दुमका: भैरवपुर पंचायत के कई गांव से बिहार से काम करने गए लॉकडाउन में फंसे 24 से अधिक मजदूर वापस लौट आए है. जिसके बाद प्रशासन से उसे होम क्वॉरेंटाइन के लिए सेंटर लाने का प्रयास तेज कर दिया है. बता दें कि 16 मजदूरों को जामा लाया गया है. जहां 14 दिनों के लिए प्रखंड के अंतर्गत बनाई गई मुख्य क्वॉरेंटाइन सेंटर प्लस टू उच्च विद्यालय में चिकित्सक की देखरेख में रखा गया है.
जानकारी के अनुसार बरमसिया गांव से करीब 24 से अधिक मजदूर एक माह पहले काम करने के लिए बिहार, बढ़िया, गया हुआ था लेकिन 12 दिन काम करने के बाद सभी लॉकडाउन में फंस गए और जब काम करने के बाद पैसा खत्म होने लगा तो सभी पैदल यात्रा करते हुए भूखे प्यासे 3 दिन बाद अपने घर पहुंचे. मजदूरों में महिला और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं.
क्वॉरेंटाइन लाने वाले बरमसिया के चुन्नू टुडू ,रुचि लाल टुडू, बिटिया हसदा, पुतुल टुडू आदि मजदूरों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 250 किलोमीटर का रास्ता 3 दिन में तय कर घर पहुंचा कठिन काम था. इसके साथ ही दो बच्चा गोद में लेकर चले थे. उन्होंने कहा कि किसान पप्पू भाई के यहां काम कर रहे थे और बंदी हो गए थे तो वहां का मालिक थोड़ा थोड़ा खाना-पीना दे रहा था लेकिन हम लोग पैदल घर के लिए निकल गए.
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मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु चरण देवगम ने बताया कि सोमवार शाम में भैरव पुर पंचायत की कई गांव में मजदूर काम से वापस लौट आने की सूचना मिलते ही उसका पता लगाकर 16 मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन के लिए जामा लाया गया है. जहां 14 दिनों के लिए प्रखंड के अंतर्गत बनाई गई मुख्य क्वॉरेंटाइन सेंटर प्लस टू उच्च विद्यालय में चिकित्सक की देखरेख में रखा गया है. अब तक कुल 35 लोगों को लाया जा चुका है. वहीं, बाहर से लौटे अभी भी कुछ लोग घर नहीं पहुंच पाए है, उन्हें ढूंढा जा रहा है और सभी लोगों का आइसोलेशन कराया जाएगा.