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दुमका: भावुक हुए सीएम हेमंत सोरेन, कहा- अब किसी मजदूर की नहीं जाएगी जान - दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

शनिवार को दुमका में मजदूरों को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मैं भी किसान-मजदूर का बेटा हूं. अब किसी भी मजदूर को जान गंवानी नहीं पड़ेगी. इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए.

CM Hemant Soren addressed workers in Dumka
दुमका में सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Jun 13, 2020, 8:37 PM IST

दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका में यह घोषणा किया कि राज्य में मजदूरों के लिए एक कड़ा कानून बनाया जाएगा. मजदूर चाहे अपने राज्य में काम करे या राज्य के बाहर अगर उनके हितों की अनदेखी होगी या फिर उन्हें जो मिलना चाहिए, वह नहीं मिलेगा तो उन पर कड़ी कार्रवाई करने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे. सीएम मजदूरों के एक स्पेशल ट्रेन को दुमका स्टेशन से उधमपुर रवाना करने के लिए आये थे.

देखें पूरी खबर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को मजदूरों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई महीनों में हमारे देश में मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. वे परेशान हैं, उनकी जान जा रही है. सीएम ने कहा कि मैं भी किसान-मजदूर का बेटा हूं. अब किसी भी मजदूर को जान गंवानी नहीं पड़ेगी. इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए.

ये भी पढ़ें- LOCKDOWN: मांग घटने से बढ़ीं पशुपालकों की मुश्किलें, नहीं बिक रहा है दूध

मजदूरों को रोजगार से जोड़ना मेरा कर्तव्य

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने कि कोरोना क्राइसिस में मजदूरों को ट्रेन और हवाई जहाज से लाने का काम किया. अब अगर कोई मजदूर रोजगार के लिए बाहर जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी व्यवस्था किसान और मजदूरों के लिए समर्पित है.

11,000 मजदूरों को ले जाने की है योजना - एडीजी, बीआरओ

सीमा सड़क संगठन के एडीजी अनिल कुमार ने जानकारी दी है कि हमारी योजना यहां से 11000 मजदूरों को ले जाने की है. इसके लिए छह स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि वर्षों से झारखंड के मजदूरों का योगदान देश हित में बहुत बड़ा है. वे सीमा पर सेना के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं.

दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका में यह घोषणा किया कि राज्य में मजदूरों के लिए एक कड़ा कानून बनाया जाएगा. मजदूर चाहे अपने राज्य में काम करे या राज्य के बाहर अगर उनके हितों की अनदेखी होगी या फिर उन्हें जो मिलना चाहिए, वह नहीं मिलेगा तो उन पर कड़ी कार्रवाई करने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे. सीएम मजदूरों के एक स्पेशल ट्रेन को दुमका स्टेशन से उधमपुर रवाना करने के लिए आये थे.

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को मजदूरों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई महीनों में हमारे देश में मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. वे परेशान हैं, उनकी जान जा रही है. सीएम ने कहा कि मैं भी किसान-मजदूर का बेटा हूं. अब किसी भी मजदूर को जान गंवानी नहीं पड़ेगी. इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए.

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मजदूरों को रोजगार से जोड़ना मेरा कर्तव्य

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने कि कोरोना क्राइसिस में मजदूरों को ट्रेन और हवाई जहाज से लाने का काम किया. अब अगर कोई मजदूर रोजगार के लिए बाहर जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी व्यवस्था किसान और मजदूरों के लिए समर्पित है.

11,000 मजदूरों को ले जाने की है योजना - एडीजी, बीआरओ

सीमा सड़क संगठन के एडीजी अनिल कुमार ने जानकारी दी है कि हमारी योजना यहां से 11000 मजदूरों को ले जाने की है. इसके लिए छह स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि वर्षों से झारखंड के मजदूरों का योगदान देश हित में बहुत बड़ा है. वे सीमा पर सेना के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं.

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