दुमका: वैसे तो झारखंड को देश में सभी खेलों का हब माना जाता है. यहां से कई खेल प्रतिभाओं ने न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन किया है. झारखंड सरकार भी खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने में मदद देने और तमाम सुविधाएं देने की दावा करती रहती है. लेकिन दुमका में स्थिति बिल्कुल उलट है. यहां आधुनिक सुविधाएं तो दूर खेल मैदानों की स्थिति भी बदहाल है.
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बदहाल है स्टेडियम और मैदान: कहने को तो दुमका में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए दो प्रमुख मैदान हैं. एक है आउटडोर स्टेडियम और दूसरा है गांधी मैदान. इन दोनों में दोनों मैदानों में खिलाड़ी प्रैक्टिस तो करते ही साथ ही साथ खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता रहा है. लेकिन वर्तमान हालत ऐसी हो गई है कि यहां खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन तो दूर प्रैक्टिस करना भी मुश्किल हो रहा है. आउटडोर स्टेडियम में मैदान की स्थिति बदहाल तो है ही साथ ही यहां बना दर्शक दीर्घा इतना जर्जर हो चुका है कि वह कभी भी ढह सकता है.
दुमका गांधी मैदान में सब्जी मार्केट: गांधी मैदान की हालत भी खेलने लायक नहीं रह गया है. कोरोना के समय में यहां लगने वाले सब्जी मार्केट के कारण स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इसके साथ ही गांधी मैदान में खुलेआम देसी शराब बिकने की वजह से भी माहौल पर बुरा असर पड़ रहा है.
हताश हैं जिले के खिलाड़ी: इस संबंध में जब खिलाड़ियों और स्थानीय नगर निकाय के जनप्रतिनिधि से बात की गई तो सभी ने एक सुर से मैदान की बदहाली की बात को स्वीकार किया और कहा कि जिले के खेल के मैदान अब खेलने लायक नहीं रह गए हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि ऐसे में हम कहां प्रैक्टिस करें और कैसे हमारा खेल का विकास होगा समझ में नहीं आ रहा है. खिलाड़ियों ने प्रशासन से अविलंब इस पर आवश्यक पहल करने की मांग की है.
खेल मंत्री ने दिया आश्वासन: उपराजधानी दुमका के खेल मैदानों की बदहाल स्थिति को लेकर जब झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे भी संज्ञान में यह मामला आया है. इस पर आवश्यक पहल की जाएगी और मैदानों बेहतर बनाया जाएगा.