दुमका: संथाल परगना का जामताड़ा और देवघर जिला साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता है, लेकिन हाल के कुछ महीनों से दुमका भी इसकी जद में आ रहा है. यही वजह है कि यहां साइबर थाना खोला गया. जिसमें 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. पिछले 10 दिनों में पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार अपराधियों के पास से काफी मात्रा में रुपये, लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. जब पुलिस ने इनसे पूछताछ की और इनके लैपटॉप और मोबाइल को खंगाला तो पता चला कि काफी संख्या में लोगों से इन्होंने ठगी की है. अब पुलिस उन लोगों का पता लगा रही है, जो इनके शिकार बने हैं, ताकि इस अपराध के तह तक पहुंचा जा सके.
क्या कहते हैं साइबर डीएसपी
दुमका में राम समद साइबर डीएसपी के पद पर स्थापित हैं. उनका कहना है कि अब साइबर अपराधियों ने अपने अपराध का तरीका बदल लिया है. अब ये लोगों से एटीएम और अकाउंट का नंबर नहीं पूछते हैं, क्योंकि इस मामले में लोग जागरूक हो गए हैं. अब यह लोगों को लालच दे रहे हैं कि आपको कंपनी गिफ्ट वाउचर या कैशबैक दे रही है. लोग उसकी लालच में आ जाते हैं और साइबर क्रिमिनल के जाल में फंस जाते हैं. वे लोगों से अपील करते हैं कि आप मोबाइल के इस्तेमाल में काफी सतर्कता बरतें.
साइबर अपराधी हमारे लिए चुनौती - एसपी
दुमका जिले के एसपी अंबर लकड़ा का कहना है कि साइबर अपराधी हमारे लिए आज चुनौती हैं. उन्होंने कहा कि हमारी तहकीकात से यह पता चला है कि यहां एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जो युवाओं को अपने गिरोह में शामिल कर उनसे अपराध करवा रहा है. एसपी ने कहा कि पुलिस की भी तैयारी पूरी है और हम इस गैंग को ध्वस्त कर उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे.
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साइबर अपराधी लोगों के मेहनत की कमाई झटके में उड़ा लेते हैं. खासकर भोले-भाले लोग इनका निशाना बनते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि इन पर जल्द से जल्द लगाम लगाया जाये.