दुमका: बाबा बासुकीनाथ की महिमा अपरंपार है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव से मुराद मांगते हैं, उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. इसके साथ ही धार्मिक मान्यता यह भी है कि कांवर यात्रा तभी पूरी मानी जाती है जब सावन में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर बाबाधाम में जलार्पण के बाद बाबा बासुकीनाथ के दरबार पहुंचते हैं और उनका जलाभिषेक करते हैं.
बासुकीनाथ पंडा धर्मरक्षिणी अध्यक्ष मनोज पंडा का कहना है कि बाबा बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहा जाता है. यहां पर शिव भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो जल्द ही पूरी होती है. वो कहते हैं कि यहां जलाभिषेक के बाद ही भक्तों की कांवर यात्रा पूरी होती है.
बासुकीनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु अपनी कांवर यात्रा से काफी थके हुए पहुंचते हैं. हालांकि जैसे ही वो शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है. वो झूमने लगते हैं और बाबा का जयकारा लगाने लगते हैं. भक्तों का कहना है कि यहां आकर उन्होंने जो मांगा भगवान शिव ने उसे पूरा किया.