा कर उन्हें स्वाबलंबी बनाएं, आत्मनिर्भर बनाएं.
महिलाओं को शिक्षा से लेकर रोजगार के क्षेत्र में काम
उपायुक्त ने बताया कि लड़कियों के शिक्षा के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है. कस्तूरबा विद्यालय या अन्य ऐसे स्कूल जो बालिकाओं के लिए हैं. उसमें बच्चियों की संख्या काफी कैसे बढ़ाई जाए, उन्हें बेहतर शिक्षा कैसे प्रदान किया जाए इस पर लगातार कार्य किए जा रहे हैं. इसके साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में भी काफी काम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुमका में शगुन सूतम, मयूराक्षी सिल्क जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं का कौशल विकास किया जा रहा है, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है और रोजगार से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने महिलाओं से भी अपील की है कि आप भी जिला प्रशासन की इन योजनाओं के साथ जुड़े और अपना भविष्य संवारें.
महिला उत्पीड़न की घटनाएं समाज के लिए चिंतनीय
महिला उत्पीड़न समाज के लिए बड़ी समस्या है. इसे रोकने के हमलोग मुस्तैद हैं. इसके साथ ही इसके लिए समाज को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा न हो यह परिवार का भी दायित्व है. पुलिस भी महिला हिंसा, महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्पर है. इसके साथ ही जिला प्रशासन के समाज कल्याण विभाग की ओर से पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला गया है. जहां उनकी काउंसलिंग की जाती है. अगर महिलाओं को कानूनी सहायता चाहिए, स्वास्थ्य सेवा चाहिए या फिर उनको कुछ समय के लिए आवास चाहिए तो वह सारी व्यवस्था की गई है.