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बाबा बासुकीनाथ के दरबार से कोई नहीं गया निराश! कांवरियों की ऐसे होती है यात्रा पूरी - Dumka News

सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो गया है. इस दौरान दुमका के बाबा बासुकीनाथ में भक्तों का दूसरे दिन भी तांता लगा रहा. भक्तों का कहना है कि उनकी सभी मुरादों को भोलेनाथ ने पूरा किया है.

बासुकीनाथ में उमड़ा भक्तों का सैलाब
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Published : Jul 18, 2019, 12:04 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 1:32 PM IST

दुमका: बाबा बासुकीनाथ की महिमा अपरंपार है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव से मुराद मांगते हैं, उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. इसके साथ ही धार्मिक मान्यता यह भी है कि कांवर यात्रा तभी पूरी मानी जाती है जब सावन में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर बाबाधाम में जलार्पण के बाद बाबा बासुकीनाथ के दरबार पहुंचते हैं और उनका जलाभिषेक करते हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

बासुकीनाथ पंडा धर्मरक्षिणी अध्यक्ष मनोज पंडा का कहना है कि बाबा बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहा जाता है. यहां पर शिव भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो जल्द ही पूरी होती है. वो कहते हैं कि यहां जलाभिषेक के बाद ही भक्तों की कांवर यात्रा पूरी होती है.

बासुकीनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु अपनी कांवर यात्रा से काफी थके हुए पहुंचते हैं. हालांकि जैसे ही वो शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है. वो झूमने लगते हैं और बाबा का जयकारा लगाने लगते हैं. भक्तों का कहना है कि यहां आकर उन्होंने जो मांगा भगवान शिव ने उसे पूरा किया.

दुमका: बाबा बासुकीनाथ की महिमा अपरंपार है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव से मुराद मांगते हैं, उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. इसके साथ ही धार्मिक मान्यता यह भी है कि कांवर यात्रा तभी पूरी मानी जाती है जब सावन में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर बाबाधाम में जलार्पण के बाद बाबा बासुकीनाथ के दरबार पहुंचते हैं और उनका जलाभिषेक करते हैं.

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बासुकीनाथ पंडा धर्मरक्षिणी अध्यक्ष मनोज पंडा का कहना है कि बाबा बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहा जाता है. यहां पर शिव भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो जल्द ही पूरी होती है. वो कहते हैं कि यहां जलाभिषेक के बाद ही भक्तों की कांवर यात्रा पूरी होती है.

बासुकीनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु अपनी कांवर यात्रा से काफी थके हुए पहुंचते हैं. हालांकि जैसे ही वो शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है. वो झूमने लगते हैं और बाबा का जयकारा लगाने लगते हैं. भक्तों का कहना है कि यहां आकर उन्होंने जो मांगा भगवान शिव ने उसे पूरा किया.

Intro:दुमका -
बाबा बासुकीनाथ की महिमा अपरंपार है यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव से मांगते हैं , उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है । साथ ही धार्मिक मान्यता यह भी है कि कांवर यात्रा तभी पूर्ण मानी जाती है जब सावन में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल उठा कर बाबाधाम में जला पर जलार्पण के बाद बाबा बासुकीनाथ के दरबार पहुंचते हैं और उनका जलाभिषेक करते हैं ।


Body:क्या कहते हैं पुरोहित ।
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बाबा बासुकी की महिमा का वर्णन करना असंभव है वहीं भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता है । फिर भी लोग अपने ईष्ट का गुणगान करते ही हैं । बासुकीनाथ पंडा धर्मरक्षिणी अध्यक्ष मनोज पंडा का कहना है कि बाबा बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहा जाता है क्योंकि यहां पर शिव भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वह शीघ्र पूरी होती है । वे कहते हैं कि यहाँ जलाभिषेक के बाद ही भक्तों की कावर यात्रा पूर्ण होती है ।

बाईट - मनोज पंडा , अध्यक्ष पंडा धर्मरक्षिणी सभा, बासुकीनाथ


Conclusion:श्रद्धालुओं को भी अपने इष्ट भगवान शिव से है अगाध प्रेम ।
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बासुकीनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु अपने कांवर यात्रा से काफी थके हुए पहुंचते हैं । जैसे ही वे शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं उनकी सारी थकान दूर हो जाती है वे झूमने लगते हैं और बाबा का जयकारा लगाने लगते हैं । भक्तों का कहना है कि यहां आकर उन्होंने जो मांगा भगवान शिव ने उसे पूरा किया ।

बाईट - सुरेन्द्र चौधरी , श्रद्धालू , हावड़ा निवासी
बाईट - महेश जायसवाल , श्रद्धालू , छपरा

फाईनल वीओ -
भगवान शंकर औघड़दानी है वे अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं । बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालु भी यहां पूजा कर अपने को धन्य मानते हैं ।
Last Updated : Jul 18, 2019, 1:32 PM IST
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