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अगले कुछ दिन PJMCH के लिए बेहद खास, 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों से 11 का अनुबंध हो रहा है समाप्त

अगले कुछ दिन फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए बेहद खास हैं. क्योंकि 12 अगस्त को 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर में से 11 का अनुबंध समाप्त हो जाएगा.

resident doctors in PJMCH
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Published : Aug 2, 2022, 5:50 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 5:59 PM IST

दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर दुमका सहित पाकुड़, गोड्डा और आसपास के इलाके के लाखों लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था टिकी है. इतनी बड़ी जिम्मेदारी भले ही इस हॉस्पिटल पर हो लेकिन सरकार इसके मानव संसाधन के प्रति ज्यादा गम्भीर नहीं दिखती. PJMCH में 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग हैं इनमें से 11 डॉक्टर्स का अनुबंध 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा. जाहिर है इनके चले जाने से चिकिस्तकों की काफी कमी हो जाएगी और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: Health System in Dumka: दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करोड़ों के उपकरण बेकार, नहीं हैं स्पेशलिस्ट ऑपरेटर

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का: इस संबंध में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार कहते हैं कि 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर में 11 डॉक्टर्स का अनुबंध दस दिन में समाप्त होने वाला है. इस संबंध में स्वास्थय विभाग के मुख्यालय में सूचना दे दी गई है. इसके साथ ही पत्राचार कर यह भी डिमांड की है कि इनकी जगह अन्य डॉक्टर्स की पोस्टिंग की जाए, लेकिन अभी तक इस संबंध में किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई है. उनका कहना है कि अगर यह डॉक्टर चले जाएंगे तो काफी परेशानी होगी. इसलिए जल्द से जल्द इनके जगह डॉक्टर बहाल होने चाहिए.

डॉ रविंद्र कुमार, अधीक्षक, PJMCH

डॉ रविंद्र कुमार बताते हैं कि यहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक और चर्म रोग विशेषज्ञ पहले से ही नहीं हैं. वहीं हड्डी रोग, मनोचिकित्सक, शिशु रोग विशेषज्ञों की भी कमी है. जहां तक एनेस्थेटिक की बात है तो इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एनेस्थेटिक को प्रतिनियुक्त किया गया है, जिनकी मदद से ऑपरेशन के कार्य संपन्न हो रहे हैं. अगर ये डॉक्टर चले जाते हैं तो स्थिति और बिगड़ जाएगी. हालांकि फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग 24 डॉक्टर कार्यरत हैं अगर 11 डॉक्टर के चले जाने के बाद ओपीडी और भर्ती वाले मरीजों को सम्हालना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि अस्पताल प्रबंधन को विश्वास है कि समय रहते डॉक्टर्स आ जाएंगे.



जिन डॉक्टर्स का अनुबंध होने वाला है उनमें डॉ कुणाल किशोर, डॉ अभिषेक कुमार, मेडिसिन विभाग के डॉ मुकुल प्रीतम, डॉ रुथ के. तारा, नेत्र विभाग के डॉ मृणाल सिंह, डॉ शमीम अहमद, सर्जरी विभाग के अरुण मौजी, डॉ अरविन्द केआर, डॉ कमलेश कुमार, गायनी की डॉ अंकिता सिंह, ईएनटी के डॉ मो. नईमुद्दीन

पीजेएमसीएच के प्रति मरीजों में बढ़ा है रुझान: दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों का रुझान बढ़ा है. दिन भर मरीजों की भारी भीड़ अस्पताल में रहती है. ओपीडी खुलने के पहले ही मरीज डॉक्टर के इंतजार में कतारबद्ध हो जाते हैं. अगर हम मरीजों की संख्या की बात करें तो यह आंकड़ा लगभग प्रतिमाह औसतन 25 से 30 हजार की है. इतनी बड़ी संख्या के मरीजों को देखने के लिए यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों का होना अति आवश्यक है.

दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर दुमका सहित पाकुड़, गोड्डा और आसपास के इलाके के लाखों लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था टिकी है. इतनी बड़ी जिम्मेदारी भले ही इस हॉस्पिटल पर हो लेकिन सरकार इसके मानव संसाधन के प्रति ज्यादा गम्भीर नहीं दिखती. PJMCH में 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग हैं इनमें से 11 डॉक्टर्स का अनुबंध 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा. जाहिर है इनके चले जाने से चिकिस्तकों की काफी कमी हो जाएगी और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा.

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क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का: इस संबंध में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार कहते हैं कि 13 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर में 11 डॉक्टर्स का अनुबंध दस दिन में समाप्त होने वाला है. इस संबंध में स्वास्थय विभाग के मुख्यालय में सूचना दे दी गई है. इसके साथ ही पत्राचार कर यह भी डिमांड की है कि इनकी जगह अन्य डॉक्टर्स की पोस्टिंग की जाए, लेकिन अभी तक इस संबंध में किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई है. उनका कहना है कि अगर यह डॉक्टर चले जाएंगे तो काफी परेशानी होगी. इसलिए जल्द से जल्द इनके जगह डॉक्टर बहाल होने चाहिए.

डॉ रविंद्र कुमार, अधीक्षक, PJMCH

डॉ रविंद्र कुमार बताते हैं कि यहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक और चर्म रोग विशेषज्ञ पहले से ही नहीं हैं. वहीं हड्डी रोग, मनोचिकित्सक, शिशु रोग विशेषज्ञों की भी कमी है. जहां तक एनेस्थेटिक की बात है तो इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एनेस्थेटिक को प्रतिनियुक्त किया गया है, जिनकी मदद से ऑपरेशन के कार्य संपन्न हो रहे हैं. अगर ये डॉक्टर चले जाते हैं तो स्थिति और बिगड़ जाएगी. हालांकि फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग 24 डॉक्टर कार्यरत हैं अगर 11 डॉक्टर के चले जाने के बाद ओपीडी और भर्ती वाले मरीजों को सम्हालना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि अस्पताल प्रबंधन को विश्वास है कि समय रहते डॉक्टर्स आ जाएंगे.



जिन डॉक्टर्स का अनुबंध होने वाला है उनमें डॉ कुणाल किशोर, डॉ अभिषेक कुमार, मेडिसिन विभाग के डॉ मुकुल प्रीतम, डॉ रुथ के. तारा, नेत्र विभाग के डॉ मृणाल सिंह, डॉ शमीम अहमद, सर्जरी विभाग के अरुण मौजी, डॉ अरविन्द केआर, डॉ कमलेश कुमार, गायनी की डॉ अंकिता सिंह, ईएनटी के डॉ मो. नईमुद्दीन

पीजेएमसीएच के प्रति मरीजों में बढ़ा है रुझान: दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों का रुझान बढ़ा है. दिन भर मरीजों की भारी भीड़ अस्पताल में रहती है. ओपीडी खुलने के पहले ही मरीज डॉक्टर के इंतजार में कतारबद्ध हो जाते हैं. अगर हम मरीजों की संख्या की बात करें तो यह आंकड़ा लगभग प्रतिमाह औसतन 25 से 30 हजार की है. इतनी बड़ी संख्या के मरीजों को देखने के लिए यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों का होना अति आवश्यक है.

Last Updated : Aug 2, 2022, 5:59 PM IST
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