दुमका: झारखंड में भाषा विवाद गहराता जा रहा है. अब उपराजधानी दुमका में 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने समाहरणालय के सामने प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
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झारखंड से हटाया जाए भोजपुरी भाषा: प्रदर्शनकारी छात्रों ने उपायुक्त के माध्यम से मुंख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर यह मांग की है कि भोजपुरी मगही और अंगिका भाषा को झारखंड से हटाया जाए. साथ ही झारखंड में 1932 के आधार पर स्थानीय नीति को लागू किया जाए. विरोध कर रहे छात्रों ने थर्ड ग्रेड और फोर्थ ग्रेड में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को सरकार के नौकरी देने के प्रस्ताव का विरोध किया और मांग की दोनों नौकरियों में 100 फीसदी स्थानीय लोगों को तरजीह दी जाए.
उग्र आंदोलन की चेतावनी: छात्रों ने कहा कि सरकार अगर हमलोगों की बात नही मानती है तो हमलोग चुप नहीं बैठने वाले हैं. हम झारखंड में उग्र आंदोलन करेंगे. जिसमें चक्का जाम भी किया जाएगा.